महाकुंभ के आखिरी अमृत स्नान के दिन श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के बाद सूर्य, शिवलिंग और गंगा मां का जल अर्पित जरूर करना चाहिए। साथ ही कुछ मंत्रों का जप भी करना चाहिए।
माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान हो रहा है। अखाड़े अमृत स्नान के लिए संगम तट पहुंच रहे हैं। आइए जानते हैं कि बसंत पंचमी के अमृत स्नान से कौन से लाभ मिलते हैं?
महाकुंभ में सबसे ज्यादा अमृत स्नान (शाही स्नान) का महत्व माना गया है। ऐसे में पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को आयोजित हुआ, दूसरा मौनी अमावस्या के दिन आयोजित हो रहा है, इसके बाद कब है अगला बड़ा स्नान?
Mahakumbh 2025 Snan: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा का जल अमृतमय हो जाता है तो ऐसे में इस दिन गंगा स्नान करने से अमृत स्नान के बराबर फल मिलता है।
महाकुंभ में अमृत स्नान का खास महत्व है, इस दिन नागा साधु पहले स्नान करते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि सभी अमृत स्नानों में एक अमृत स्नान का महत्व अधिक है...
मौनी अमावस्या की तिथि पर इस पर कई शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालु जो संगम में डुबकी लगाने जा रहे हैं उन्हें अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए जरूर पूजा करनी चाहिए।
Maha Kumbh Mela 2025: धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में भाग लेने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और समृद्धि, शांति की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में हर 12 वर्षों बाद करोड़ों-करोड़ श्रद्धालु एकत्र होते हैं।
महाकुंभ में अबतक 8 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं। 14 जनवरी को पहला अमृत स्नान हो चुका है, अब दूसरा अमृत स्नान होना बाकी है, जो जनवरी में ही 29 तारीख को होगा।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में अमृत स्नान के दिन करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने आते हैं। इस दिन साधु-संत सबसे पहले स्नान करते हैं। तो आइए जानते हैं कि कुंभ में साधु-संत के लिए अमृत स्नान का क्या महत्व है।
महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान यानी मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं, ऐसे में महाकुंभ में कुछ मंत्रों का जाप करें इससे आपके पूर्वजों का काफी शांति मिलेगी।
Mahakumbh: महाकुंभ में पहला अमृत स्नान यानी शाही स्नान आज हो रहा है, इस दौरान सबसे पहले नागा साधुओं को स्नान करने को मौका दिया जाता है। आइए जानते हैं इसका कारण....
महाकुंभ का आगाज हो गया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि आज महाकुंभ के पहले दिन डेढ़ करोड़ लोगों ने आस्था के महाकुंभ में डुबकी लगाई। सीएम योगी ने सभी संतगणों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन किया।
Mahakumbh 2025 Amrit Snan Date: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर किया जाएगा। कुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व होता है। तो जानिए अन्य अमृत स्नान की तिथि और नियम के बारे में।
महाकुंभ में आप मात्र 1296 रुपये में हेलीकॉप्टर की सवारी कर सकते हैं। लेकिन आप कुछ खास दिनों में लेटे हुए हनुमानजी का दर्शन नहीं कर पाएंगे। जानिए क्या है खास वजह?
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के दौरान शाही स्नान के दिन स्नान करने का विशेष महत्व है। शाही स्नान के दिन कुंभ मेला में लाखों-करोड़ों की संख्या में तीर्थयात्री जुटते हैं। तो आइए जानते हैं कि महाकुंभ में शाही स्नान का इतना महत्व क्यों है।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में शाही स्नान की तिथि को लेकर लोग कंफ्यूज हो रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे शाही स्नान की सही तिथि के बारे में। तो यहां जानिए कि महाकुंभ में प्रमुख और शाही स्नान की तिथियां क्या हैं।
महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार लगता है। इस बार का महाकुंभ मेला 2025 कब और कहां लगेगा, कब-कब शाही स्नान निर्धारित है, जानें सबकुछ और तारीख भी नोट कर लें।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कुम्भ के 'शाही स्नान' का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शाही स्नान उर्दू शब्द है और ये मुगलों द्वारा दिया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियां जोरों-शोरों से की जा रही है। इसकी तैयारियां पिछले डेढ़ साल से की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुवाधाओं को ध्यान में रखते हुए कई सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा रहा है।
प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ के शाही स्नान एवं अन्य आयोजनों की तारीखों का आधिकारिक एलान हो गया है।
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