वर्ष 2023 के नवंबर ने ही नहीं, बल्कि इस बार की पूरी शरद ऋतु ने ही एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि वर्ष 2023 से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। दुनिया भर के मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार की शरद ऋतु को धरती पर सबसे गर्म माना है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि दम घुटने से पृथ्वी पर जीवन का अंत हो जाएगा। उनका कहना है कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा धीरे-धीरे कम हो रही है और इससे जीवन खतरे में है। दूसरे ग्रहों पर ऑक्सीजन की तलाश की जा रही है। पढ़ें पूरी खबर-
वैज्ञानिकों ने बताया है कि आसमान में चमक रहे सूरज का आकार दिन-ब-दिन छोटा होता जा रहा है। खगोलविदों की टीम को कुछ ऐसा तथ्य मिले हैं जिससे पता चलता है कि सूरज का आकार सिकुड़ रहा है। जानें महत्वपूर्ण तथ्य-
DRDO RAC Scientist Recruitment 2023: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की तरफ से साइंटिस्ट के कई विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली गई है। इस भर्ती के लिए आज यानी 21 अक्टूबर 2023 से एप्लीकेशन प्रोसेस भी शुरू कर दिया गया है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
एक रिसर्च में पता चला है कि जो लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं उनकी खान-पान की आदतें बिगड़ जाती हैं, जिसके चलते उन्हें कभी-कभी बढ़ते वजन का सामना करना पड़ता है।
UPSC Geo Scientist Recruitment 2024: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से संयुक्त भू-वैज्ञानिक भर्ती के माध्यम से कई पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी की गई है।
एस्ट्रोबॉय के नाम से मशहूर वेदांत पांडे ने एक ऐसे दुर्लभ तारे की तस्वीर खींची है, जो 400 साल बाद दिखाई दिया और अब आगे भी 400 सालों के बाद ही दिखाई देगा। उनकी इस तस्वीर को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
मैक्सिको में एलियंस के कंकाल पेश करने के बाद से पूरी दुनिया हैरान है। नासा के वैज्ञानिकों के सामने इन तथाकथित एलियंस के कंकालों को पेश किया गया। दावा किया जा रहा है कि 3 उंगुली और लंबे सिर वाले ये एलियंस 1000 साल पुराने हैं।
पृथ्वी लोक में अज्ञात उड़न तश्तरियों के रहस्य ने नासा के वैज्ञानिकों के दिमाग को भी घनचक्कर बना दिया है। 1 साल तक बारीकी से अध्ययन के बाद भी इन उड़न तश्तरियों के बारे में वैज्ञानिक कोई सटीक विश्लेषण नहीं दे पाए हैं। हालांकि नासा को यह संकेत मिले हैं कि धरती से बाहर एलियंस मौजूद हैं।
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग में मुख्य भूमिका इसरो चीफ एस.सोमनाथ की है। भारत के इस ऐतिहासिक पल को हर देशवासी अपने मन में सजाकर रखना चाहता है। इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने का पूरा श्रेय इसरो चीफ सोमनाथ को जाता है।
पत्रिका ‘एनर्जीस’ में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से उपजी परिस्थितियों के कारण आने वाले 100 सालों में 100 करोड़ लोगों की जान जा सकती है।
जब तक प्रधानमंत्री मोदी इसरो के सेंटर में पहुंचेंगे तब तक चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम को लैंड किए हुए 60 घंटे से ज्यादा का वक्त हो जाएगा यानी प्रज्ञान रोवर की कुछ और तस्वीरें, कुछ और उपलब्धियां हमारे सामने होंगी।
इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक बेहद सामान्य जीवन जीते हैं और धन की परवाह नहीं करते।
भारत और जापान के वैज्ञानिकों ने हिमालय पर्वत पर समुद्री चट्टानों से 60 करोड़ वर्ष पुराना पानी खोज निकाला है। इससे जीवन की परिकल्पना को नए सिरे से पारिभाषित करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, इसके जरिये पूर्व में विलुप्त हुए महासागरों की वजहों का भी पता लगाया जा सकता है।
DRDO Recruitment 2023: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने परियोजना वैज्ञानिकों के कई पदों पर भर्ती निकाली है। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।
महाराष्ट्र ATS ने डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के ख़िलाफ़ 1800 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। ATS का दावा है कि वैज्ञानिक ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी की एक महिला एजेंट से ब्रह्मोस और सर्फ़ेस टू एयर मिसाइल की संवेदनशील जानकारी साझा की थी।
पूरी दुनिया को "सॉन्ग्स ऑफ द हंपबैक व्हेल" देने वाले मशहूर वैज्ञानिक रोजर पायने का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह दुनिया के पहले ऐसे सूक्ष्म जीव विज्ञानी थे, जिन्होंने स्तनधारी ह्वैल का गीत सुना और पूरी दुनिया को इसे सुनाया। साथ ही यह भी बताया कि ह्वेल आपस में एक दूसरे को गीत सुनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने ब्रह्मांड में अदृश्य डार्क मैटर का एक ऐसा विस्तृत मानचित्र तैयार किया है, जिससे कि दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक रहे आइंस्टीन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत फिर चर्चा में आ गया है।
शोध के लेखक और इग्लैंड स्थित डरहम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के डॉ जेम्स नाइटिंगेल ने कहा, यह ब्लैक होल अब तक खोजे गए सबसे बड़े ब्लैक होल में से एक हो सकता है, क्योंकि भौतिकविदों को लगता है कि ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते।
इस महाद्वीप के आकार की अगर बात करें तो यह 18.9 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। इस महाद्वीप को भी गोंडवाना सुपर कॉन्टिनेंट का ही हिस्सा बताया जा रहा है जिसके टूटने पर अन्य महाद्वीप बने थे। बता दें कि लगभग 50 करोड़ साल पहले गोंडवाना में पश्चिमी अंटार्किटका, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया का हिस्सा भी था।
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