दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूलों में हर साल बच्चों की फीस बढ़ा दी जाती है। इससे बच्चों के अभिभावक खासा परेशान होते हैं। दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ने बढ़ी हुई फीस देने से इनकार करने के बाद बच्चों को हटा दिया था।
उत्तर प्रदेश में अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है, नए सेशन से प्राइवेट स्कूलों ने नर्सरी से लेकर 12वीं तक की फीस में बढ़ोतरी कर दी है।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से अभिभावकों के लिए एक राहत की खबर आई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य के सभी स्कूल कोरोना पीरियड के समय ली गई कुल फीस का 15 फीसदी माफ करेंगे।
राहुल गांधी के स्कूल कॉलेजों में लगने वाली फीस की बात करें तो, कोलबंस स्कूल की फीस जहां सालाना 50 से 60 हजार के बीच है। तो वहीं द दून स्कूल की सालाना फीस लगभग 10 लाख रुपए है। सेंट स्टीफंस कॉलेज में लगने वाली फीस की बात करें तो यहां से बीए करने के लिए आपको एक लाख से ज्यादा की रकम चुकानी होगी।
Good News: बिहार के बोधगया में एक ऐसा ही स्कूल है, जहां बच्चों से फीस नहीं ली जाती, बल्कि उन्हें पढ़ाई मुफ्त में कराई जाती है, लेकिन उनसे कचरा वसूला जाता है।
सीएम मान ने बताया कि प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को इस समेस्टर में एडमिशन फीस नहीं बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पंजाब सरकार ने सभी निजी स्कूलों से इस फैसले को तुरंत लागू करने का निर्देश भी दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने बृहस्पतिवार को सभी बोर्ड और माध्यमों के स्कूल प्रबंधन को अकादमिक सत्र 2021-22 के लिए फीस में 15 प्रतिशत तक कटौती करने का निर्देश दिया।
दिल्ली सरकार ने सभी निजी स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में चार्ज किए गए फीस में 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार ने यह कदम कोरोना काल में आर्थिक तंगी झेल रहे अभिभावकों को राहत देने के लिए उठाए हैं।
शिक्षा निदेशालय ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की जिसमे कहा कि अगर आदेश पर रोक नहीं लगायी जाती है तो बहुत अन्याय होगा क्योंकि सरकार द्वारा ऐसे संस्थानों को 100 प्रतिशत ट्यूशन फी लेने की पहले ही अनुमति दी जा चुकी है।
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल लॉकडाउन खत्म होने के बाद बिना सहायता वाले मान्यता प्राप्त स्कूलों को छात्रों से ऐनुअल और डेवलपमेंट चार्ज लेने की अनुमति देने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में कई अपील दायर की गई हैं जिनमें से एक अपील केजरीवाल सरकार की भी है।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राजस्थान के 36,000 गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को सोमवार को निर्देश दिया कि वे शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए छात्रों से सालाना 15 प्रतिशत कम फीस वसूल करें।
उत्तराखंड शासन ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड में स्कूलों में कक्षा 6 से 8 व कक्षा 9 व 11 के भौतिक रुप से संचालित होने की तिथि से पूर्ण फीस और इससे पहले लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षण अवधि की केवल ट्यूशन फीस ली जाए।
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को यह निर्देश जारी किया है। स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अभिभावकों को से तिमाही या छमाही फीस की मांग नहीं कर सकते, स्कूल सिर्फ मासिक फीस के लिए ही मांग कर सकेंगे
मुरादाबाद प्राइवेट स्कूल संगठन की अध्यक्ष ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि अगर छात्र फीस नहीं जमा करेंगे तो हम उन्हें एग्जाम में नहीं बैठने देंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल संचालकों के लिए कोरोना संक्रमण के कारण साल 2020 बेहद कठिन रहा है।
कोरोना वायरस के कहर के चलते दुनिया के कई देश भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। कई देशों की अर्थव्यवस्था सिकुड़ गई है, और लोगों को रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए भी जूझना पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग ने बुधवार को यह आदेश जारी किया। विभाग ने 2 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने पर सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को एसओपी दिशानिर्देशों के साथ एक रिपोर्ट भी सौंपी है। हालांकि कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए कोई समान निर्णय नहीं लिया गया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को यहां 145 निजी स्कूलों को फीस में न्यूनतम 20 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव दिया।
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मायावती ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें अपने शाही खर्चे में कटौती करके सरकारी व प्राइवेट स्कूल फीस की प्रतिपूर्ति करें अर्थात व्यापक जनहित में बच्चों की स्कूल फीस माफ करें।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान निजी-सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क नहीं देना है।
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