UPSC Geo Scientist Recruitment 2024: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से संयुक्त भू-वैज्ञानिक भर्ती के माध्यम से कई पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी की गई है।
एस्ट्रोबॉय के नाम से मशहूर वेदांत पांडे ने एक ऐसे दुर्लभ तारे की तस्वीर खींची है, जो 400 साल बाद दिखाई दिया और अब आगे भी 400 सालों के बाद ही दिखाई देगा। उनकी इस तस्वीर को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
मैक्सिको में एलियंस के कंकाल पेश करने के बाद से पूरी दुनिया हैरान है। नासा के वैज्ञानिकों के सामने इन तथाकथित एलियंस के कंकालों को पेश किया गया। दावा किया जा रहा है कि 3 उंगुली और लंबे सिर वाले ये एलियंस 1000 साल पुराने हैं।
पृथ्वी लोक में अज्ञात उड़न तश्तरियों के रहस्य ने नासा के वैज्ञानिकों के दिमाग को भी घनचक्कर बना दिया है। 1 साल तक बारीकी से अध्ययन के बाद भी इन उड़न तश्तरियों के बारे में वैज्ञानिक कोई सटीक विश्लेषण नहीं दे पाए हैं। हालांकि नासा को यह संकेत मिले हैं कि धरती से बाहर एलियंस मौजूद हैं।
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग में मुख्य भूमिका इसरो चीफ एस.सोमनाथ की है। भारत के इस ऐतिहासिक पल को हर देशवासी अपने मन में सजाकर रखना चाहता है। इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने का पूरा श्रेय इसरो चीफ सोमनाथ को जाता है।
पत्रिका ‘एनर्जीस’ में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से उपजी परिस्थितियों के कारण आने वाले 100 सालों में 100 करोड़ लोगों की जान जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी अब प्रौद्योगिकी के लिए जानी जाएगी। जिस देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महारत हासिल नहीं की, वह पीछे छूट जाएगा। इसलिए 2047 तक भारत को विकसित करना है तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मार्ग पर देश को आगे बढ़ना होगा। चंद्रयान-3 की सफलता से युवाओं को जोड़ना होगा।
जब तक प्रधानमंत्री मोदी इसरो के सेंटर में पहुंचेंगे तब तक चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम को लैंड किए हुए 60 घंटे से ज्यादा का वक्त हो जाएगा यानी प्रज्ञान रोवर की कुछ और तस्वीरें, कुछ और उपलब्धियां हमारे सामने होंगी।
इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक बेहद सामान्य जीवन जीते हैं और धन की परवाह नहीं करते।
भारत और जापान के वैज्ञानिकों ने हिमालय पर्वत पर समुद्री चट्टानों से 60 करोड़ वर्ष पुराना पानी खोज निकाला है। इससे जीवन की परिकल्पना को नए सिरे से पारिभाषित करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, इसके जरिये पूर्व में विलुप्त हुए महासागरों की वजहों का भी पता लगाया जा सकता है।
DRDO Recruitment 2023: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने परियोजना वैज्ञानिकों के कई पदों पर भर्ती निकाली है। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।
महाराष्ट्र ATS ने डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के ख़िलाफ़ 1800 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। ATS का दावा है कि वैज्ञानिक ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी की एक महिला एजेंट से ब्रह्मोस और सर्फ़ेस टू एयर मिसाइल की संवेदनशील जानकारी साझा की थी।
पूरी दुनिया को "सॉन्ग्स ऑफ द हंपबैक व्हेल" देने वाले मशहूर वैज्ञानिक रोजर पायने का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह दुनिया के पहले ऐसे सूक्ष्म जीव विज्ञानी थे, जिन्होंने स्तनधारी ह्वैल का गीत सुना और पूरी दुनिया को इसे सुनाया। साथ ही यह भी बताया कि ह्वेल आपस में एक दूसरे को गीत सुनाते हैं।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने अब कक्षा 10वीं की रसायन विज्ञान(Chemistry) की पाठ्यपुस्तकों से आवर्त सारणी(Periodic Table), लोकतंत्र और ऊर्जा के स्रोत चैप्टर्स को हटाने का फैसला लिया है।
अगर आप बहुत देर तक सो सकते हैं, तो ये अनोखी नौकरी आपके लिए ही है। नासा और यूरोप की स्पेस एजेंसी रिसर्च कर रही है। इस रिसर्च के लिए शर्त रखी गई उसे जान हर कोई हैरान है....
आज की रात यानी 24 मई की रात खास होने वाली है। आप रात में चंद्रमा-मंगल और शुक्र तीनों ग्रहों को एक साथ देख सकेंगे। ये दुर्लभ नजारा सालों-साल बाद दिखाई देगा।
ट्रेन की पटरी अक्सर पानी में रहती है लेकिन फिर भी न तो इसमें जंग लगता है और न ही पटरियां कमजोर होती हैं। पटरियों का अगल-बगल के हिस्से में जंग दिख सकता है लेकिन ऊपरी हिस्सा हमेशा चम चमाता रहेगा। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता हैं?
जेफ्री हिंटन ने कुछ समय पहले ही गूगल से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा वह गूगल जैसी दिग्गज टेक कंपनी को सिर्फ इस वजह से छोड़ रहे हैं ताकि दुनिया के सामने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले खतरों पर खुलकर बात कह सकें।
राज्य सरकार ने 2022-23 के बजट में डीयूके से सटे 10 लाख वर्गफीट क्षेत्र में दो ब्लॉकों में डिजिटल साइंस पार्क बनाने का ऐलान किया था। पार्क में शुरुआत में 2,00,000 वर्ग फुट के कुल क्षेत्रफल के साथ दो भवन होंगे।
अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने ब्रह्मांड में अदृश्य डार्क मैटर का एक ऐसा विस्तृत मानचित्र तैयार किया है, जिससे कि दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक रहे आइंस्टीन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत फिर चर्चा में आ गया है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़