अदार पूनावाला ने इस निवेश पर कहा, ''हमें उम्मीद है कि हम धर्मा का निर्माण तथा विकास करेंगे और आने वाले सालों में इसे और भी ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।''
महाराष्ट्र के पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने की बात कही है। अदार पुनावाला ने कहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया मंकीपॉक्स की वैक्सीन बना रही है।
सीरम इंस्टीट्यूट (SII) के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। आदार पूनावाला का सीरम इंस्टीट्यूट शेयर बाजार में गैर लिस्टेड सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने केंद्र सरकार को कोविशील्ड वैक्सीन की दो करोड़ डोज (खुराक) मुफ्त में देने की पेशकश की है।
Serum Institute Of India: टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। कंपनी की ओर से पुणे पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
Covishield Vaccine:कोरोना के खिलाफ बनी कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर अब तक की सबसे बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इससे कोविशील्ड लगवाने वाले लोगों में हलचल मच गई है।
India Cancer Vaccine: कैंसर मरीजों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर की एक ऐसी स्वदेशी वैक्सीन खोज ली है, जिसकी डोज दिए जाने के बाद लोगों में इस बीमारी के होने की संभावना लगभग नगण्य हो जाएगी।
सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई कैंसर की इस वैक्सीन का आज परीक्षण होना है। अगर परीक्षण में ये वैक्सीन पास होती है तो देश के लिए राहत की खबर होगी।
सरकार की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी बच्चों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाए जाने पर जोर देने के चलते की गई थी। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्कूलों में स्पेशल कैंपेन चलाए जाएं। उन्होंने इस काम को सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल किया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने टीबी से बचाव में कारगर अपने रिकॉम्बिनेंट बीसीजी (RBCG) टीके को आपात उपयोग की मंजूरी देने के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) के पास आवेदन किया है।
एक आधिकारिक सूत्र ने आवेदन में सिंह द्वारा किए गए उल्लेख के हवाले से कहा,“ हम 18 या इससे अधिक उम्र की स्वीकृत आयु के अलावा, 12 से 17 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए आपात स्थिति में ‘कोवोवैक्स’ के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी के वास्ते आवेदन जमा कर रहे हैं और साथ में दस्तावेज़ भी प्रस्तुत कर रहे हैं।”
सीडीएससीओ ने SII के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ और बायोलॉजिकल ई कम्पनी के टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की विषय विशेषज्ञ कमेटी ने काफी विचार-विमर्श के बाद कोवैक्स को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की।
अदार पूनावाला ने एक उद्योग सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि कोवोवैक्स वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है और यह तीन साल और उससे अधिक की आयु के बच्चों को हर तरह से सुरक्षा प्रदान करेगा।
SII के सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने DCGI को भेजे आवेदन में कहा है कि अध्ययन डेटा से सुरक्षा की कोई चिंता नहीं पैदा हो रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पुणे स्थित एसआईआई ने कोविशील्ड के वास्ते नियमित विपणन की अनुमति के लिए अपने आवेदन के साथ भारत से संबंधित अंतिम चरण 2/3 की चिकित्सीय अध्ययन रिपोर्ट जमा कर दी है।
बयान के अनुसार समझौते के तहत अदार पूनावाला बायोकॉन बायोलॉजिक्स लि.(बीबीएल) के बोर्ड में शामिल होंगे। इस रणनीतिक गठबंधन के तहत टीके के अलावा डेंगू और एचआईवी जैसे अन्य संक्रमण वाले रोगों के निदान के लिये भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के उपाये किये जायेंगे।
सूत्र ने बताया कि हालांकि, राज्य को सूचित किया गया है कि ये खुराक केवल निजी अस्पतालों में ही लगाई जानी चाहिए और इन्हें कोविन पोर्टल पर दर्ज किया जाना चाहिए।
पूनावाला ने यह भी कहा कि वह कोरोना वायरस के 2 अलग-अलग वैक्सीन की खुराक देने के पक्ष में नहीं हैं।
साइरस पूनावाला ने कहा कि हजारों प्रतिभागियों के बीच परीक्षण में इस संबंध में प्रभाव साबित नहीं हुए हैं।
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