यह आईपीओ भारतीय उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दो दशक के बाद कोई ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर कंपनी अपना आईपीओ ला रही है। इससे पहले जापान की वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी 2003 में आईपीओ लाई थी।
आप 8 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2024 तक इसका सब्सक्रिप्शन ले सकते हैं। गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग आईपीओ का प्राइस बैंड ₹92-95 प्रति शेयर की लिमिट में तय किया गया है, जिसका कुल प्रस्ताव मूल्य ₹264.10 करोड़ है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 50 सूचकांक पर ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक, अपोलो हॉस्पिटल्स और इंडसइंड बैंक शीर्ष लाभार्थी हैं, जबकि शीर्ष पिछड़ने वालों में टाटा स्टील, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील, बीपीसीएल और नेस्ले इंडिया शामिल हैं।
शेयर बाजार में निवेश का एक बुनियादी नियम वास्तव में लंबी अवधि के बारे में सोचना है। यह इसे सुरक्षित निवेश नहीं बना सकता है, लेकिन यह ऐसे निवेशों में शामिल जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन ने इंडिया टीवी को बताया कि बाजार में अभी 200 अंकों की और बड़ी गिरावट आ सकती है। उन्होंने बताया कि भारतीय बाजार आज के गिरावट के बाद और कमजोर हो गया है।
घरेलू बाजार में शुक्रवार, 20 सितंबर से शुरू हुए गिरावट का दौर लगातार जारी है। आज हफ्ते के पहले दिन बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। आज सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियों के शेयर नुकसान में और सिर्फ 7 कंपनियों के शेयर फायदे में रहे।
इस साल अगस्त में, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को 76 रुपये के निर्गम मूल्य पर सूचीबद्ध किया गया था। सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद से, शेयर उन स्तरों से 43 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
एनएसई ने 07 अक्टूबर 2024 को एफएंडओ बैन लिस्ट में जीएनएफसी, बंधन बैंक, बिड़लासॉफ्ट, ग्रेन्यूल्स इंडिया, हिंदुस्तान कॉपर, मणप्पुरम फाइनेंस और आरबीएल बैंक को शामिल किया है।
घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर रहेगी। एमपीसी की बैठक सात अक्टूबर को शुरू होगी। तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार यानी नौ अक्टूबर को की जाएगी।’
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव का सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। बाजार में 5 दिनों से जारी गिरावट की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को 16.26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
शुक्रवार को सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयर लाल निशान में और बाकी की 8 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए। इसी तरह निफ्टी 50 की भी 50 में से 37 कंपनियों के शेयर लाल निशान में और 13 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए।
स्विगी इस साल के आखिर में अपने आईपीओ की तैयारी कर रही है और कई महीनों से पब्लिक मार्केट में आने की तैयारी कर रही है। वित्त वर्ष 2024 में, स्विगी का राजस्व 36% बढ़ा, जो वित्त वर्ष 23 में 8,265 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 11,247 करोड़ रुपये हो गया।
सेक्टोरल सूचकांकों की बात करें, तो निफ्टी रियल्टी में सबसे अधिक 2.40 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इसके अलावा, निफ्टी बैंक में 0.23 फीसदी, निफ्टी ऑटो में 0.50 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.43 फीसदी की गिरावट दिखी।
इस हफ्ते भारतीय बाजार में गिरावट हावी रही। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 1272.07 अंकों की गिरावट के साथ 84,299.78 अंकों पर बंद हुआ तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी 50 भी 368.10 अंकों के नुकसान के साथ 25,810.85 अंकों पर बंद हुआ।
Stocks in upper circuit today : भारतीय शेयर बाजार में आज जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स करीब 1800 अंक और निफ्टी 550 अंक टूट गया। इसके बावजूद रिलायंस पावर समेत कई ऐसे शेयर हैं, जिनमें अपर सर्किट लगा है।
Why stock market fall today : ईरान-इजराइल संघर्ष और सेबी के नये नियमों पर आज बाजार में निवेशकों की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। निवेशक जबरदस्त बिकवाली करते दिखाई दे रहे हैं।
एनबीसीसी सिर्फ उन्हीं निवेशकों को बोनस शेयर देगी, जिनके पास 7 अक्टूबर तक कंपनी के शेयर होंगे। अगर आपको भी एनबीसीसी के शेयरों पर बोनस शेयर चाहिए तो आपके पास 4 अक्टूबर तक का समय है।
बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 27 सितंबर को 477.93 लाख करोड़ रुपये के लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया था। उसी दिन सेंसेक्स ने 85,978.25 अंक के अपने लाइफटाइम हाई को छुआ था। बीएसई सेंसेक्स ने कैलेंडर ईयर 2024 में अब तक 12,026.03 अंक यानी 16.64 प्रतिशत की छलांग लगाई है।
Stock Market Holidays : आज बुधवार को इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स और सिक्युरिटीज लेंडिंग एंड बोरोइंग (SLB) सेगमेंट्स बंद रहेंगे। इसके अलावा एमसीएक्स पर भी दोनों सेशंस में कोई ट्रेडिंग नहीं होगी।
इस साल अभी तक 62 कंपनियां अपने आईपीओ के जरिए कुल मिलाकर 64,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं। ये साल 2023 के पूरे साल में 57 आईपीओ के जरिए जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपये से 29 प्रतिशत ज्यादा है।
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