मौजूदा वित्त वर्ष के खत्म होने में अब दो महीने से कम का वक्त बचा है। ऐसे में अब टैक्स सेविंग के लिए निवेश करने में देरी करना सही नहीं होगा।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति या संगठित हिन्दू परिवार 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है।
धारा 80C के तहत आप टैक्स सेविंग के लिए अधिकतम डेढ़ लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं। वैसे तो धारा 80C के तहत बचत और निवेश के विकल्पों की भरमार है लेकिन ELSS कई मायनों में अन्य विकल्पों से बेहतर है।
टैक्स बचाने के इस सीजन में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं। आइए, हम वेतन के अनुसार बताते हैं कि आप HRA के तौर पर अधिकतम कितने डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपए की जा सकती है। कुछ विश्लषकों का मानना है कि सरकार वेतन भोगियों को कुछ राहत देने के लिए फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू कर सकती है।
इनकम टैक्स बचाने के साथ-साथ आप 40 फीसदी तक का सालाना रिटर्न पा सकते हैं। टैक्स सेविंग के लिए ELSS चुन कर आप दोहरा लाभ उठा सकते हैं। लॉक-इन अवधि भी 3 साल है।
अगर आप टैक्स बचाने के लिए लाइफ इंश्योरेंस के किसी एंडोमेंट या मनी बैक प्लान में निवेश करने की सोच रहे हैं तो उसकी जगह Tax Saving Bank FD का चयन करें।
सुरक्षित होने के साथ-साथ PPF 8.1% वार्षिक ब्याज देता है जो साल दर साल जुड़ता जाता है। धारा 80सी के तहत यह इनकम टैक्स में कटौती का लाभ भी देता है।
हम आपको कुछ ऐसे खर्च के बारे में बताने जा रहे हैं जो इनकम टैक्स सेविंग में मददगार हैं। ऐसे खर्च आप जाने-अनजाने करते भी हैं।
हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसे कम से कम टैक्स देना पड़े। आप सिर्फ सेविंग या इन्वेस्टमेंट ही नहीं बल्कि खर्च के जरिए भी इनकम टैक्स में बचत कर सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि एक कर्मचारी और एक स्वरोजगारी के बीच NPS निवेश पर टैक्स कटौती में समानता लाने के लिए धारा 80CCD में संशोधन का प्रस्ताव किया जाता है।
NPS स्कीम में अगर आप 25 साल की उम्र से प्रति माह 2,000 रुपए जमा करते हैं और औसत रिटर्न 12 फीसदी मिले तो रिटायरमेंट के समय आप करीब 1.22 रुपए जमा कर सकते हैं।
सरकार नोटबंदी के बाद बने हालात को देखते हुए अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए आगामी बजट में डायरेक्ट टैक्स में व्यापक फेरबदल कर सकती है।
वैसे तो धारा 80सी के तहत बचत और निवेश के विकल्पों की भरमार है लेकिन ELSS लाॅन्ग टर्म रिटर्न और लॉक इन अवधि के नजरिए से अन्य विकल्पों से बेहतर है।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने बचत पर लोगों को लाभ देने की वकालत की है। टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए करने की मांग की है, जो कि फिलहाल 1.50 लाख है।
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