राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के साथ ही एक बार फिर महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया है और इसके आने वाले कुछ दिनों तक जारी रहने के पूरे आसार हैं।
महाराष्ट्र की सियासत के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार ने शायद भतीजे अजित की बगावत के बावजूद हार नहीं मानी है और वह पूरे सूबे का दौरा करने की बात कह रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को शुरू हुआ घमासान सोमवार को भी जारी रहा। अब एनसीपी के दूसरे धड़े के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इंडिया टीवी के साथ खास इंटरव्यू में बताया कि क्यों और कैसे शरद पवार का साथ छोड़ा?
महाराष्ट्र में रविवार को शुरू हुआ सियासी भूचाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भी दिन भर जहां बयानों से राजनीति गरमाती रही वहीं जैसे ही शरद पवार ने अजित गुट पर कार्रवाई की वैसे ही अजित ने कई ऐलान कर दिए।
महाराष्ट्र की राजनीति के लिए रविवार का दिन काफी उथल-पुथल भरा रहा। भतीजे अजित पवार के एनसीपी छोड़कर शिंदे नीत सरकार का हिस्सा बनने पर चाचा शरद पवार ने कहा-मुझे कोई दुख नहीं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज ‘गुरु पूर्णिमा’ के अवसर पर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इससे पहले शरद पवार भी अपने राजनीतिक गुरु और पूर्व सीएम यशवंत राव चव्हाण को श्रद्धांजलि देने सतारा के कराड पहुंचे थे।
शरद पवार कैंप के विधायकों को आदेश जारी कर कहा गया है कि वह शपथपत्र लेकर आएं। पवार कैंप ने शपथ पत्र का फॉरमेट भी शेयर किया है। 5 जुलाई को होने वाली बैठक में इस शपथपत्र को लेकर नेताओं को बुलाया गया है।
बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन 23 जून को किया गया था। इस मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया कि विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में किया जाएगा।
महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही उठापटक का विपक्ष की राजनीति पर क्या असर होगा। क्या भाजपा को मजबूती मिलेगी। क्या शरद पवार के खिलाफ बगावत के विपक्षी एकता कमजोर होगी।
अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों के शिंदे सरकार में शामिल होने की वजह से सियासी गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है। लोग अब यह देखना चाहते हैं कि शरद पवार इस मामले पर क्या रणनीति तैयार करेंगे।
रविवार दोपहर को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार महाराष्ट्र की NDA सरकार में शामिल हो गए। इस सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही एनसीपी के 8 अन्य विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है।
महाराष्ट्र में रविवार को दिनभर सियासी हलचल जारी रही। एनसीपी नेता अजित पवार डिप्टी सीएम बनाए गए। शरद पवार ने इससे पहले उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की। जानिए पूरी सियासी पटकथा-
इस प्रकरण के बाद शरद पवार और अजित पवार के गुट अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे। जहां शरद पवार सोमवार को कराड में शक्ति प्रदर्शन करेंगे तो वहीं अजित 5 जुलाई को मुंबई में अपनी ताकत दिखाएंगे।
एक साल पहले शिवसेना में टूट हुई थी और अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की टूट ने राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। इस प्रकरण के बाद आगामी लोकसभा चुनाव के लिए हालात काफी बदल गए हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में हुई उठापटक के बीच अजित पवार NDA सरकार में शामिल हो गए हैं। डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बाद अजित ने दावा किया है कि पार्टी के सभी विधायकों का उन्हें समर्थन है।
आज अजित पवार ने महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा सरप्राइज दिया है। अजित पवार अपने 9 विधायकों के साथ शपथ ग्रहण कर शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब NCP सुप्रीमो शरद पवार प्रेस कॉन्फेंस कर रहे हैं।
वहीं सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार ने कहा कि बीते 24 वर्षों से मैंने शरद पवार के नेतृत्व में पार्टी को बनाने और बड़ा करने के लिए काम किया। अब पार्टी में नए लोगों और चेहरों को मौका दिया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि देश नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है और इसीलिए हमने राज्य की NDA सरकार को अपना समर्थन दिया।
महाराष्ट्र की राजनीति में फिर बड़ा खेल हुआ है। इस बार एनसीपी के 30 विधायकों के साथ अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। उन्हें सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है।
अजित पवार को महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनाया गया है। ये महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर है। अजित के पास 30 विधायकों का समर्थन है।
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