वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट बनाने की कवायद के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि अगला बजट सावधानीभरा और वृद्धि को गति देने वाला रहने की उम्मीद है।
मौजूदा व्यवस्था के तहत RTGS सिस्टम महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हफ्ते के सभी कामकाजी दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होता है।
रेपो रेट 4 प्रतिशत है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) की दर 4.25 प्रतिशत है। इसके अलावै CRR 3 प्रतिशत और SLR की दर 18 प्रतिशत है।
फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक कार्यक्रम का वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई वित्तीय बाजारों के कामकाज को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
आरबीआई ने कहा है कि अब आवासीय संपत्ति मूल्य के 80 प्रतिशत तक के कर्ज पर बैंकों के लिए 35 प्रतिशत जोखिम भारांक के आधार पर पूंजी का प्रावधान रखना होगा।
दास ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में आई गिरावट अब पीछे रह गई है और अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण दिखने लगी है।
आरबीआई की नई गठित मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर बनाए रखा है।
रिजर्व बैंक की नव-गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार (7 अक्टूबर) को अपनी तीन-दिवसीय बैठक की शुरुआत की। समिति के बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को होगी।
औद्योगिक संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गवर्नर दास ने कहा कि सरकार द्वारा जारी जीडीपी का आंकड़ा कोविड-19 से प्रभावित है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ऋण समाधान ढांचे से कोविड-19 संबंधी बाधाओं का सामना कर रहे कर्जदारों को टिकाऊ राहत मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय बैंक की कमाई का मुख्य जरिया करेंसी कारोबार और सरकारी बांड के अलावा नोटों का मुद्रण या सिक्कों की ढलाई है।
RBI Governor shaktikanta das announced monetary policy decision, know everything
बैंकों को सलाह दी गई है कि वह प्रतिकूल परिस्थितियों में दबाव सहने की क्षमता का परीक्षण करें और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूंजी जुटाएं।
दास ने कहा कि आरबीआई के लिए विकास पहली प्राथमिकता है और वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है।
अर्थव्यवस्था को चलाने वाले तमाम सेक्टर पिटे हुए हैं और भारतीय रिजर्व बैंक को सिर्फ कृषि सेक्टर से उम्मीद बची है।
कोरोना संकट की वजह से 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज हो सकती है। रिजर्व बैंक ने अनुमान जताया है कि ल़ॉकडाउन की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव हो सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी तरह के टर्म लोन पर मोराटोरियम पीरियड (मोहलत) की अवधि तीन महीनों के लिए और बढ़ा दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है
महंगाई के बारे में शक्तिकांत दास ने कहा कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति में मार्च में गिरावट आई है और इसमें आगे और गिरावट की उम्मीद है।
पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए।
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