Shani Vakri Gochar 2022: शनि की उल्टी चाल 5 राशियों पर बहुत भारी पड़ने वाली है, क्योंकि किसी की लगने वाली है साढ़े साती, तो किसी के जीवन में शनि की ढैया का असर दिखेगा।
शनि ग्रह 12 जुलाई को सुबह 10 बजकर 27 मिनट पर मकर राशि में गोचर करने वाले हैं। इसके बाद 6 माह इस राशि में रहने का बाद 7 जनवरी 2023 तक शनि कुंभ राशि में गोचर करेगा।
5 जून को शनि ग्रह इसी प्रकार कुंभ राशि में 141 दिनों के लिए वक्री हो चुके हैं। शनि का यह वक्री गति में भ्रमण करना कई महत्वपूर्ण प्रभाव आम जनमानस पर डालेगा। ज्योतिषी पिनाकी मिश्रा से जानते हैं।
नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य पर शनि का अशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा, साथ ही यह ग्रह कानून और राजनीति से जुड़े लोगों को विशेष रूप से प्रभावित करेगा। जानिए चिराग बेजान दारूवाला से कौन सी राशि पर शनि का क्या प्रभाव पड़ेगा।
शनिदेव की उल्टी चाल का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जानिए ज्योतिषी पंडित मनोज कुमार मिश्रा से।
चिराग बेजान दारूवाला से जानिए शनि की साढ़ेसाती के दौरान क्या लक्षण मिलते हैं और किन उपायों से आप शनि की साढ़ेसाती के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैया जीवन में एक बड़ी चुनौती बनकर आती है, और यह स्थिति तब और भी अधिक गंभीर हो जाती है जब शनि व्यक्ति की जन्मकुंडली में पीड़ित हों।
Shani Jayanti 2022: हमारे जीवन में शनि ग्रह महादशा के रूप में ,अंतर्दशा के रूप में, साढ़ेसाती और ढैय्या के रूप में आते हैं । शनि लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल देते हैं।
साल 2022 में ज्येष्ठ मास के साथ अमावस्या तिथि का योग-संयोग आगामी 30 मई को बनने वाला है। इस साल 30 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी।
Shani Jayanti 2022: आइए जानते हैं शनि जयंती के दिन कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए।
शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की विधिवत पूजा से जीवन में आ रही सारी परेशानियों को शनिदेव मिटाते हैं। ऐसे करें शनि महाराज की पूजा।
शनि अमावस्या पर ये काम अगर आपने गलती से भी किए तो साल भर आपको शनिदेव के कोप का भाजन बनना पड़ सकता है। इनके बारे में जानिए।
शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का संयोग और साथ ही मेष राशि में त्रिग्रही योग इस अमावस्या को खास बना रहा है। कुछ उपाय जबरदस्त असर करेंगे।
शनि ग्रह यूं तो कर्म के आधार पर फल देते हैं लेकिन कुंडली में इनकी स्थिति औऱ गोचर बदलने पर इनके शत्रु ग्रहों की राशियों को नुकसान होता है।
नीम का पेड़ केवल सेहत के लिए ही नहीं ग्रहों की शांति के लिए भी काफी अच्छा है। इसे लगाने से पितृ दोष दूर होता है।
शनिदेव की पूजा के वक्त आप कहां देख रहे हैं, इस बात पर भी पूजा का फल निर्धारित होता है। जानिए शनिदेव की पूजा के अहम नियम।
होलाष्ट के दौरान नवग्रह उग्र रहते हैं औऱ इन आठ दिनों में नवग्रह शांति के उपाय कारगर होते हैं।
शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के दीपक जलते देखे होंगे। शनि और पीपल के बीच क्या संबंध है। यहां जानिए कथा
कुंडली में शनिदेव की कृपा से अगर ये योग बन रहा तो तो इंसान फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है। जानिए क्या मिलता है जीवन में।
शनिवार को किए गए खास उपाय न्याय के देव कहे जाने वाले शनिदेव को प्रसन्न करते हैं और जीवन में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
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