वर्ष 1931 में डोगरा महाराजा की सेना द्वारा श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर गोलीबारी में मारे गए लोगों की याद में जम्मू एवं कश्मीर में 13 जुलाई को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं, राज्य सरकार इस दिन को 1947 में आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान के तौर पर मनाती है।
सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाईज उमर फारूक और यासीन मलिक की अगुवाई वाले जेआरएल (संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व) ने सुरक्षा एजेंसियों के हाथों निर्दोष कश्मीरी लोगों के मारे जाने का आरोप लगाते हुए बंद का आह्वान किया।
अनुच्छेद 35ए के समर्थन में अलगाववादियों द्वारा विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर में प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते प्रशासन ने रविवार को अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है।
एक व्यक्ति की अपने बेटे के मुठभेड़ स्थल पर फंसे होने की अफवाह से सदमे में आकर मौत हो गई। उसका बेटा जीनत हाल में आतंकवादी समूह में शामिल हुआ था। मोहम्मद इशाक नाईको की दिल के दौरे से मौत हो गई, जबकि एक युवक तमशील अहमद खान की सुरक्षा बलों के साथ झड़प में गोली से घायल होने के बाद अस्पताल में मौत हो गई।
आसिया अंद्राबी और उनकी दो सहयोगी फहमीदा सोफी और नाहिदा नसरीन को राजद्रोह के मामले में श्रीनगर सेंट्रल जेल से दिल्ली ले जाया गया।
प्रशासन ने अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शनों के आव्हान के मद्देनजर रविवार को जम्मू एवं कश्मीर के कई क्षेत्रों में प्रतिबंध लगा दिए हैं।
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