दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने शेल्टर होम के नाम पर अरविंद केजरीवाल के ऊपर लगभग 250 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया है कि इस मामले में लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दायर की गई है। उन्होंने मामले की जांच एसीबी से कराने की मांग की है।
पीएम जनआरोग्य योजना गरीबों के मुफ्त स्वास्थ्य सेवा देने के मकसद से लागू की गई है। लेकिन गुजरात में इसी योजना के तहत 16 करोड़ का घोटाला किया गया है। इतना ही नहीं घपलेबाज मात्र 15 मिनट में आयुष्मान कार्ड बना देते थे।
मुंबई के जाने-माने एक कॉलेज में बड़ा गड़बड़ झाला देखने को मिला है। कॉलेज में मैनेजमेंट कोटे के नाम से ये घोटाला किया गया है। पुलिस ने इसे लेकर मामला दर्ज कर लिया है।
ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब स्कैमर्स लोगों को सराकरी नौकरी का झूठा झांसा भी दे रहे हैं। इसके लिए सोशल मीडिया पर फेक विज्ञापन भी जारी किए जा रहे हैं। सरकार ने लोगों को ऐसे विज्ञापन से सतर्क रहने के लिए कहा है।
कैश फॉर जॉब घोटालों के आरोपों पर गोवा के मुख्यमंत्री ने अपना बयान दिया है। सीएम ने कहा कि 25 साल सामाजिक और राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी ऐसे आरोपों का सामना नहीं किया है।
ई-कॉमर्स कंपनी Myntra के साथ बड़ा फ्रॉड हो गया है। स्कैमर्स ने फर्जी ऑर्डर करके मिंत्रा से 50 करोड़ रुपये लूट लिए हैं। स्कैमर्स ने कंपनी के रिफंड पॉलिसी के झोल का फायदा उठाकर यह फ्रॉड किया है।
WhatsApp दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है। मेटा के इस ऐप के पूरी दुनिया में 295 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। ऐसे में यह ऐप हैकर्स के निशाने पर भी रहता है। ऐसे में एक छोटी सी गलती आपका भारी नुकसान करा सकती है।
इन दिनों साइबर क्राइम के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में हमें यह भी नहीं पता रहता है कि हमारा कौन सा डेटा हैकर्स के पास पहुंच गया है। हम आपको एक ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं, जिसके जरिए आप यह पता लगा सकते हैं।
Netflix के नाम पर एक बड़ा स्कैम हो रहा है, जिसके बारे में दुनिया के कई देशों के यूजर्स ने रिपोर्ट किया है। इस स्कैम की वजह से हैकर्स लोगों के बैंक अकाउंट डिटेल्स की चोरी करते हैं।
WhatsApp के जरिए होने वाले स्कैम को लेकर सरकार सख्त है। MeitY ने वाट्सऐप की पैरेंट कंपनी Meta को इसको लेकर नोटिस जारी किया है। पिछले कुछ समय से डिजिटल फ्रॉड के कई मामले सामने आए हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि जिस व्यक्ति ने निवेश के नाम पर 6000 करोड़ रुपये ठगे हैं, उसने बीजेपी के कई नेताओं के साथ फोटो खिंचाई और इसी आधार पर लोगों का भरोसा जीता।
आगरा की एक यूनिवर्सिटी ने एक बड़ा खुलासा किया है कि उसके यहां के कुछ कॉलेजों ने निजी स्वार्थ के चलते 2000 पुरुष स्टूडेंट्स को महिला उम्मीदवार बना दिया।
Digital Arrest का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें IIT बॉम्बे के छात्र से लाखों रुपये की ठगी गई है। स्कैमर्स ने TRAI अधिकारी बनकर छात्र को डराया-धमकाया, फिर उसके अकाउंट से 7.29 लाख रुपये लूट लिए।
जब से इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है तब से अधिकांश लोग डिजिटल पेमेंट ही करते हैं। डिजिटल पेमेंट ने हमारे कई सारे काम को बेहद आसान बना दिया है। अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं तो बता दें कि यूपीआई को लेकर बड़ा खुलासा किया है। UPI से एक साल में करीब 485 करोड़ का फ्रॉड हुआ है।
इंटरनेट की दुनिया में ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। 'Pig Butchering'नाम के स्कैम की इस समय जमकर चर्चा हो रही है। यह स्कैम मेटा के लिए एक बड़ी परेशानी बन चुका है। 'Pig Butchering' स्कैम के चलते ही मेटा ने हाल ही में 20 लाख से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट्स को बैन कर दिया था।
कर्नाटक के एन्टी करप्शन फोरम के अध्यक्ष एनआर रमेश ने बेंगलुरु महानगर निगम (BBMP) में 46,300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए ED को पत्र लिखा है।
जाली नियुक्ति पत्र बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए ऐंठने का काम करता था यह ठग। अब गुजरात पुलिस की गिरफ्त में हैं। वह लोगों से खुद को एक IAS अफसर बताता था।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए स्कैमर्स नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हाल ही में टेलिग्राम में आने वाला एक मैसेज जमकर सुर्खियों में हैं। अगर आप गलती करते हैं तो आपको भारी भरकम नुकसान हो सकता है।
स्कैमर्स को मजा चखाने के लिए एक ऐसी AI दादी आ गई है, जो उन्हें फालतू की कहानियां सुनाकर परेशान करेगी। एक टेलीकॉम कंपनी ने इस AI दादी को बनाया है, जो इंसानों की तरह बात कर सकती है और काल्पनिक कहानियां सुनाकर स्कैमर्स को परेशान करती है।
दरअसल, इस योजना के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को टैबलेट खरीदने के लिए 10,000 रुपये दिए जाते हैं। छात्रों के बैंक खातों में भेजी गई सरकारी धनराशि को अन्यत्र भेज दिया गया।
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