सेबी ने 39 शेयर ब्रोकर और 7 कमोडिटी ब्रोकर्स का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इसके अलावा सेबी ने 22 डिपॉजिटरी प्रतिभागियों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया।
इकोस इंडिया मॉबिलिटी एंड हॉस्पिटैलिटी ने अपने आईपीओ के तहत प्रत्येक शेयर के लिए 318 रुपये से 334 रुपये का प्राइस रेंज फिक्स किया है। ये एक मेनबोर्ड आईपीओ है, जिसके लिए रिटेल निवेशकों को कम से कम 14,696 रुपये का निवेश करना होगा।
यूपीआई ब्लॉक सिस्टम के तहत ग्राहक अपने बैंक खातों में ब्लॉक की गई राशि के आधार पर शेयर बाजार में लेनदेन कर सकते हैं। यह सुविधा वर्तमान में निवेशकों के लिए वैकल्पिक है और ट्रेडिंग सुविधा देने वाली फर्म के लिए इसे ग्राहकों को सेवा के रूप में पेश करना जरूरी नहीं है।
SEBI Alert : सेबी ने निवेशकों को आगाह किया है कि वे एसएमई शेयरों में पैसा लगा रहे हैं, तो सतर्क रहें। कुछ कंपनियां अपनी परिचालन की झूठी तस्वीर पेश कर निवेशकों को बरगला रही हैं।
सेबी की तरफ से नोटिस विजय शेखर शर्मा द्वारा प्रमोटर वर्गीकरण मानदंडों का कथित रूप से पालन न करने के बदले मिला है। लंबे समय से पेटीएम की मुसीबत खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है।
सेबी ने पाया कि प्रमोटर कंपनी से धन की हेराफेरी में संलिप्त हैं। डेबॉक इंडस्ट्रीज (डीआईएल) के प्रमोटर सुनील कलोट और मुकेश मनवीर सिंह की पत्नी प्रियंका शर्मा को भी प्रतिभूति बाजार से बैन किया गया है।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य ने कहा कि सेबी की कई जांच और आदेश, जिन्हें पूरा होने में एक वर्ष से अधिक समय लगता है, की जरूरत ही नहीं होती अगर सीए अपना काम अधिक लगन से करते।
आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल आईजीआई बेल्जियम ग्रुप और आईजीआई नीदरलैंड ग्रुप के अधिग्रहण के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, कुछ पैसों का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट कामों के लिए किया जाएगा।
इस संबंध में, आरसीएफ ने बीएसई और एनएसई को लिखा है, ''एक सरकारी कंपनी होने की वजह से कंपनी में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर समेत डायरेक्टर की नियुक्ति करने का अधिकार भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उर्वरक विभाग (डीओएफ) के पास है।''
कंपनी ने सेबी को बताया कि 87.92 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया जाएगा। कंपनी प्री आईपीओ इशू में 257 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रही है। ऐसा होने पर नए इशू का साइज घटा दिया जाएगा। ईकॉम एक्सप्रेस पूरे भारत में 'एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स नेटवर्क' ऑपरेट करती है।
मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) ने कहा कि हम यह साफ करना चाहते हैं कि आईपीई प्लस फंड और आईपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस से जुड़ा नहीं है और इसे कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है।
गिफ्ट निफ्टी 10.50 अंक या 0.04% की गिरावट के साथ 24,370 पर कारोबार कर रहा है, जो घरेलू सूचकांक एनएसई निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स के लिए नकारात्मक शुरुआत दर्शाता है।
अडाणी ग्रुप के प्रवक्ता ने ग्रुप की ओर से दिए गए आधिकारिक बयान में आगे कहा, ''हमारी प्रतिष्ठा को बदनाम करने के लिए जान-बूझकर की गई इस कोशिश में अडाणी ग्रुप का रिपोर्ट में बताए गए लोगों या मामलों के साथ कोई कमर्शियल रिलेशनशिप नहीं है।''
आईपीओ लाने की मंजूरी पाने वाली कंपनियों में बाजार स्टाइल रिटेल, डिफ्यूजन इंजीनियर्स लिमिटेड और दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स इंडिया भी शामिल हैं। इन कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगाने के शानदार मौके होंगे।
‘फ्रंट-रनिंग’ एक ब्रोकर द्वारा शेयर या किसी अन्य वित्तीय परिसंपत्ति का व्यापार है, जिसे भविष्य के लेनदेन के बारे में अंदरूनी जानकारी होती है जो उस लेनदेन की कीमत को काफी हद तक प्रभावित करने वाला होता है।
सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि अभी आईपीओ की प्रक्रिया काफी मुश्किल है। इसे आसान करने के लिए सेबी एक नए मॉडल पर काम कर रहा है।
फ्यूचर्स एंड ऑप्शन सौदे में निवेशकों को हो रहे नुकसान को देखते हुए अब सेबी सख्त नियम लागू करने की तैयारी कर रहा है। इस परिपेक्ष में सेबी ने अपने परामर्श पत्र पर हित धारकों से सुझाव मांगे हैं।
इससे पहले, आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट 2023-24 में भी डेरिवेटिव खंड में खुदरा निवेशकों की बढ़ती रुचि पर चिंता जताई थी। समीक्षा के मुताबिक, एक विकासशील देश में सट्टा कारोबार की कोई जगह नहीं है।
सेबी ने मूल्य से संबद्ध अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी तक पहुंच रखने वाले कर्मचारियों को नामित व्यक्तियों के रूप में चिह्नित किये जाने को जरूरी किया है। इसके जरिये सेबी भेदिया कारोबार को लेकर व्यवस्था का चाक-चौबंद बना रहा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जनवरी 2006 से मार्च 2008 तक की अवधि की जांच में पाया कि माल्या ने अपने समूह की कंपनियों के शेयरों का गोपनीय ढंग से कारोबार करने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मैटरहॉर्न वेंचर्स का इस्तेमाल किया।
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