भारतीय दंड संहिता के 'अनुच्छेद 377' को निरस्त कर दिया गया है। फिल्म 'अलीगढ़' में मुख्य भूमिका निभा चुके अभिनेता मनोज बाजपेयी समलैंगिकता को अपराध मानने वाले कठोर कानून को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खत्म किए जाने से खुश हैं।
जस्टिस नरीमन और जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने अलग लेकिन सहमति वाले फैसले में, धारा के विकास के बारे में विस्तार से बताया है।
..निजी जगहों पर वयस्कों के बीच सहमति से सेक्स, जोकि महिलाओं व बच्चों के लिए हानिकारक नहीं हो, को मना नहीं किया जा सकता क्योंकि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के समलैंगिकता को अपराध नहीं करार देने के फैसले को 'आजादी की सुबह' करार दिया और कहा कि बेडरूम में सरकार के लिए कोई जगह नहीं है।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धारा 377 को रद्द कर दिया। यानि अब समलैंगिक संबंध अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बॉलीवुड के कई सिलेब्रिटीज ने खुशी जताई है। सभी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं और कह रहे हैं भारत आजाद हो गया। इसी मुद्दे पर आमिर खान ने भी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया।
आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने एक बयान में कहा, उच्चतम न्यायालय के फैसले की तरह हम भी इसे (समलैंगिकता) अपराध नहीं मानते।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत में एलजीबीटीआईक्यू (समलैंगिक समुदाय) के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिक यौन संबंध को अपराध नहीं बताया है, जिसके बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।
समलैंगिक संबंध अपराध है या नहीं इस पर फैसला करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, समलैंगिकता अब अपराध नहीं है। CJI दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, समलैंगिकों को सम्मान के साथ जीने का पूरा अधिकार है।
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