SEBI ने आज एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसमें उसने निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए कुछ नए नियम बनाएं है। साथ ही, 15 अप्रैल तक मौजूदा अनपेड क्लाइंट सिक्योरिटीज को खत्म करने का आदेश दिया गया है।
सेबी के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर माह की शुरुआत में 3,001 शिकायतें लंबित थीं। सेबी के पास ये शिकायतें रिफंड, आवंटन, निकासी और ब्याज से संबंधित थीं।
सेबी ने वाडिया समूह की कंपनी स्काल सर्विसेज लिमिटेड और इसके तत्कालीन निदेशक डी एस गगरात, एन एच दतनवाला, शैलेश कार्णिक, आर चंद्रशेखरन और बॉम्बे डाइंग के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी दुर्गेश मेहता पर भी यह पाबंदी और जुर्माना लगाया है।
इन 10 संपत्तियों में से पांच सुमंगल इंडस्ट्रीज लिमिटेड की, तीन इंफोकेयर इंफ्रा लिमिटेड की हैं और शेष जीएसएचपी रियलटेक लिमिटेड की हैं।
IPO: आप किस मूल्य पर आईपीओ लाना चाहते हैं यह देखना आपका काम है। हमारा इसके बारे में सुझाव देने का काम नहीं है।’’
Share Brokers के झूठे वादों पर लगाम लगाने के लिए SEBI ने बढ़ाई सख्ती, इन कारणों से उठाया यह कदम SEBI increased strictness to false promises by Share Brokers
पूंजी बाजार में निवेश की मूल बातों को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है, और इसका एक प्रमुख कारण सही जानकारी की कमी है।
सेबी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रत्येक म्यूचुअल फंड द्वारा विदेशी निवेश फरवरी के स्तर तक सीमित रहे।
सेबी के प्रावधानों का उल्लंघन के कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज और सावित्री पारेख एवं के सेतुरामन पर संयुक्त रूप से 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया है
इस पहल का मकसद प्रतिभूति बाजार में सभी पक्षों की गतिविधियों में एकरूपता लाना है। पिछले साल सेबी ने नये कारोबारी और डीमैट खाता खोलने वाले निवेशकों के लिये भी ऐसा ही विकल्प दिया था।
नोटिस में यह चेतावनी भी दी गयी है कि अगर वह 15 दिन के भीतर भुगतान करने में विफल रहती हैं, तो उन्हें गिरफ्तार करने के साथ संपत्ति तथा बैंक खातों की कुर्की भी की जा सकती है।
ब्लैकस्टोन समर्थित आधार हाउसिंग आईपीओ के जरिये 7,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
एक मई, 2022 या उसके बाद खुलने वाली ऋण प्रतिभूतियों के सार्वजनिक निर्गमों पर नया प्रावधान लागू होगा।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने तीन साल की शुरुआती अवधि के लिए बुच की नियुक्ति को मंजूरी दी है।
सेबी की इस रिपोर्ट में एक रहस्यमयी योगी के बारे में पता चला है जो पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण के कार्यों और अन्य अनियमितताओं का मार्गदर्शन कर रहा था।
तकनीकी कंपनियों ने अब तक आईपीओ के जरिये लगभग 43,283 करोड़ रुपये जुटाए हैं। त्यागी ने कहा, इन कंपनियों का उचित मूल्यांकन इन दिनों हितधारकों के बीच गहन बहस का विषय है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अगर भारतीय कंपनियों के इस मामले में कोई विचार हैं, तो नियामक को इस पर गौर करना चाहिए।
सेबी ने जनवरी में सोने के शेयर बाजार के संचालन के लिए एक रूपरेखा पेश की थी। इसके तहत ईजीआर के रूप में पीली धातु का कारोबार किया जाएगा।
सेबी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों में पी-नोट्स के जरिये निवेश का मूल्य दिसंबर, 2021 के अंत तक बढ़कर 95,501 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो नवंबर के अंत तक 94,826 रुपये था।
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