निफ्टी पर एनटीपीसी, बजाज ऑटो, भारती एयरटेल, हीरो मोटोकॉर्प और एलटीआईमाइंडट्री प्रमुख लाभ में रहे। निफ्टी बैंक भी 135.75 अंकों की तेजी के साथ 48331.60 के लेवल पर कारोबार करता दिखा।
Stock Market Close: भारतीय शेयर बाजार आज बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ है। फिन सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा, सर्विस सेक्टर, हेल्थकेयर, ऑयल और गैस इडेक्स खरीदारी देखने को मिली।
घरेलू शेयर मार्केट ने प्री-ओपनिंग सेशन में भी आज मजबूती के साथ शुरुआत की। बीते दो सत्र से बाजार लाल निशान में बंद होता देखा गया।
Share Market Close: भारतीय शेयर बाजार में कई कारोबारी सत्रों के बाद बिकवाली हावी दिखी। ऑटो, बैंकिंग और आईटी शेयरों में गिरावट देखी गई।
साल 2023 में बीएसई सेंसेक्स 11,399.52 अंक या 18.73 प्रतिशत बढ़ा है। जबकि एनएसई निफ्टी में 3,626.1 अंक या 20 प्रतिशत की तेजी हुई। नए साल में लोकसभा चुनाव, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, अमेरिका और भारत में ब्याज दरों की चाल, महंगाई के रुझान और भू-राजनीतिक हालात शेयर बाजार के लिए प्रमुख फैक्टर होंगे।
शेयर बाजार में आज ऑटो, एफएमसीजी, रियल्टी और मेटल स्टॉक्स में खरीदारी देखी गई। हालांकि एनर्जी, पीएसयू और पीएसई और आईटी स्टॉक्स पर दबाव देखा गया।
बीएसई सेंसेक्स 371.95 अंक उछलकर अंक पर 72,410.38 बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 123.95 अंकों की तेजी के साथ 21,778.70 अंक पर पहुंच गया। आज के कारोबार में बैंकिंग और ऑटो कंपनियों के स्टॉक्स में जबरदस्त तेजी रही।
बीएसई सेंसेक्स 281.68 अंक उछलकर 71,618.48 अंक पर पहुंच गया है। वहीं, एनएसई निफ्टी 86.70 अंकों की तेजी के साथ 21,528.05 पर कारोबार कर रहा है। शुरुआती कारोबार में बैंकिंग, ऑटो और फार्मा शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।
Stock Market Open: भारतीय शेयर बाजार में करीब सपाट कारोबार हो रहा है। निफ्टी और सेंसेक्स हल्की तेजी के साथ खुले हैं।
देश के बेहतर आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों और भारी खुदरा निवेशकों की भागीदारी से इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 एक लाभप्रद वर्ष साबित हुआ है। इसके चलते स्मॅल कैप और मिड कैप यानी छोटे और मझोले कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजारों में लंबे समय से तेजी का दौर जारी है।
घरेलू स्टॉक मार्केट में खरीदारी का रुझान लगातार दूसरे दिन भी देखा गया। मिडकैप शेयरों में आउटपर्फॉर्म देखने को मिला। विप्रो का स्टॉक 7 प्रतिशत मजबूत होकर टॉप गेनर बना।
विभिन्न वैश्विक फर्मों द्वारा भारत की रेटिंग के साथ-साथ जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान में सुधार हुआ है, जिसके चलते बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट-कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर को पार कर गया है। मार्केट कैप के हिसाब से हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज को पछाड़कर एनएसई दुनिया का 7वां सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि अब बाजार में चिंता का विषय मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में हाई वैलुएशन है। छोटे निवेशक उत्साह और मिड और स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड में निरंतर प्रवाह इस रैली को चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में यह व्यापक तेजी लंबे समय तक जारी नहीं रह सकती।
शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 180.55 अंक चढ़कर 71,045.65 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई निफ्टी 30.70 अंक की मजबूती के साथ 21,285.75अंक पर पहुंच गया है। बाजार में तेजी लौटने से सेंसेक्स एक बार फिर 71 हजार के पार निकल गया है।
एनएसई निफ्टी 50 पर पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, बीपीसीएल, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, अपोलो हॉस्पिटल्स और एचडीएफसी बैंक शीर्ष पर रहे। पॉजिटिव अमेरिकी डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते गुरुवार को भारतीय रुपये में गिरावट आई थी।
शेयर बाजार में एक बार फिर उतार-चढ़ाव का दौर शुरू हो गया है। लगातार तेजी के बाद बाजार में बड़ी गिरावट बुधवार को देखने को मिली। आज भी कमजोर शुरुआत के बाद बाजार संभला है। ऐसे में निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
बीएसई सेंसेक्स 585.42 की बड़ी गिरावट के बाद 69,920.89 अंक पर पहुंच गया है। इस तरह सेंसेक्स ने 70 हजार के अहम स्तर को तोड़ दिया है। वहीं, एनएसई निफ्टी 169.90 अंक लुढ़ककर 20,980.25 पर पहुंच गया है।
Stock Market Open: भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही ऑल टाइम हाई पर कारोबार कर रहे हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी ने मंगलवार को कारोबार के दौरान ताजा ऑल टाईम हाई लेवल बनाया है। इससे शेयर बाजार आज बढ़त के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स पैक में सबसे ज्यादा तेजी नेस्ले इंडिया, एनटीपीसी, रिलायंस और एसबीआई के शेयर में देखने को मिली।
फेड द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के चक्र की समाप्ति का संकेत देने और 2024 में संभवत: तीन बार दरों में कटौती का संकेत देने के बाद यह प्रवृत्ति तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी बांड से होने वाली कमाई में गिरावट आई और 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज चार प्रतिशत कम हो गया।
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