दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने बड़ी बात कही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने ‘सील’ में रेबीज के प्रकोप की पहचान की है। वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि रेबीज सील तक कैसे पहुंचा।
दक्षिण कोरिया में सुसाइड करने वाले रोबोट को लेकर सूत्रों के हवाले से एक बहुत बड़ा दावा किया जा रहा है। दक्षिण कोरिया की बड़ी टेक्नॉलोजी कंपनी में काम करने वाले एक अधिकारी के हवाले से सूत्रों ने इंडिया टीवी को इस घटना के सत्य होने का दावा किया है। सूत्रों ने बताया कि वैज्ञानिकों ने एआइ कमांड देने में गलती कर दी थी।
इंसानों के शराबी होने की घटना तो हर जगह आम हो चली है। मगर ऑस्ट्रेलिया में कई शराबी तोते पकड़े गए हैं, जो इंसानों की तरह अपनी उत्तेजना बढ़ाने और मौज-मस्ती करने के लिए एल्कोहल का सेवन करते हैं। पक्षियों की इन प्रवृत्तियों से वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
क्या बड़ा दिमाग बुद्धिमान होने की निशानी है अगर ऐसा है तो बड़े दिमाग वाले आदि मानव भोजन क्यों नहीं खोज पाते थे। मस्तिष्क का आकार बढ़ना किस बात की निशानी है, इस वैज्ञानिकों ने नया और दिलचस्प अध्ययन किया है।
वैज्ञानिकों ने 155 मिलियन वर्ष पुराना स्टारफिश जैसा जीव ढूंढ निकाला है जो खुद का क्लोन बना लेता है। यह दिखने में जेलीफिश जैसा है और इसकी छह भुजाएं हैं। जानिए इस जीव के बारे में-
वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य की उम्र 5 अरब वर्ष के करीब है। अभी तक वह 4.6 अरब वर्ष की आयु पूरी कर चुका है। ऐसे में उसका समय पूरा होने पर जब सूरज की मौत होगी तो वह फट जाएगा। ऐसे में सुपरनोवा विस्फोट से धरती पर जीवन विलुप्त होने की आशंका है।
वैज्ञानिकों ने आकाश गंगा में तारों के सबसे पुराने समूह का पता लगाकर सबको हैरान कर दिया है। खगोलविदों के अनुसार आकाशगंगा छोटी मंदाकिनियों के विलय से बनी, जिससे तारों के बड़े समूहों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। ये तारे 13 अरब वर्ष पुराने हैं।
धरतीवासियों के मंगल ग्रह पर बसने का सपना अब पूरा होने जा रहा है। नासा ने इसके लिए लोगों से आवेदन मांगा है। नासा अपने पहले मार्श मिशन में 1 वर्ष के लिए कुछ लोगों को मंगल ग्रहवासी बनाने जा रहा है। इसमें उसके रहने के लिए 3 डी घर और खाने-पीने की व्यवस्था होगी। मार्श वाक, फसल उत्पादन, व्यायाम कार्य विकसित होंगे।
जीएसएलवी रॉकेट की आखिरी उड़ान 29 मई, 2023 को थी और रॉकेट का कोडनेम 'जीएसएलवी-एफ12' रखा गया था। तार्किक रूप से, अगले जीएसएलवी रॉकेट का क्रमांकन 'जीएसएलवी-एफ13' होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
NTRO Recruitment 2023: राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) ने वैज्ञानिक 'बी' के पदों के लिए भर्ती निकाली है। इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू होगी।
आठ महीने पहले अंतरिक्ष में 2 टमाटर गुम हो गए थे, जिसके बारे में कहा जा रहा था कि अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रुबियो ने टमाटर खा लिए थे। अब नासा ने टमाटर को बरामद कर लिया है। नासा ने शानदार वीडियो शेयर किया है-देखें..
वर्ष 2023 के नवंबर ने ही नहीं, बल्कि इस बार की पूरी शरद ऋतु ने ही एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि वर्ष 2023 से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। दुनिया भर के मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार की शरद ऋतु को धरती पर सबसे गर्म माना है।
एक रिसर्च में पता चला है कि जो लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं उनकी खान-पान की आदतें बिगड़ जाती हैं, जिसके चलते उन्हें कभी-कभी बढ़ते वजन का सामना करना पड़ता है।
एस्ट्रोबॉय के नाम से मशहूर वेदांत पांडे ने एक ऐसे दुर्लभ तारे की तस्वीर खींची है, जो 400 साल बाद दिखाई दिया और अब आगे भी 400 सालों के बाद ही दिखाई देगा। उनकी इस तस्वीर को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
मैक्सिको में एलियंस के कंकाल पेश करने के बाद से पूरी दुनिया हैरान है। नासा के वैज्ञानिकों के सामने इन तथाकथित एलियंस के कंकालों को पेश किया गया। दावा किया जा रहा है कि 3 उंगुली और लंबे सिर वाले ये एलियंस 1000 साल पुराने हैं।
जब तक प्रधानमंत्री मोदी इसरो के सेंटर में पहुंचेंगे तब तक चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम को लैंड किए हुए 60 घंटे से ज्यादा का वक्त हो जाएगा यानी प्रज्ञान रोवर की कुछ और तस्वीरें, कुछ और उपलब्धियां हमारे सामने होंगी।
इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक बेहद सामान्य जीवन जीते हैं और धन की परवाह नहीं करते।
इस महाद्वीप के आकार की अगर बात करें तो यह 18.9 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। इस महाद्वीप को भी गोंडवाना सुपर कॉन्टिनेंट का ही हिस्सा बताया जा रहा है जिसके टूटने पर अन्य महाद्वीप बने थे। बता दें कि लगभग 50 करोड़ साल पहले गोंडवाना में पश्चिमी अंटार्किटका, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया का हिस्सा भी था।
Old Virus Alive: वैज्ञानिकों ने 48 साल पुराने करीब दो दर्जन वायरस को जीवित कर दिया है। इनसे 13 तरह की नई बीमारी फैल सकती हैं। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे का कारण बर्फ की सतह का पिघलना बताया है।
Nuclear Power: रूस और यूक्रेन के बीच छह महीने से चल रहे भीषण युद्ध के दौरान जिस तरह से हालात बदल रहे हैं, इससे पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर जाती दिख रही है। ऐसे में कई देशों पर परमाणु हमले की आशंका भी बढ़ती जा रही है। रूस से लेकर उत्तर कोरिया तक अलग-अलग देशों पर परमाणु हमला करने की धमकी भी दे रहे हैं।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़