सेविंग अकाउंट आपके पैसे जमा करने के लिए एक सुरक्षित जगह प्रदान करते हैं और मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक आधार पर ब्याज देते हैं। सेविंग अकाउंट भी कई तरह के होते हैं, जो हर तरह के लोगों के लिए उपलब्ध हैं।
कस्टमर अगर अपने बैंक अकाउंट में एवरेज मंथली बैलेंस बनाए रखने में विफल रहते हैं, तो बैंक कस्टमर से नॉन-मेंटेनेंस चार्ज वसूल सकता है। यह चार्ज अलग-अलग बैंकों के मुताबिक हो सकता है।
वर्तमान में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में रेगूलर सेविंग अकाउंट, बेसिक सेविंग बैंक डिपोजिट अकाउंट और डिजिटल सेविंग अकाउंट खोला जा सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्राथमिक खातों (बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट) के मामले में नियमों में कुछ छूट दी जिससे अब ऐसे खाताधारकों को चेक बुक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
करीब 27 करोड़ खातों पर MAB की शर्त लागू है और इन खातों में से जिनमें तय लिमिट से कम बैलेंस पाया गया है उनपर पैनेल्टी से यह कमाई की गई है
सरकार ने SBI समेत सभी बैंकों अकाउंट में न्यूनतम राशि (मिनिमम बैलेंस) नहीं रखने पर जुर्माना लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
एसबीआई ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट को कई गुना बढ़ा दिया है। एक अप्रैल से आपको अपने अकाउंट में कम से कम 5,000 रखना होगा नहीं तो 100 रुपए तक जुर्माना लगेगा।
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