वैज्ञानिक का कहना है कि जिस गैलेक्सी की खोज की गई है, वह 13.5 बिलियन साल पहले मौजूद थी। इसका मतलब है कि जिस भी चीज की यूनिवर्स में पहचान की गई है, यह उससे लगभग 100 मिलियन साल पहले की है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप हमें यूनिवर्स के कोने-कोने तक का सफर कर रहा है। उन जगहों का भी, जो इससे पहले हमने कभी नहीं देखी हैं। आपको बता दें ये तस्वीरें क्लिक होने के बाद आपको सीधे नहीं दिखाई जाती हैं।
यहां चट्टानों के सैंपल लेने के बाद नील और बज अपने अंतरिक्षयान की तरफ बढ़ गए थे। उन्हें अगले एक घंटे में वापस धरती के लिए रवाना होना था। जब नील को अपने अंतरिक्षयान की तरफ जाना था, तभी उन्हें एक और काम याद आया।
पैरानॉर्मेलिटी मैग्जीन ने वीडियो को पोस्ट किया है। जिसमें एक सफेद रंग की अजीब सी चीज केंटकी के मोरहेड की गली में चल रही है। इसे झुका हुआ चलते देखा जा सकता है, मानो ये कुछ ढूंढ रहा हो।
साल 1989 में भी ये घटना हुई थी। तब कनाडा के क्यूबेक शहर को इसने प्रभावित किया था। वहां इसकी वजह से 12 घंटे के लिए बिजली चली गई थी। जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं।
जब आप चंद्रमा को देखते हैं, तो आप वास्तव में उसे वैसे ही देखते हैं जैसा वह 1.3 सेकेंड पहले था। यह समय में केवल एक छोटी सी झलक है, लेकिन यह अब भी अतीत है।
ये अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जरनल में प्रकाशित किया गया है। हमारी गैलेक्सी में ब्लैक होल के केंद्र में सितारों की बड़ी आबादी है। सितारों की अधिकतरा को क्लस्टर कहा जाता है। वहीं इस क्लस्टर का नाम क्लस्टर-एस रखा गया है।
Why women feel cold more than men: पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मेटाबॉलिक रेट भी कम होती है, जिससे ठंड के दौरान गर्मी पैदा करने की क्षमता घट जाती है।
आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है। हर साल 28 फरवरी को यह खास दिन नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है। विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।
गगनयान मिशन को लेकर बड़ी खबर मिली है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से चल रहे इसरो के गगनयान मिशन को लेकर कामयाबी हाथ लगी है। इसके अलावा इसरो के नए चीफ की नियुक्ति भी ही की गई है।
भारत के वैज्ञानिकों ने इस हफ्ते थर्मल पावर प्लांट की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिये नई तकनीक विकसित करने और बैटरी की क्षमता बढ़ाने के लिये खास कंपोजिट मैटिरियल की खोज करने की जानकारी दी है।
वैज्ञानिकों ने इस हफ्ते 2 ऐसी तकनीकों की जानकारी दी जिससे सूर्य और पानी से हाइड्रोजन और डेयरी इंडस्ट्री से निकले वेस्ट के इस्तेमाल से बायोगैस का उत्पादन किया जा सकता है
वैज्ञानिकों ने सैनिकों की सुरक्षा के लिये नई तकनीक विकसित करने के साथ वेस्ट से उर्वरक और मलबे से एनर्जी एफिशिएंट ईंट बनाने की किफायती तकनीकें खोजी हैं।
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पदार्थ विकसित कर लिया है, जिसमें खुद को रिपेयर करने की क्षमता है। इसकी मदद से स्मार्ट गैजेट तैयार किये जा सकेंगे।
Bdelloid नाम का यह अतिसूक्ष्म जीव 2-4 दिन नहीं बल्कि पूरे 24 हजार साल तक 'सोने' के बाद अब नींद से जाग गया है।
डीआरडीओ की तरफ से डेवलप की गई कोरोना की दवा को इस वायरस के संक्रमण से मुक्ति दिलाने में बड़ा गेम चेंजर माना जा रहा है। 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोजे (2-DG) नाम की यह दवा जल्द ही मार्केट में उपलब्ध हो जाएगी
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार को एक राहत भरी खबर आई। दरअसल, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए एक दवाई के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि संक्रमण के 1,45,384 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या बढ़कर 1,32,05,926 तक पहुंच गई।
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर पर गुरुवार को चीन की सरकार के लिए किए गए काम को गुप्त रखने के आरोप लगाए गए।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें तीन साल से अधिक समय पहले जहर दिया गया था।
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