नरेंद्र मोदी के खिलाफ अचानक से एक नया एक्सपेरिमेंट शुरु हुआ है..मुस्लिम मोहल्लों में..चौक चौराहे पर मौलानाओं की टोली को फिर से एक्टिवेट किया गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद तक..सब के सब काम पर लग गए हैं। बंद कमरों में मीटिंग्स शुरु हो गई हैं।
Coffee Par Kurukshetra : 'शाहबानो' रिटर्न्स..अब 'संविधान संविधान' पर साइलेंस ?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महिलाओं के भरण पोषण को लेकर एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला दिया जिसने 1985 के शाह बानो केस की यादें ताजा कर दीं।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा मुझसे पूछा जाता है कि किसके दबाव के आगे प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदला था। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तो दबा बना ही रहा था लेकिन साथ में कांग्रेस के कई बड़े मंत्री भी दबाव बना रहे थे
शाह बानो प्रकरण के समय कांग्रेस से अलग होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने तीन तलाक विरोधी प्रस्तावित कानून को लेकर मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि...
आज से 32 साल पहले भी इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था जिसे लेकर राजनीतिक वबाल हुआ था और सरकार को संसद में इस फ़ैसले को बदलना पड़ा था।
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