तिरुपति बालाजी के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाए जाने के मामले पर धार्मिक गुरुओं के तरह-तरह के बयान सामने आ रहे हैं। वहीं, अब इस मामले पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंगल पांडे और चर्बी वाले कारतूस से इसकी तुलना की है।
बांग्लादेश में शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भारत आ गई हैं। बांग्लादेश में अब उथल-पुथल मच गई है। सेना ने वहां पर अपना कब्जा कर लिया है। जल्द ही वहां अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की गई है।
अनंत अंबानी की शादी में क्या पीएम नरेंद्र मोदी ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद नहीं लिया? ऐसा दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है। लेकिन इंडिया टीवी ने जब फैक्ट चेक किया तो कहानी कुछ और ही निकली
महंत नारायण गिरि ने आज शंकराचार्य के विश्वासघात वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि साधु संत का काम पूजा पाठ और अनुष्ठान करना है। शंकराचार्य को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए। चुनाव में हार या जीत तो जनता तय करती है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने महाराष्ट्र की सियासत पर बयान देकर हलचल मचा दी है। अगले कुछ ही महीनों में महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे के पक्ष में बयान दिया है।
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस बीच कांची पीठ के शंकराचार्य अयोध्या पहुंचे हैं। उन्होंने इस दौरान कहा कि आपसी सभी मतभेदों को भुलाकर एकता का संदेश देना ही भारतीय संस्कृति और परंपरा है।
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रहे शंकराचार्य को लेकर उठे विवाद पर शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने इंडिया टीवी से खुलकर बात की।
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में शंकराचार्यों के शामिल ना होने को लेकर लगातार सवाल हो रहे हैं। ऐसे में शारदापीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु सदानंद सरस्वती ने वजह साफ की है कि क्यों शंकराचार्य अभी अयोध्या नहीं जा रहे हैं।
कांग्रेस अयोध्या में होने वाले भव्य समारोह का बॉयकॉट करे, समझ में आता है। लेकिन शंकराचार्य जैसे बड़े धार्मिक पद पर बिराजे संत प्राण प्रतिष्ठा के समारोह पर सवाल उठाएं, ये दुख और दुर्भाग्य की बात है। आदि शंकराचार्य ने सिर्फ 32 साल की आयु में पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने वाले चार मठों को स्थापना की, देश के चार अलग अलग
सनातन परम्परा और हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में आदि शंकराचार्य की अहम भूमिका मानी जाती है। इसी को ध्यान में रखकर देश के चारों कोनों में चार शंकराचार्य मठ स्थापित किए गए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में न जाने को लेकर जब विवाद बढ़ा तो श्रृंगेरी शारदा पीठ और द्वारकाशारदा पीठ की तरफ से बयान सामने आया है।
12 ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का चतुर्थ स्थान है। जहां नर्मदा नदी के तट पर भगवान ओंकारेश्वर तथा भगवान ममलेश्वर विराजमान है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी तीर्थ करने के उपरांत ओंकारेश्वर तीर्थ पहुंचकर मां नर्मदा में स्नान कर भगवान ओंकारेश्वर का जलाभिषेक करना अनिवार्य माना गया है।
ओंकार पर्वत पर अध्यात्म लोक 'एकात्म धाम' विस्तार ले रहा है। यहां ओंकार पर्वत को काटकर 28 एकड़ जमीन पर इसकी स्थापना की जा रही है।
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद आज उनके उत्तराधिकारी का ऐलान कर दिया गया है। हालांकि, उत्तराधिकारी एक को नहीं बल्कि दो संतों को बनाया गया है। एक को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ की जिम्मेदारी सौंपी गई है और दूसरे संत को द्वारका शारदा पीठ की जिम्मेदारी दी गई है।
Swami Swaroopanand Saraswati: द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में निधन हो गया। वह 99 साल के थे।
Swami Swaroopanand Saraswati: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ब्रह्मलीन हो गए हैं। उन्होंने लगभग 99 वर्ष की आयु में देह त्यागी है।
2013 की बाढ़ से हुई तबाही के बाद आदि शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने समाधि स्थल का पुनर्निर्माण करने का संकल्प लिया जो अब पूरा हो रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के पांच अगस्त को भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे लेकिन अब मुहूर्त के वक्त पर हीं सवाल खड़े किए जाने लगे हैं।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आदि गुरु शंकाराचार्य की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये जयंती 28 अप्रैल को पड़ी है।
शंकराचार्य ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अब रास्ता यह है कि या तो शीर्ष अदालत में लंबित कार्यवाही शीघ्र गति से आगे बढे या अध्यादेश लाया जाए।
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने संसद में दिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण की सराहना की और कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी ने पप्पू कहने का विरोध नहीं बल्कि भाजपा की नीतियों का विरोध किया है।
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