आज के समय में दुनिया के कई देश मंदी की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं भारत एक मजबूत स्थिति में खड़ा है। आरबीआई के गवर्नवर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 में सात प्रतिशत की ग्रोथ रेट बरकरार रहने की बात कही है।
भारतीय रिजर्व बैंक इस समय चौतरफा मुश्किलों से घिरा है। एक ओर रुपया गिर रहा है वहीं महंगाई बढ़ रही है। आरबीआई हर मोर्चे पर फेल होता दिख रहा है। लेकिन शक्तिकांत दास ने इसका बचाव किया है।
रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होने से रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। इस प्रकार बैंक भी इस बढ़ी लागत को ग्राहकों से वसूलेंगे जिससे कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने हाल ही में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की बुनियाद मजबूत बनी हुई है।
ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।
आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान था।
शक्तिकांत दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद उच्च विदेशी मुद्रा भंडार और चालू खाते का घाटा निचले स्तर पर होने से अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है।
अभी तक यूपीआई का इस्तेमाल के लिए स्मार्टफोन और इंटरनेट जरूरी है।
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को आगाह करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसी संपत्तियों का कोई आधार नहीं है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में निवेशकों को ऊंचे रिटर्न पाने की इच्छा के साथ सावधानी बरतने की जरूरत है।’’ रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, ‘‘एक बैंक ज्यादा ब्याज दर की पेशकश कर रहा है, तो जमाकर्ताओं को अपना पैसा लगाने के पहले खुद भी ज्यादा सजग होना चाहिए।’’
आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई वाली एमपीसी की बैठक के नतीजों की घोषणा आठ दिसंबर को की जाएगी।
गवर्नर ने कहा, ‘‘आप अपने व्यावसायिक फैसले ले सकते हैं, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। लेकिन हम यह जरूर देखेंगे कि किस तरह की कमजोरियां और जोखिम बन रहे हैं। हमारी पहली प्राथमिकता बैंकों को खुद सतर्क करने की होगी।’’
रिजर्व बैंक गवर्नर ने आठवें एसबीआई बैंकिंग एवं आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है।
बता दें कि उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया गया था
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि इस साल जनवरी में वाणिज्यिक बैंकों के लिए जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया।
दास ने कहा कि पर्याप्त तरलता को लेकर कोई भी चिंता नहीं है। आरबीआई वृद्धि का समर्थन करने के लिए पर्याप्त तरलता को बनाए रखना सुनिश्चित करेगा।
गवर्नर के मुताबिक कोविड-19 महामारी ने सबसे ज्यादा उभरते और विकासशील देशों के गरीबों को प्रभावित किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति पर काम कर रहा है और इस साल के अंत तक इसे लॉन्च किया जा सकता है।
इस महीने की शुरुआत में एमपीसी की तीन दिन की बैठक के बाद उसके सभी सदस्यों (शशांक भिड़े, आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा, मृदुल के सागर, माइकल देबब्रत पात्र और शक्तिकांत दास) ने सर्वसम्मति से नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने पर अपना मत दिया था।
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