महंगाई, भुखमरी और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान में जनता अब भड़क उठी है। पाकिस्तान में कई महीने से आटा, दाल, चावल के लिए लोगों को बड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में जनता ने सड़क पर उतरने का मन बना लिया है।
पाकिस्तान में महंगाई और आतंकवादी एक साथ वार कर रहे हैं। इससे ज्यादातर लोग गरीबी और भुखमरी से मर रहे हैं, बाकियों को आतंकवाद मार रहा है। पिछले 2 महीनों के दौरान पाकिस्तान में करीब एक दर्जन से आतंकी हमले और बम विस्फोट हो चुके हैं। इसमें दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पड़ोसी देश में टीटीपी की उपस्थिति के बारे में अफगान तालिबान के साथ 'अकाट्य साक्ष्य' साझा करने के लिए इस सप्ताह काबुल का दौरा किया।
पाकिस्तान अपने खर्चे हर जगह से कम करने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में अब पाकिस्तान के मंत्रियों की सैलरी काटी जाएगी। उनके बिजली, पानी और फोन के बिल भी उन्हें खुद ही भरना होगा। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की माली हालत कितने बुरे दौर से गुजर रही है।
पाकिस्तान कंगाली की कगार पर पहुंच गया है, सबसे ज्यादा कर्जदार वह चीन का है। तो क्या पाकिस्तान की कंगाली का असर चीन के साथ सदाबहार दोस्ती पर भी पड़ेगी?
Pakistan Politics: पाकिस्तान में इस वक्त बहुत बुरा हाल है। ऐसा लग रहा है कि जैसे पूरा देश गृहयुद्ध की चपेट में है। जो Imran Khan अब से 10 महीने पहले तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, उनकी आज जेल जाने की नौबत आई हुई है।#imrankhan #pakistan #shehbazsharif
पाकिस्तान की आर्थिक हालत काफी खस्ता है। खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं। वहां आटे दाल से लेकर पेट्रोल तक के भाव आसमान छू रहे हैं। महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। इन सबके बीच अब पाकिस्ताान को भारत याद आने लगा है। वहां के एक्सपर्ट्स भारत के साथ संबंध सुधारने की बात करने लगे हैं।
विदेशी कर्ज और फंड की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अन्य देशों की देखादेखी भूकंप प्रभावित तुर्किये को राहत सामग्री तो भेज दी, लेकिन अब उस राहत सामग्री को लेकर जो खुलासा हुआ है, उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को एक बार फिर से शर्मसार कर दिया है।
पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म कोर्ट ने इमरान खान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद लाहौर के जमान पार्क में भारी पुलिसबल पहुंच गया है। ऐसे में इमरान खान की गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में तनाव के हालात पैदा हो सकते हैं।
पाकिस्तान में महंगाई अब चरम पर पहुंच गई है और आशंका जताई जा रही है कि देश अब दिवालिया घोषित हो सकता है। दूध की कीमतें जहां 210 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं, वहीं रोजाना के खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
पाक्स्तिान में शहबाज शरीफ कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने 20 जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि को अपनी मंजूरी दे दी। एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ हुई ईसीसी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।
बता दें कि 3 फरवरी को पाकिस्तानी सरकार ने विकिपीडिया को ब्लॉक कर दिया था। सरकार ने यह कार्रवाई ईशनिंदा से जुड़े एक मामले में की थी। सरकार के इस फैसले को विकिपीडिया फाउंडेशन ने गलत बताते हुए लोगों को ज्ञान से दूर ले जाने वाला बताया था।
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने दोहराया कि जब तक कश्मीरी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत आत्म निर्णय के अधिकार को प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक उनका देश उन्हें कूटनीतिक, राजनीतिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेगा।
कर्ज के लिए आईएमएफ ने कई शर्तें पाकिस्तान पर लाद दी हैं। जिसे स्वीकार करना पाकिस्तान के लिए आर्थिक रूप से बहुत मुश्किलभरा होगा। इस बात को लेकर पाक पीएम शहबाज शरीफ को भी बड़ा डर सता रहा है।
पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में पुलिस ने तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) आतंकवादी समूह के दो कमांडरों को मार गिराने का दावा किया है। एक स्थानीय अधिकारी ने शनिवार को बताया कि टीटीपी की ओर से विशेष रूप से पश्चिमोत्तर प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में लगातार आतंकी हमलों के बाद उनके खिलाफ सख्ती बढ़ा दी गई है। इस दौरान दो कमांडर मारे गए हैं।
पाकिस्तान की सियासत में शहबाज और इमरान की यह मीटिंग चौंकाने वाली है। वो इमरान जिन्होंने अपने ऊपर जानलेवा हमले के लिए शहबाज शरीफ पर आरोप लगाए थे। वहीं पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी मुल्क की बदहाली के लिए पूर्व की इमरान सरकार को जिम्मेदार मानते हैं।
पिछले महीने पाकिस्तान को यूएई से तीन अरब डॉलर की मदद मिली है और इस वजह से यह कंगाल होने से बच गया। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की मदद दी है। यह रकम एक महीने का तेल आयात पूरा करने के लिए भी काफी नहीं है।
कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से भी देश जूझ रहा है। देश के केंद्रीय बैंक ने लगभग 28 प्रतिशत की वार्षिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति को कम करने के लिए अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाकर 17 फीसदी कर दिया है।
पाकिस्तान के लिए आज एक और बुरी खबर आ गई। पहले से ही नकदी संकट से जूझ रहे इस्लामिक देश के लिए पैसों का जुगाड़ करने का एक रास्ता बंद होता दिख रहा है।
ये वही पाकिस्तान है जो भारत के साथ ही आजाद हुआ था। आज 75 साल बाद अमृतकाल में वो कहां खड़ा है और हम कहां खड़े हैं, फर्क साफ दिख रहा है। हम 80 करोड़ लोगों को अनाज देने की क्षमता रखते हैं और वो, कर्ज के लिए कटोरा लेकर दुनियाभर में भीख मांग रहा है, गिड़गिड़ा रहा है।
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