पूरी दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन हो गया है। जिससे देश-दुनिया के IT सेक्टर में होने वाले सभी सर्विसेंज़ काफी प्रभावित हुई हैं। सर्वर डाउन होने के बाद इधर सोशल मीडिया पर भी मीम्स वायरल होने लगे हैं।
दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर डाउन होने के बाद विमान सेवाएं बाधित हो गई हैं। दुनिया भर के कई देशों में इसका असर देखने को मिला है।
अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक दुनियाभर में तकनीकी रुकावट होने से एयरलाइंस, बैंक, मीडिया और कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हुआ है। कई फ्लाइट्स और ट्रनों को रद्द भी करना पड़ा है।
दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट के सर्वन डाउन हो गए हैं। इससे विमान सेवाओं से लेकर रेलवे और अन्य सेवाएं भी बाधित हुई हैं। आइये जानते हैं भारत में इस आउटेज का किन-किन चीजों पर प्रभाव पड़ा है।
Snapchat Down in India: टीनएजर्स के बीच लोकप्रिय फोटो और वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म स्नैपचैट का सर्वर कुछ देर के लिए डाउन हो गया, जिसकी वजह से भारतीय यूजर्स को दिक्कत आई।
AIIMS Cyber Attack: एम्स का सर्वर हैक होना कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि इसमें किसी दुश्मन देश का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। जिस तरह से एम्स पर यह घातक साइबर अटैक हुआ है, उसके तरीके की प्रारंभिक जांच और पड़ताल के बाद साइबर सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़ गए हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक करीब 40 से 50 मिनट तक सर्वर डाउन रहा जिसे ठीक कर लिया गया। सर्वर डाउन रहने से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में यात्रियों की कतार लग गई।
AIIMS के इन्फेक्टेड सर्वर को जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक लैब (CFSL) भेजा गया है। CFSL इसकी जांच कर यह पता लगाएगी कि इस सर्वर को कहां से हैक किया गया और इसका सोर्स क्या है?
दिल्ली एयरपोर्ट पर सोमवार की सुबह गफलत भरी रही। आज सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन सर्वर खराब होने के चलते एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों का परिचालन ठप हो गया।
हालांकि न तो चाइना टेलीकॉम और न ही एचएमडी ग्लोबल ने यह बताया है कि वास्तव में सर्वर का मालिक कौन है और कौन डाटा हासिल कर रहा है।
सरकार नयी राष्ट्रीय दूरसंचार नीति के तहत डाटा संप्रभुता का प्रावधान करते हुए भारतीय उपयोक्ताओं से जुड़ा डाटा रखने वाली सभी कंपनियों से 2022 तक अपने सर्वर भारत में लगाने को कह सकती है। जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी। नई दूरसंचार नीति 2018 का मसौदा 1 मई को जारी होने की उम्मीद है।
संसद की एक समिति ने सरकार से ऐसे उपाय करने को कहा है जिससे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए जहां तक संभव हो अधिक से अधिक इंटरनेट सर्वर देश में ही स्थापित हों।
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