आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलीन्ना डी लीमा ने कहा कि भारतीय सेवा क्षेत्र में मार्च से सितंबर तक कोरोना वायरस के चलते गिरावट के बाद सुधार का सिलसिला जारी है।
भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त के दौरान लगातार छठे महीने संकुचन देखने को मिला।
पीएमआई के अनुसार 50 से अधिक अंक का अर्थ है गतिविधियों में विस्तार, जबकि इससे कम अंक कमी को दर्शाता है।
सितंबर 2019 के बाद मार्च में पहली बार सर्विस सेक्टर की कंपनियों के ऑर्डर बुक में गिरावट
सर्वेक्षण के अनुसार, नवंबर में लागत में ठोस वृद्धि हुई है और मुद्रास्फीति 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में नरमी की बुरी खबर लेकर आ रहा है।
सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेतक है।
आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक जून महीने में गिरकर 49.6 पर आ गया। मई महीने में यह 50.2 पर था।
सर्वेक्षण में चुनाव बाद आर्थिक हालात बेहतर होने का अनुमान जताया गया है, जिससे सेवा क्षेत्र का परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है और यह रोजगार को भी बढ़ावा देने में मदद करेगा।
निक्की का भारत के सेवा कारोबार की गतिविधि का सूचकांक फरवरी के 52.5 से गिरकर मार्च में 52 पर आ गया। यह पिछले साल सितंबर के बाद सेवा क्षेत्र का सबसे धीमा विस्तार है।
कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किया जाने वाला मासिक सर्वेक्षण निक्की इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (सेवा क्षेत्र का पीएमआई) जनवरी में 52.2 अंक रहा, जो दिसंबर में 53.2 अंक था।
नये कारोबारी ऑर्डर बढ़ने के चलते नियुक्तियों में हुयी मजबूत वृद्धि से सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई के बाद अक्टूबर में सबसे तेज गति से बढ़ी हैं। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।
देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त में गिरावट देखी गई। जुलाई में 21 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इनमें गिरावट दर्ज की गई है।
देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियोंं में नवंबर महीने के दौरान गिरावट आई है। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद मांग में गिरावट और ग्राहकों की संख्या में कमी आई है।
बाजार की परिस्थितियों में सुधार और नए ऑर्डर की मदद से देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर रही।
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