बीते कई सालों से जारी कूटनीतिक तवान के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक, वह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हो रही शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेंगे।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के निमंत्रण पर इस्लामाबाद जाएंगे, आखिर क्यों पाकिस्तान ने पीएम मोदी को अपने देश बुलाया है? दरअसल पाकिस्तान एससीओ शिखर सम्मेलन की अक्टूबर में मेजबानी करने जा रहा है, जिसका भारत भी सदस्य है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा भेजे गए निमंत्रण के मिलने की पुष्टि कर दी है।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान की तरफ से होने वाला सीमा पार का आतंकवाद है। इस बीच अब पाकिस्तान ने पीएम मोदी को निमंत्रण भेजा है।
कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के बाद अब इसी साल अक्टूबर में पाकिस्तान SCO बैठक की मेजबानी करेगा। बैठक को लेकर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने जानकारी दी है।
विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के हवाले से एक बयान में कहा कि भारत में 100 यूनिकॉर्न समेत 1.30 लाख स्टार्टअप होने से इसका अनुभव दूसरों के लिए उपयोगी हो सकता है।
कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में SCO समिट के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की है। जयशंकर ने इससे पहले UN चीफ से भी मुलाकात की थी।
अजित डोवाल ने ये भी कहा है कि कजाखिस्तान के अस्ताना में आयोजित एससीओ सदस्य देशों की बैठक में आतंकवाद समेत विभिन्न मुद्दों पर अहम बयान दिया है। डोवाल ने इस क्षेत्र में फैले आतंकी नेटवर्क के खात्मे के लिए मजबूत कदम उठाने का भी समर्थन किया है।
एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन को अपनी बीआरआई परियोजना के लिए फिर भारत के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। भारत ने पीओके से गुजरने के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन और संप्रभुता के साथ खिलवाड़ बताया। रूस समेत अन्य देशों ने चीन की इस परियोजना का समर्थन किया।
किर्गिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना उसे खूब खरी-खोटी सुनाई है। भारत ने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रत्येक देश को एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना होगा। अंतरराष्ट्रीय नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
। विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर एससीओ सदस्य देशों के अपने अन्य समकक्षों के साथ ही किर्गिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे। एससीओ समूह में चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। जून 2001 में शंघाई में स्थापित, एससीओ एक अंतरसरकारी संगठन है।
SCO समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने वर्चुअली हिस्सा लिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी मेजबानी की थी।
ईरान के एससीओ का सदस्य बनने से रूस की स्थिति ग्लोबल पोजिशनिंग के हिसाब से मजबूत होगी। वहीं अमेरिका और ईरान में 36 का आंकड़ा होने से वह टेंशन में है। ईरान यूक्रेन युद्ध में भी रूस की मदद कर रहा है। एससीओ का सदस्य बनने के बाद रूस-ईरान की करीबी और बढ़ेगी। भारत को ईरान के चाबहार पोर्ट से आर्थिक, सामरिक फायदे होंगे।
भारत की मेजबानी में मंगलवार को हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान चीन को जोर का झटका लगा है। दरअसल भारत ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) को मानने से साफ इनकार कर दिया है। जबकि एससीओ के अन्य सदस्य देशों ने बीआरआइ का समर्थन किया है।
रूस की राजधानी मॉस्को पर यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमले किए गए हैं। इस बात की जानकारी रूसी वायुसेना ने दी है। साथ ही यह भी बताया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया गया है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ समिट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका की आलोचना की। साथ ही बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर भी अपनी बात रखी।
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एससीओ समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आतंकवाद को कई सिरों वाला राक्षस बताया है।
एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे जमकर धोया। साथ ही चीन को आतंकियों का समर्थन करने के लिए और देशों की संप्रभुता से खिलवाड़ करने को लेकर नसीहत दी। पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल दूसरे देशों में अस्थिरता और उग्रवाद के लिए न हो।
SCO समिट में पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा कि कुछ देश आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। इस समिट में पाकिस्तान के पीएम भी मौजूद थे।
भारत जी-20 के साथ एससीओ शिखऱ सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्चुअल शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ जैसे नेता भाग ले रहे हैं। भारत की मेजबानी में पहली बार यह सम्मेलन वर्चुअल हो रहा है।
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