आंकड़ों से यह भी पता चला कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए दाम जुलाई की तुलना में कम बढ़े। सर्विस सेक्टर में यह ग्रोथ मुख्य रूप से नए ठेकों खासकर घरेलू ठेकों में बढ़ोतरी से प्रेरित रही।
जून में भारतीय सेवा प्रदाताओं को मिलने वाले नए ठेके में वृद्धि जारी रही, जिससे विस्तार का मौजूदा क्रम करीब तीन सालों तक बढ़ गया। एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जून में तेज हुईं।
मांग में उछाल से बिक्री में तेजी आई जिससे व्यावसायिक गतिविधि में तेजी आई। रोजगार जेनरेशन लगातार 19वें महीने बढ़ा। एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स 57.4 से बढ़कर 58.5 हो गया।
आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) फरवरी के बाद पहली बार 50 अंक से अधिक है।
देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च में गिरावट देखी गयी। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस संकट के चलते मांग में आयी कमी की वजह से सेवा क्षेत्र में यह संकुचन देखा गया।
चुनौतीपूर्ण आर्थिक हालात के बीच देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार दूसरे महीने अक्टूबर में भी गिरावट दर्ज की गयी है।
भारत की सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में तीन महीने में पहली बार मई माह में गिरावट आई। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नए कारोबारी ऑर्डरों के न बढ़ने और ईंधन की महंगाई से लागत का दबाव बढने से सेवा क्षेत्र में सुस्ती रही।
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च माह में गतिविधियां तेज हुई हैं। बड़ी मात्रा में नया कामकाज आने के बाद सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई। इसके परिणामस्वरूप कंपनियों में रोजगार सृजन तेजी से बढ़ा है और यह पिछले सात वर्ष के उच्चस्तर पर पहुंच गया।
देश का सर्विस सेक्टर PMI में लगातार दूसरे महीने बढ़ा। निक्केई सर्विसिज के मुताबिक फरवरी के मुकाबले मार्च में सर्विस सेक्टर PMI 50.3 से बढ़कर 51.5 हो गया है।
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