SCO Summit: उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है। 15-16 सितंबर तक यह सम्मेलन चलेगा। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की।
उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता हो रहे SCO मसिट में भाग लेने पीएम मोदी समरकंद पहुंच गए हैं। शुक्रवार 16 सितंबर को भारतीय समयनुसार सुबह 10 बजे के बाद एससीओ सदस्य देशों के प्रमुखों की बैठक होगी।
SCO Summit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोजेव के साथ उनकी अलग से बैठक होनी है।
SCO Summit: एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी। इसके छह संस्थापक सदस्य समेत आठ पूर्णकालिक सदस्य हैं। संस्थापक सदस्य देशों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं।
SCO Summit: 15 सितंबर से उज्बेकिस्तान के समरकंद में शुरू होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की अन्य द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। उज्बेकिस्तान में भारतीय राजदूत मनीष प्रभात ने पहले ही कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ के बीच उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15-16 सितंबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी।
India-China Border Dispute: उजबेकिस्तान के समरकंद में 15 सिंतबर से शुरू होने जा रहे शंघाई शिखर सहयोग संगठन सम्मेलन (SCO Summit) में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ प्रमुख तौर पर हिस्सा लेने जा रहे हैं।
SCO Summit Samarkand:उजबेकिस्तान के समरकंद में 15 और 16 सितंबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी पर दोनों देशों की ओर से मुहर लगा दी गई है। हालांकि द्विपक्षीय वार्ता पर अभी भारत और चीन की तरफ से कुछ भी संकेत नहीं दिया गया है।
SCO समिट में पीएम मोदी का सामना रूस-चीन के राष्ट्रपति और पाक प्रधानमंत्री से होगा। इस मौके पर भारत की द्विपक्षीय बैठकें होंगी या नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है। प्रधानमंत्री 14 सितंबर को समरकंद पहुंचेंगे और दो दिवसीय शिखर बैठक में शामिल होकर 16 सितंबर को भारत (India) वापस लौटेंगे।
SCO Summit Samarkand: भारत और चीन सीमा पर इस दौरान तनातनी के हालात शांतिपूर्ण माहौल में बदलने लगे हैं। दोनों ही देश वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने-अपने सैनिकों की वापसी कराने लगे हैं। अस्थाई ढांचे भी ढहाए जा रहे हैं।
SCO Summit in Tashkent: राजनाथ सिंह 24 अगस्त को एससीओ की बैठक को संबोधित करने वाले हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ताशकंद की यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री उज्बेकिस्तान गणराज्य के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव से मुलाकात करेंगे, जो मेजबान देश भी है।’
SCO: भारत और पाकिस्तान के बीच जल्द ही आतंकवाद के खिलाफ कवायद होने वाली है। दोनों देशों के बीच तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना इस साल के अंत में भारत आएगी। आतंकवाद विरोधी अभ्यास शंघाई सहयोग संगठन(SCO) के बैनर तले आयोजित किया जाएगा।
SCO Summit: पाकिस्तान में शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद बिलावल भुट्टो ने भारत के साथ रिश्ते बहाली की जोरदार वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि नई दिल्ली के साथ संबंध तोड़ना देश हित में नहीं होने वाला है क्योंकि इस्लामाबाद पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग है।
SCO Summit 2022: छह साल में यह पहली बार है कि दोनों प्रधानमंत्री एक छत के नीचे मौजूद होंगे। इस दौरान एक-दूसरे से मुलाकात करने की उम्मीद है।
पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में हथियारों के दम पर सरकार बनाई गई है। ऐसे में अगर जल्द ही अफगानिस्तान में शांति बहाल नहीं की गई तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत central एशिया के साथ अपनी connectivity बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि land locked central एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है।
इस बैठक में अफगानिस्तान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग एवं सम्पर्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी
इस महीने के शुरु में जयशंकर ने ईरान में नव नियुक्त विदेश मंत्री से बात की थी तथा द्विपक्षीय मुद्दों के साथ अफगानिस्तान में स्थिति पर भी चर्चा की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस शिखर बैठक में परिषद के देशों के नेताओं द्वारा पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा और भविष्य में सहयोग की संभावना की समीक्षा किये जाने की उम्मीद है।
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