यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने एक बड़े हमले को अंजाम देते हुए सऊदी अरब के कम से कम 500 सैनिकों को मार डाला है।
सऊदी अरब भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए देश में पेट्रो रसायन, बुनियादी संरचना और खनन समेत अन्य क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर निवेश करने की संभावनाएं देख रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2016 में ऐतिहासिक सऊदी अरब यात्रा का जिक्र भी किया, जब दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान और खूफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया था।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अमेरिका जाने के लिए अपना प्राइवेट जेट दे दिया।
मेजर जनरल हुसैन सलामी ने यह भी कहा कि ईरान किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
अमेरिका ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले के बाद वहां सैन्य बल भेजने की योजना की घोषणा की है। बीबीसी के मुताबिक, अमेरिकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने पत्रकारों को बताया कि सेना की तैनाती का स्वरूप रक्षात्मक होगा।
सऊदी में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के 2 संयंत्रों पर बीते शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया था।
पेंटागन प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि जून में अमेरिकी स्पाई ड्रोन पर हमला, ब्रिटेन के तल टैंकर को जब्त किया जाना और पिछले शनिवार को सऊदी के दो प्रतिष्ठानों पर हमला ‘नाटकीय रूप से ईरान की बढ़ी हुए आक्रमकता को दिखाता है।’
जब अरामको के विश्व के दो सबसे बड़े तेल प्रसंस्करण संयंत्रों पर ड्रोन से हमला किया गया, तब इसकी तेज आवाज से न केवल सऊदी अरब के निवासी हिल उठे, बल्कि पूरा वैश्विक तेल उद्योग हिल उठा और व्यापारियों में अफरातफरी मच गई।
यमन के विद्रोही हैती समूह द्वारा सऊदी अरब की तेल रिफाइनरी पर ड्रोन हमलों के बाद खाड़ी देशों में एक बड़ा संकट पैदा हो गया है। विद्रोही समूह ने कथित तौर पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी हमला करने की धमकी दी है।
बुशरा बेगम रूहानी ताकत और काले जादू को लेकर पाकिस्तान में होने वाली चर्चा को गलत बताती है, लेकिन ये बात कबूल करती है कि शादी के बाद उन्होंने इमरान की जिंदगी बदल डाला। ये बदलाव इमरान की जुबान पर दिखने लगा है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भी कहा कि अमेरिका सऊदी तेल संयंत्रों पर हुए हमले से पैदा संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर शनिवार को हुए हमलों की जिम्मेदारी यमन में ईरान के समर्थन वाले हूती बागियों ने ली है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि सऊदी अरब में तेल संयंत्रों पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देने के लिए उनका देश तैयार है।
दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको पर ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति में प्रति दिन 57 लाख बैरल की कमी आई है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है। इसके चलते आने वाले महीनों में पूरी दुनिया सहित भारतीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने का अनुमान है।
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार को हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत बीते चार महीने में सबसे अधिक दर्ज की गई है। जो दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत है।
यमन के हुती विद्रोहियों द्वारा सउदी अरब में विश्व के सबसे बड़े तेल शोधन संयंत्र और एक प्रमुख तेल क्षेत्र पर शनिवार को किए गए ड्रोन हमले से भड़की आग के चलते सउदी अरब की आधी से अधिक तेल आपूर्ति बाधित हो गयी है।
सऊदी अरामको सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी है। यह राजस्व के मामले में दुनिया की कच्चे तेल की सबसे बड़ी कंपनी है।
सऊदी अरब में कुछ महिलाएं पारंपरिक अबाया (बुर्का) पहनना बंद कर रही हैं। रियाद के एक मॉल में बिना अबाया पहने जब एक महिला गई तो उन्हें आते-जाते घूरती नजरों का सामना करना पड़ा और कुछ ने तो पुलिस बुलाने की धमकी भी दे दी।
अमेरिका का न्याय विभाग सऊदी अरब के उस अधिकारी के नाम का खुलासा करेगा जिसका 11 सितंबर 2001 को हमले करने वाले अल-कायदा के आतंकवादियों से कथित तौर पर संबंध था।
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