वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की तरह ही एक नए ग्रह की खोज की है जिसपर जीवन की संभावना जताई गई है। पृथ्वी के समान द्रव्यमान वाला यह चट्टानी ग्रह, तारामंडल में धनु राशि में एक सफेद बौने जैसा चारों ओर घूमता है।
अगर आप भी 100 साल तक एक सेहतमंद जिंदगी जीना चाहते हैं, तो आपको आज से ही अपने डेली रूटीन में कुछ टिप्स को फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए।
एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन, मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) वेधशाला का उद्घाटन हो गया है जो अब वैज्ञानिक रिसर्च में एक नया आयाम जोड़ेगी। इस दूरबीन को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा बनाया गया है।
दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने बड़ी बात कही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने ‘सील’ में रेबीज के प्रकोप की पहचान की है। वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि रेबीज सील तक कैसे पहुंचा।
घंटों-घंटों तक कान में ईयरबड्स लगाना और तेज आवाज में गाने सुनना हमारे कानों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है वह आप इस वायरल हो रहे वीडियो को देखकर समझ सकते हैं।
आर्कटिक महासागर में रहने वाली ग्रीनलैंड शार्क पिछले 392 साल से जिंदा है। रिसर्च में यह पता चला है कि ये शार्क करीब 500 सालों तक जिंदा रह सकती है।
अंतरिक्ष से नीचे कूदने के बारे में क्या आपने कभी सोचा है। शायद ही आपने कभी सोचा होगा, लेकिन एक शख्स ने यह कारनामा कर के दिखाया है। दरअसल, शख्स ने स्पेस से धरती पर छलांग लगाई है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
चंद्रमा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। इतालवी वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक टीम ने सोमवार को बताया कि चंद्रमा पर एक बड़ी गुफा होने के सबूत मिले हैं।
क्या मरे हुए लोगों को दोबारा जिंदा करना संभव है, क्या आने वाले समय में कई वर्ष पहले मर चुके इंसानों को जिंदा कर दिया जाएगा। तब उनका पहले वाला शरीर कहां से और कैसे मिलेगा?...यह सवाल काफी दिलचस्प होने के साथ रोचक भी हैं। अमीर लोग इसी उम्मीद में खुद को फ्रीज करवा रहे हैं। इसे क्रायोप्रिजर्वेशन कहते हैं।
दक्षिण कोरिया में सुसाइड करने वाले रोबोट को लेकर सूत्रों के हवाले से एक बहुत बड़ा दावा किया जा रहा है। दक्षिण कोरिया की बड़ी टेक्नॉलोजी कंपनी में काम करने वाले एक अधिकारी के हवाले से सूत्रों ने इंडिया टीवी को इस घटना के सत्य होने का दावा किया है। सूत्रों ने बताया कि वैज्ञानिकों ने एआइ कमांड देने में गलती कर दी थी।
हवाई एक ऐसा देश है जो एक अनोखा प्रयोग कर रहा है। देश में हेलीकॉप्टर से लाखों की तादाद में मच्छर छोड़े जा रहे हैं। ऐसा क्यों किया जा रहा है, यह जानकर आपको हैरानी होगी।
क्या कभी आप सोच भी सकते हैं कि मरे हुए व्यक्तियों से बात करना संभव है, शायद नहीं...मगर अब विज्ञान और तकनीकि ने इसे भी संभव बना दिया है। अब कोई भी व्यक्ति अपने मर चुके पूर्वजों से वीडियो कॉलिंग पर बात कर सकेगा और उनका हालचाल जान सकेगा। हालांकि यह दावा आपको बेहद चौंकाने वाला लग सकता है। मगर एआइ की वजह से यह संभव है।
इंसानों के शराबी होने की घटना तो हर जगह आम हो चली है। मगर ऑस्ट्रेलिया में कई शराबी तोते पकड़े गए हैं, जो इंसानों की तरह अपनी उत्तेजना बढ़ाने और मौज-मस्ती करने के लिए एल्कोहल का सेवन करते हैं। पक्षियों की इन प्रवृत्तियों से वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
क्या बड़ा दिमाग बुद्धिमान होने की निशानी है अगर ऐसा है तो बड़े दिमाग वाले आदि मानव भोजन क्यों नहीं खोज पाते थे। मस्तिष्क का आकार बढ़ना किस बात की निशानी है, इस वैज्ञानिकों ने नया और दिलचस्प अध्ययन किया है।
नासा के वैज्ञानिकों ने धरती और शुक्र के बीच एक नई और बेहद दिलचस्प दुनिया का पता लगाया है। यहां जीवन की मौजूदगी और संभावना को लेकर वैज्ञानिक बेहद उत्सुक हैं।इस नई दुनिया के मिलने से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। क्या यहां भी इंसान हो सकते हैं या रह सकते हैं, यह जानना भी काफी दिलचस्प होगा।
वैज्ञानिकों ने 155 मिलियन वर्ष पुराना स्टारफिश जैसा जीव ढूंढ निकाला है जो खुद का क्लोन बना लेता है। यह दिखने में जेलीफिश जैसा है और इसकी छह भुजाएं हैं। जानिए इस जीव के बारे में-
कोविड-19 वायरस के बारे में दुनिया को बताने वाले वैज्ञानिक के खिलाफ चीन ने एक्शन लिया था। अब इस मामले में चीन बैकफुट पर आ गया है। वैज्ञानिक ने सबसे पहले कोविड सीक्वेंस प्रकाशित किया था।
अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों ने अबतक के सबसे बड़े ब्लैक होल की खोज की है जिसमें 33 सूर्य समा सकते हैं। इसका नाम भी कुछ अनोखा रखा गया है। जानिए इसके बारे में रोचक तथ्य-
वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य की उम्र 5 अरब वर्ष के करीब है। अभी तक वह 4.6 अरब वर्ष की आयु पूरी कर चुका है। ऐसे में उसका समय पूरा होने पर जब सूरज की मौत होगी तो वह फट जाएगा। ऐसे में सुपरनोवा विस्फोट से धरती पर जीवन विलुप्त होने की आशंका है।
वैज्ञानिकों ने आकाश गंगा में तारों के सबसे पुराने समूह का पता लगाकर सबको हैरान कर दिया है। खगोलविदों के अनुसार आकाशगंगा छोटी मंदाकिनियों के विलय से बनी, जिससे तारों के बड़े समूहों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। ये तारे 13 अरब वर्ष पुराने हैं।
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