आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच वर्षों से चल रहे युद्ध में आखिरकार अजरबैजान की जीत हुई है। करीब 30 वर्षों बाद अजरबैजान ने फिर से नागोर्नो-काराबाख को जीत लिया है। अब यहां अलगाववादी सरकार भंग करने की तैयारी है। पहले यह शहर आर्मीनिया शासन के अधीन था।
NIA ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए आरोपी जिम्मेदार है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मलिक के लिए मौत की सजा के लिए भी तर्क दिया। दूसरी ओर, कोर्ट द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास की मांग की। मामले में अपराधों की सजा का इंतजार कर रहा मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।
दिल्ली की अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज कर दी।
बंदियों को लाते समय गाड़ियों की खिड़कियों को भी सुरक्षा के लिहाज से ढक कर रखा गया था। इस संबंध में जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अलगाववादियों पर जोरदार निशाना साधा है। उनको चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को तोड़ने से किसी को आजादी नहीं मिलने वाली है।
जम्मू-कश्मीर में अतंकियों के समर्थन में रहने वाले अलगाववादी नेताओं के गुट को एक करारा झटका लगा है।
कश्मीर के अलगाववादियों ने रविवार को कहा कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों को घाटी में कोई खतरा नहीं है। उन्होंने राज्य में आनेवाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से किसी भी ‘झूठे प्रचार’ पर ध्यान नहीं देने की अपील की।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी वित्त पोषण के मामले में जांच से पता चला है कि कट्टरपंथी अलगाववादी नेताओं को विदेशों से धन प्राप्त हुआ और उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने लिए संपत्ति खरीदने से लेकर अपने बच्चों को विदेशों में शिक्षा देने पर किया।
दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कश्मीरी अलगाववादी नेताओं- शब्बीर शाह, मसरत आलम भट व आसिया अंद्राबी को आतंकवादी धनपोषण (फंडिंग) मामले में 12 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जम्मू एवं कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद से अबतक प्रशासन 919 लोगों की सुरक्षा वापस ले चुका है। इसमें अलगाववादी भी शामिल हैं।
उत्तर कश्मीर के बारामुला में पीडीपी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि जेकेएलएफ और जेईआई जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने के दूरगामी परिणाम होंगे
एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार के अधिकारी 23 मार्च को मनाए जाने वाले पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर होने वाले कार्यक्रम से दूरी बनाए रखेंगे।
पीएसए के तहत उन्हें दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। जेकेएलएफ से जुड़े सूत्रों ने गुरुवार को यह कहा।
जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है। सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर कार्रवाई करते हुए उसके 70 खाते सील कर दिए हैं।
अलगाववादियों के दो दिवसीय बंद के कारण बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी संगठनों को वित्त पोषण के मामले में मीरवाइज उमर फारूक सहित विभिन्न अलगाववादियों के परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को दी गई सुरक्षा को हटाए जाने का फैसला किया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) काफिले पर हुए हमले के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए रविवार को मीरवाइज उमर फारुक समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई है।
प्रतिबंध वाले क्षेत्रों व घाटी के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। संविधान का अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर को राज्यों के स्थायी निवासियों और उनके विशेष अधिकारों को परिभाषित करने की शक्ति प्रदान करता
अनुच्छेद 35ए के समर्थन में अलगाववादियों द्वारा विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर में प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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