शरद पूर्णिमा की रात को दूध, चावल की खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखें। अगली सुबह ब्रह्ममुहूर्त में श्री विष्णु को उस खीर का भोग लगाएं। फिर प्रसाद के रूप में परिवार के सब सदस्यों में बांटे। ऐसा करने से मन और मस्तिष्क शुद्ध रहता है। साथ ही पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
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