कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी थी। इसकी वजह बाजार में जारी तेजी रही लेकिन अब बदलते हालात ने इस तेजी पर ब्रेक लगाने का काम किया है। डीमैट खाते खुलने की संख्या में गिरावट आई है।
वित्तीय प्रौद्योगिकी ब्रोकरेज कंपनी एंजेल वन की पहल फिन वन की रिपोर्ट सर्वेक्षण में शामिल 45% लोगों ने इन्हें सावधि जमा (एफडी) या सोने जैसे अधिक पारंपरिक विकल्पों पर तरजीह दी है। मौजूदा समय में 58% युवा भारतीय निवेशक शेयरों में निवेश करते हैं, जबकि 39% म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं।
स्विगी के आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये की नई पेशकश के साथ-साथ कंपनी के विक्रय शेयरधारकों की ओर से 175,087,863 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है।
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच कारोबार की शुरुआत में लगभग 1234 शेयरों में बढ़त हुई, 1452 शेयरों में गिरावट आई तथा 156 शेयरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 74,563.37 करोड़ रुपये घटकर 17,37,556.68 करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 26,274.75 करोड़ रुपये घटकर 8,94,024.60 करोड़ रुपये रह गया।
बाजार का रुख भारत के सीपीआई, औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण उत्पादन और डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति के आंकड़ों के साथ ही अमेरिका के सीपीआई, कोर सीपीआई, प्रारंभिक बेरोजगारी दावे, ब्रिटेन के जीडीपी आंकड़ों और चीन के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से प्रभावित होगा।
15 नवंबर को गुरुनानक जयंती के मौके पर शेयर बाजार की छुट्टी रहेगी। बीएसई और एनएसई ने गुरुनानक जयंती की छुट्टी की भी सूचना साझा की है। गुरुनानक जयंती के मौके पर भी भारतीय शेयर बाजार में किसी तरह का कोई कारोबार नहीं होगा।
स्विगी के आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये के नए ऑफर के साथ-साथ कंपनी के विक्रय शेयरधारकों की तरफ से 175,087,863 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है।
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट बीपीसीएल में 1.59 फीसदी, कोल इंडिया में 1.58 फीसदी, रिलायंस में 1.58 फीसदी, टाटा मोटर्स में 1.52 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक में 1.21 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
ऑटो, मेटल, पावर, टेलीकॉम, फार्मा, रियल्टी में 1-2 प्रतिशत की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट हिंडाल्को में 6.52 फीसदी, अडानी एंटरप्राइजेज में 3.09 फीसदी, बजाज फिनसर्व में 1.58 फीसदी, अल्ट्राटेक सीमेंट में 1.49 फीसदी और ग्रेसिम में 1.256 फीसदी देखने को मिली।
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक तेजी ट्रेंट में 2.84 फीसदी, डॉ रेड्डी में 2.64 फीसदी, बीईएल में 2.10 फीसदी, एचसीएल टेक में 1.94 फीसदी और सनफार्मा में 1.46 फीसदी दर्ज हुई है।
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट अडानी पोर्ट्स में 2.12 फीसदी, ट्रेंट में 1.25 फीसदी, श्रीराम फाइनेंस में 0.97 फीसदी, एचडीएफसी लाइफ में 0.81 फीसदी और रिलायंस में 0.79 फीसदी देखी गई।
सेबी ने अपने स्टेटमेंट में कहा, ऐसी गतिविधियां निवेशकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम 1956 और सेबी अधिनियम 1992 का उल्लंघन हैं।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि 23,500 पर निफ्टी का मजबूत सपोर्ट लेवल है। अगर बाजार एक बार टूटकर 23,500 पर जाता है तो वहां से रिकवरी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार निवेशकों को अभी साइड में बैठकर तमाशा देखना बेहतर होगा।
अगर पिछले महीने की बात करें तो निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अक्टूबर की शुरुआत में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4,74,86,463.65 रुपये था जो 31 अक्टूबर को घटकर 4,44,71,429.92 रह गया। इस तरह पिछले महीने निवेशकों के एक झटके में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
सेंसेक्स में 26 स्टॉक्स लाल निशान में और सिर्फ 4 शेयर हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं। अमेरिकी चुनाव से पहले बाजार में यह बड़ी गिरावट आई है।
एफपीआई की बिकवाली की वजह से प्रमुख सूचकांक अपने शीर्ष स्तर से करीब 8% नीचे आ गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान बॉन्ड से सामान्य सीमा के माध्यम से 4,406 करोड़ रुपये निकाले हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, वैश्विक बाजार कुछ दिन तक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर प्रतिक्रिया देंगे, जिसके बाद अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय जैसे बुनियादी कारक बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
इन्फोसिस की बाजार हैसियत 38,054.43 करोड़ रुपये घटकर 7,31,442.18 करोड़ रुपये पर आ गई। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 27,299.54 करोड़ रुपये घटकर 9,20,299.35 करोड़ रुपये रह गया। टीसीएस के मूल्यांकन में 26,231.13 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
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