प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से कहा था कि साल 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
करीब 92,000 करोड़ रुपये बचत खातों में जमा किए जाएंगे जिसका 60 प्रतिशत यानी करीब 55,000 करोड़ रुपये निकासी के बाद लोगों के पास खर्च के लिए पहुंच जाएंगे।
SBI Report: दुनिया की फैक्ट्री ‘चीन’ की बादशाहत को झटका, भारत को मिलेगा ये बड़ा फायदा SBI Report: Shock to the kingdom of the world's factory 'China', India will get this big advantage
रोजगार को लेकर यह उम्मीद ऐसे समय जतायी गयी है, जब दूसरी महामारी के बाद बेरोजगारों की संख्या बढ़ने और अर्थव्यवस्था में श्रम भागीदारी में कमी को लेकर चिंता जतायी जा रही है।
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्चिक डाटा दिखाते हैं कि तीसरी लहर के दौरान औसतन कोविड-19 के मामले दूसरी लहर की तुलना में दोगुने या 1.7 गुना अधिक होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छोटे कारोबार क्षेत्रों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार को SBI की रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है। SBI रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर 100 दिन तक जारी रह सकती है।
भारत के पास अपनी स्थिति को बदलकर विकसित देशों की कतार में शामिल होने के लिए सिर्फ एक दशक का वक्त है। इसके लिए भारत को शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी। अगर वह इस मोर्च पर विफल हुआ तो देश की युवा आबादी का लाभ नुकसान में बदल जाएगा।
SBI ने यह भी कहा है कि समर्थन मूल्य को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना करने पर महंगाई बढ़ने की आशंका ज्यादा नहीं है
महाराष्ट्र सरकार की कर्ज माफी योजना का फायदा केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिनकी आय का एकमात्र स्रोत कृषि है।
नोटबंदी के बाद कैश निकासी तेजी से घट रही है। यह इस तथ्य से साबित होता है कि 24 मार्च को समाप्त सप्ताह में कैश निकासी 32,500 करोड़ रुपए रही।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लोन माफ किए जाने की बात से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र कोई लोन माफी योजना नहीं लाएगी।
UP में नई सरकार किसान कर्जमाफी के भाजपा के चुनावी वादे के तहत यदि किसानों के कर्ज माफ करती है तो इससे बैंकों को 27,420 करोड़ का नुकसान हो सकता है।
बेरोजगारी की दर अगस्त, 2016 के 9.5 प्रतिशत से घटकर फरवरी, 2017 में 4.8 प्रतिशत पर आ गई। सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश में आई है।
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