विश्वास के आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था के सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की करीब 455 कंपनियां सीमावर्ती राज्य में तैनात की जाएंगी और तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह पंजाब पुलिस कर्मियों की तैनाती के अतिरिक्त व्यवस्था होगी, जो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने ओवैसी की सुरक्षा की समीक्षा की और सीआरपीएफ की Z श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक ओवैसी को यह सुरक्षा तत्काल प्रभाव से मिलेगी।
मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया कि पूर्व DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के गैंगस्टर से संबंध हैं और मोदी की सुरक्षा में चूक केस में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के रोल की एनआईए जांच होनी चाहिए।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर श्रीनगर में सुरक्षा कोर समूह की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कश्मीर में सुरक्षा की स्थितियों पर विचार किया गया। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे और जम्मू—कश्मीर पुलिस के डायरेक्टर जनरल दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने की घटना पर पीएम मोदी की लंबी आयु की कामना को लेकर अयोध्या में पूजा—अर्चाना और भंडारे का अयोजन किया गया। इस दौरान अयोध्या में साधु संतों को भंडारा करवाया गया। इस भंडारे ओर पूजन का आयोजन आयोजन राम लला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास के आवास पर किया गया।
बीते दो सप्ताह में उत्तर कोरिया ने चार बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किये थे, जिसके संबंध में बृहस्पतिवार को बुलाई गई परिषद की आपात बैठक में अमेरिका ने परिषद के 15 सदस्यों से एक संक्षिप्त बयान जारी करने की अपील की।
गणतंत्र दिवस के मद्देनजर, समारोह वाले पूरे क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, चेहरे की पहचान वाले सॉफ्टवेयर से लैस सीसीटीवी की निगरानी में समारोह आयोजित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाजी एम. जाधव ने कहा कि एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्यों में से एक ने कॉल रिसीव किया है। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने कहा कि रिकॉर्ड किए गए संदेश में पिछले सप्ताह पीएम के मार्ग को अवरुद्ध करने की जिम्मेदारी भी ली गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'सुरक्षा में चूक' मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई खत्म हो चुकी है। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार का कहना था कि राज्य के अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
पंजाब सरकार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी। यह एक रूटीन होता है इसलिए यह कहना कि आखिरी मिनट में रूट बदलने से प्रॉब्लम हुई, मजाक लगता है।
यह घटना उस वक्त हुई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से प्रधानमंत्री को गुजरना था और इस कारण वह एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। इसके चलते, प्रधानमंत्री के काफिले को वापस लौटना पड़ा।
रविवार तड़के श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके में हरवन के दरबाग धारा इलाके में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकवादी मारा गया। आतंकी की अभी पहचान नहीं हुई है, पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
वीडियो में नजर आ रहा है कि कार के बोनट पर करीब 5 से अधिक केक काटे जा रहें हैं। इसी दौरान एक सुरक्षा गार्ड हाथ में बंदूक लिए खड़ा है और अचानक सुरक्षा गार्ड गोलियां चला देता है, जिसके बाद जन्मदिन का जश्न मना रहे अन्य लोग खुश हो जाते हैं।
नगालैंड के ओटिंग इलाके में शनिवार शाम हुई इस घटना के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। गुस्साए लोगों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियों को आग लगा दी। सेना ने इस मामले की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है।
सेना ने बुधवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में हुई मुठभेड़ में आईईडी बनाने में माहिर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादी कमांडर यासिर पर्रे और एक विदेशी आतंकी ढेर कर बड़ी सफलता हासिल की।
इस मामले की जांच की जा रही है और गौतम गंभीर के घर के बाहर की सुरक्षा बढ़ाई गई है। उनके घर के बाहर दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार घाटी में सुरक्षाबलों की 50 अतीरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं और श्रीनगर में एक बार फिर से सिक्योरिटी बंकर तैयार किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि लश्कर ए तैयबा का मुखौटा संगठन टीआरएफ के दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान आदिल वानी के रूप में की गई है जिसने जो 2020 में आतंकी संगठन में शामिल हुआ था।
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक ने शनिवार को बताया कि पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और 4 आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया। ये आतंकवादी ड्रोन से गिराए गए हथियारों को इकट्ठा करने और कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादियों को हथियार सप्लाई करने की योजना बना रहे थे।
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