एनसीडीईएक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कमोडिटी मार्केट्स एंड रिसर्च के जरिये कृषि कमोडिटीज मार्केट में अनुसंधान, प्रशिक्षण और जागरूकता फैलाने का भी काम करता है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अगले साल तक अपने पद पर बने रहने के कंपनी के निदेशक मंडल के आग्रह को मान लिया है।
त्यागी हिमाचल प्रदेश कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें 2017 में तीन साल के लिए सेबी का प्रमुख बनाया गया था।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की योजना शेयर और जिंस डेरिवेटिव्स में मार्जिन प्रणाली को तर्कसंगत बनाने की है।
सेबी के नियमों के तहत बाजार पूंजीकरण के हिसाब से शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों को चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (एमडी) या मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पदों को अलग-अलग करना अनिवार्य किया गया है। यह नियम एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होने थे।
कम्प्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (कैम्स) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पेश करने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास मसौदा दस्तावेज जमा किया है।
पूंजी बाजार में उतरने की एनएसई की योजना को अप्रैल 2019 में पूंजी बाजार नियामक ने छह माह के लिए रोक दिया था।
Sebi ने 2013 में अपने कर्मचारियों के लिए पितृत्व अवकाश की भी शुरुआत की है।
परिसंपत्तियों के आकार के आधार पर एचडीएफसी म्यूचुअल फंड शीर्ष स्थान पर है। उसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति 3,82,517 करोड़ रुपए रही।
कंपनी इस राशि का इस्तेमाल कुछ कर्ज की किस्तें चुकाने तथा सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करेगी।
पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा प्रमुख रेटिंग एजेंसियों पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के बाद अब रिजर्व बैंक ने भी इन एजेंसियों को आड़े हाथों लिया है।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपए पर आ गया।
शेयर बाजार बीएसई ने साइबर सुरक्षा सेवाओं को मजबूत बनाने तथा शेयर ब्रोकरों के हितों की रक्षा के लिये एसआई कंसल्ट के साथ करार किया है।
मझगांव देश में समुद्री जहाज बनाने वाली बड़ी कंपनियों में शामिल है। यह देश की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करती है।
इस मामले में रॉय के अलावा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन और सहारा इंडिया रीयल एस्टेट तथा उनके तीन निदेशकों को आरोपी बनाया गया है।
इच्छुक पक्ष की आय पिछले तीन वर्षों के दौरान कम से कम 50 लाख रुपए वार्षिक की होनी चाहिए और पिछले पांच वर्ष में लगातार दो साल हानि में नहीं होनी चाहिए।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी नोट्स) के जरिये अक्टूबर में निवेश मामूली बढ़कर 76,773 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
सेबी ने परिपत्र में कहा कि यह फैसला सूचीबद्ध कंपनियों के समय पर कर्ज किस्त का भुगतान नहीं कर पाने से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पाने की कमी को दूर करने के लिए लिया गया है।
जुलाई 2017 में सेबी ने पी-नोट के लिए कठोर नियमों को अधिसूचित किया था।
वैश्विक नरमी और व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में शुरूआती तीन कारोबारी दिवसों में शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
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