जिस समय पाकिस्तान में आटा संकट पैदा हुआ, तो रूस की तरफ से चार लाख टन से भी ज्यादा गेहूं देश की मदद के लिए भेजा गया था। पुतिन के साथ पाकिस्तान की गद्दारी का एक सबूत इन दिनों सोशल मीडिया पर वीडियो के रूप में वायरल हो रहा है।
पाकिस्तान की कंगाली हालत से घबराए व्यवसायियों ने इस बैठक के लिए सेना प्रमुख से अनुरोध किया था। इसके बाद यह बैठक सरकार से अरेंज कराई गई थी। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने देश के शीर्ष 10 कारोबारियों के साथ एक बैठक में वित्त मंत्री इशाक डार की उपस्थिति में उन्हें आश्वासन दिया कि बुरा समय बीत चुका है।
पाकिस्तान में पहले ही अर्थव्यवस्था के तहस-नहस होने और कमरतोड़ महंगाई ने हाहाकार मचा रखा है। लोग भुखमरी और गरीबी से मरने को मजबूर हैं। अब इस देश के ऊपर राजनीतिक संकट भी छाने लगा है। पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। मगर अचानक ऐसा क्या हुआ कि पाकिस्तान में सरकार गिरने की नौबत आ गई?
भारत लगातार कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों वाला संबंध चाहता है, लेकिन ऐसे संबंधों के लिए इस्लामाबाद पहले आतंकवाद और अशांति मुक्त वातावरण तैयार करे।
पाकिस्तान में बिजली पर सब्सिडी खत्म, LPG सब्सिडी खत्म, पेट्रोल-डीजल पर डबल टैक्स, खाने की चीजों पर टैक्स, शादी पर टैक्स, शादी हॉल पर, यहां तक कि मरने के बाद भी टैक्स लग रहा है।
पाकिस्तान अभी गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। एक तरफ वह आईएमएफ से कर्ज लेने की कोशिश में लगा है लेकिन उसे कर्ज नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ खबर ये मिल रही है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस्तीफा दे सकते हैं।
दुनिया भर में आतंक की फैक्ट्री चलाने के लिए मशहूर पाकिस्तान ने बेहद हास्यास्पद बयान दिया है, जिसे सुनकर आप भी हंसने को मजबूर हो जाएंगे। आतंकिस्तान ने खुद को बेहद शांति प्रिय राष्ट्र बताया है।
महंगाई, भुखमरी और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान में जनता अब भड़क उठी है। पाकिस्तान में कई महीने से आटा, दाल, चावल के लिए लोगों को बड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में जनता ने सड़क पर उतरने का मन बना लिया है।
पाकिस्तान में महंगाई और आतंकवादी एक साथ वार कर रहे हैं। इससे ज्यादातर लोग गरीबी और भुखमरी से मर रहे हैं, बाकियों को आतंकवाद मार रहा है। पिछले 2 महीनों के दौरान पाकिस्तान में करीब एक दर्जन से आतंकी हमले और बम विस्फोट हो चुके हैं। इसमें दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पड़ोसी देश में टीटीपी की उपस्थिति के बारे में अफगान तालिबान के साथ 'अकाट्य साक्ष्य' साझा करने के लिए इस सप्ताह काबुल का दौरा किया।
पाकिस्तान अपने खर्चे हर जगह से कम करने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में अब पाकिस्तान के मंत्रियों की सैलरी काटी जाएगी। उनके बिजली, पानी और फोन के बिल भी उन्हें खुद ही भरना होगा। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की माली हालत कितने बुरे दौर से गुजर रही है।
पाकिस्तान कंगाली की कगार पर पहुंच गया है, सबसे ज्यादा कर्जदार वह चीन का है। तो क्या पाकिस्तान की कंगाली का असर चीन के साथ सदाबहार दोस्ती पर भी पड़ेगी?
पाकिस्तान की आर्थिक हालत काफी खस्ता है। खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं। वहां आटे दाल से लेकर पेट्रोल तक के भाव आसमान छू रहे हैं। महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। इन सबके बीच अब पाकिस्ताान को भारत याद आने लगा है। वहां के एक्सपर्ट्स भारत के साथ संबंध सुधारने की बात करने लगे हैं।
विदेशी कर्ज और फंड की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अन्य देशों की देखादेखी भूकंप प्रभावित तुर्किये को राहत सामग्री तो भेज दी, लेकिन अब उस राहत सामग्री को लेकर जो खुलासा हुआ है, उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को एक बार फिर से शर्मसार कर दिया है।
पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म कोर्ट ने इमरान खान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद लाहौर के जमान पार्क में भारी पुलिसबल पहुंच गया है। ऐसे में इमरान खान की गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में तनाव के हालात पैदा हो सकते हैं।
पाकिस्तान में महंगाई अब चरम पर पहुंच गई है और आशंका जताई जा रही है कि देश अब दिवालिया घोषित हो सकता है। दूध की कीमतें जहां 210 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं, वहीं रोजाना के खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
पाक्स्तिान में शहबाज शरीफ कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने 20 जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि को अपनी मंजूरी दे दी। एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ हुई ईसीसी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।
बता दें कि 3 फरवरी को पाकिस्तानी सरकार ने विकिपीडिया को ब्लॉक कर दिया था। सरकार ने यह कार्रवाई ईशनिंदा से जुड़े एक मामले में की थी। सरकार के इस फैसले को विकिपीडिया फाउंडेशन ने गलत बताते हुए लोगों को ज्ञान से दूर ले जाने वाला बताया था।
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने दोहराया कि जब तक कश्मीरी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत आत्म निर्णय के अधिकार को प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक उनका देश उन्हें कूटनीतिक, राजनीतिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेगा।
कर्ज के लिए आईएमएफ ने कई शर्तें पाकिस्तान पर लाद दी हैं। जिसे स्वीकार करना पाकिस्तान के लिए आर्थिक रूप से बहुत मुश्किलभरा होगा। इस बात को लेकर पाक पीएम शहबाज शरीफ को भी बड़ा डर सता रहा है।
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