संशोधित नागरिकता कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शन के कारण पिछले करीब दो महीनों से बंद पड़े शाहीन बाग में कारोबारियों को करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का दावा है कि वो तब तक प्रदर्शन स्थल से नहीं हटेंगी, जब तक कि केंद्र नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को रद्द नहीं कर देता।
शाहीन बाग में 70 दिनों से संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रदर्शनकारियों ने नोएडा से कालिंदी कुंज जाने वाले एक रास्ता खोल दिया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद ने कैंपस में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के तरीके को लेकर तीन छात्रों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
तीन दिन की बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद अब चौथे दिन वार्ताकार साधना रामचंद्रन शाहीन बाग में पहुंचीं और प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत कीं। खास बात है कि रामचंद्रन आज अकेले पहुंची, उनके साथ संजय हेगड़े मौजूद नहीं थे।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार शनिवार को प्रदर्शनस्थल पर नहीं जाएंगे। अगर वार्ताकारों को जरूरत महसूस हुई तो वो रविवार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए जाएंगे।
शाहीन बाग में पिछले दो महीने से ज्यादा समय से बंद सड़क को खुलवाने के प्रयासों के तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों के साथ तीसरे दौर की बातचीत की।
दिल्ली से नोएडा आने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। पुलिस ने 69 दिन के बाद नोएडा से कालिंदीकुंज का रास्ता खोल दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि शाहीन बाग में सड़क बंद होना परेशानी पैदा करने वाला है और प्रदर्शनकारियों को किसी दूसरी जगह जाना चाहिए जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध नहीं हो।
वार्ताकारों ने धरने पर बैठी महिलाओं को आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने विरोध करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार को ध्यान में रखा है, लेकिन ऐसे लोगों के भी अधिकार हैं जिन्हें इस सड़क से रोज़ आना-जाना पड़ता है।
गुरुवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थ साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े ने दूसरा रास्ता देखा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीएए के खिलाफ पिछले 66 दिन से शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों से बात की वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने।
शाहीन बाग में लोगों को समझाने के लिए पहुंची साधना रामचंद्रन ने कहा कि मसला सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट चाहती है प्रदर्शन का हक बरकरार रहे लेकिन वहीं तक जहां कि दूसरे का हक ना मारा जाए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीएए के खिलाफ पिछले 66 दिन से शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों से वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने बात की।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को दूसरे जगह पर जाने के लिए मनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से प्रदर्शनकारियों को थोड़ी निराशा हुई है, हालांकि उनमें से कई का मानना है कि अपनी असहमति को लेकर सरकार से बात करना ही अंतिम रास्ता है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को एक कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सवाल आंदोलन की जगह का है।
दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन और सड़क को खुलवाने पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए नियुक्त किया है।
रविवार को तय किया गया था कि सभी प्रदर्शनकारी गृहमंत्री अमित शाह के आवास की ओर कूच करेंगे, लेकिन इजाजत नहीं मिलने से आखिरी वक्त में यह नामुमकिन हो गया। उस दौरान वहां पहुंचे मीडिया के कैमरों में दिखने की होड़ मच गई।
दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर प्रदर्शनकारियों ने रविवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास तक मार्च निकालने का फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह दावा कर नया विवाद पैदा कर दिया कि दिल्ली के शाहीन बाग में और कोलकाता के पार्क सर्कस में ‘अशिक्षित महिला एवं पुरूष’’ प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें विदेशी फंड से खरीदी गयी बिरयानी परोसी जाती है और पैसे दिये जाते हैं।
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