राहुल गांधी के स्कूल कॉलेजों में लगने वाली फीस की बात करें तो, कोलबंस स्कूल की फीस जहां सालाना 50 से 60 हजार के बीच है। तो वहीं द दून स्कूल की सालाना फीस लगभग 10 लाख रुपए है। सेंट स्टीफंस कॉलेज में लगने वाली फीस की बात करें तो यहां से बीए करने के लिए आपको एक लाख से ज्यादा की रकम चुकानी होगी।
Good News: बिहार के बोधगया में एक ऐसा ही स्कूल है, जहां बच्चों से फीस नहीं ली जाती, बल्कि उन्हें पढ़ाई मुफ्त में कराई जाती है, लेकिन उनसे कचरा वसूला जाता है।
सीएम मान ने बताया कि प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को इस समेस्टर में एडमिशन फीस नहीं बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पंजाब सरकार ने सभी निजी स्कूलों से इस फैसले को तुरंत लागू करने का निर्देश भी दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने बृहस्पतिवार को सभी बोर्ड और माध्यमों के स्कूल प्रबंधन को अकादमिक सत्र 2021-22 के लिए फीस में 15 प्रतिशत तक कटौती करने का निर्देश दिया।
दिल्ली सरकार ने सभी निजी स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में चार्ज किए गए फीस में 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार ने यह कदम कोरोना काल में आर्थिक तंगी झेल रहे अभिभावकों को राहत देने के लिए उठाए हैं।
शिक्षा निदेशालय ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की जिसमे कहा कि अगर आदेश पर रोक नहीं लगायी जाती है तो बहुत अन्याय होगा क्योंकि सरकार द्वारा ऐसे संस्थानों को 100 प्रतिशत ट्यूशन फी लेने की पहले ही अनुमति दी जा चुकी है।
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल लॉकडाउन खत्म होने के बाद बिना सहायता वाले मान्यता प्राप्त स्कूलों को छात्रों से ऐनुअल और डेवलपमेंट चार्ज लेने की अनुमति देने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में कई अपील दायर की गई हैं जिनमें से एक अपील केजरीवाल सरकार की भी है।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राजस्थान के 36,000 गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को सोमवार को निर्देश दिया कि वे शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए छात्रों से सालाना 15 प्रतिशत कम फीस वसूल करें।
उत्तराखंड शासन ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड में स्कूलों में कक्षा 6 से 8 व कक्षा 9 व 11 के भौतिक रुप से संचालित होने की तिथि से पूर्ण फीस और इससे पहले लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षण अवधि की केवल ट्यूशन फीस ली जाए।
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को यह निर्देश जारी किया है। स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अभिभावकों को से तिमाही या छमाही फीस की मांग नहीं कर सकते, स्कूल सिर्फ मासिक फीस के लिए ही मांग कर सकेंगे
मुरादाबाद प्राइवेट स्कूल संगठन की अध्यक्ष ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि अगर छात्र फीस नहीं जमा करेंगे तो हम उन्हें एग्जाम में नहीं बैठने देंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल संचालकों के लिए कोरोना संक्रमण के कारण साल 2020 बेहद कठिन रहा है।
कोरोना वायरस के कहर के चलते दुनिया के कई देश भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। कई देशों की अर्थव्यवस्था सिकुड़ गई है, और लोगों को रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए भी जूझना पड़ रहा है।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान निजी-सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क नहीं देना है।
विभाग ने कहा कि अनेक स्कूलों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने शिक्षण या गैर-शिक्षण स्टाफ को कोई वेतन नहीं दिया है या केवल 40-50 प्रतिशत वेतन दिया है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पंजाब के निजी स्कूलों में फीस नहीं देने के कारण छात्रों के नाम नहीं काटे जाएंगे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में स्कूल और कॉलेजों से लॉकडाउन के दौरान फीस माफ कराने का निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।
सरकार ने अब नया सर्कुलर जारी कर राज्य के सभी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी अभिभावक पर फीस जमा करने के लिए जबरदस्ती ना की जाए। लॉकडाउन में अभिभावकों से फीस के लिए दबाव बनाने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एल वाई ने जिले के स्कूलों और अभिभावकों, दोनों को बड़ी राहत दी है।
लॉकडाउन के बीच फीस संबंधित नियमों का उल्लंघन करने को लेकर सोमवार को एक निजी स्कूल की दो शाखाओं को सील करने का आदेश दिया।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में अब प्राइवेट स्कूल छात्रों से एक साथ 3 महीने की फीस नहीं वसूल सकेंगे। इस संदर्भ में विभिन्न राज्य सरकारों ने निर्णय लिया है।
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