महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार लगता है। इस बार का महाकुंभ मेला 2025 कब और कहां लगेगा, कब-कब शाही स्नान निर्धारित है, जानें सबकुछ और तारीख भी नोट कर लें।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कुम्भ के 'शाही स्नान' का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शाही स्नान उर्दू शब्द है और ये मुगलों द्वारा दिया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियां जोरों-शोरों से की जा रही है। इसकी तैयारियां पिछले डेढ़ साल से की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुवाधाओं को ध्यान में रखते हुए कई सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा रहा है।
प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ के शाही स्नान एवं अन्य आयोजनों की तारीखों का आधिकारिक एलान हो गया है।
यमुना के गंभीर जल प्रदूषण को रेखांकित करते हुए, देश के तीन प्रमुख हिंदू संतों ने शनिवार को संकल्प लिया कि वे वर्तमान में चल रहे वृंदावन कुंभ के दौरान बाकी 'शाही स्नान’ में तब तक भाग नहीं लेंगे, जब तक कि नदी का पानी साफ नहीं हो जाता।
महाशिवरात्रि पर सोमवार को कुम्भ मेले में 50-60 लाख श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान करने के संभावना है। महाशिवरात्रि का स्नान कुम्भ मेले का अंतिम स्नान है और इसके साथ मेला संपन्न हो जाएगा।
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