अरब लीग के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने रविवार को सीरिया को अरब लीग में फिर से शामिल करने को लेकर काहिरा में, अरब लीग के मुख्यालय में मतदान किया। इस मतदान के बाद बहुमत से सीरिया की वापसी पर मुहर लग गई है।
सूडानी सेना ने संघर्ष समाप्त करने के प्रस्ताव की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। सूडानी सेना ने कहा कि उसने सऊदी-अमेरिकी पहल के हिस्से के रूप में अफ्रीकी देश में संघर्ष समाप्त करने के लिए व मानवीय युद्धविराम पर चर्चा करने के लिए वार्ताकारों को सऊदी अरब के बंदरगाह शहर जेद्दा भेजा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक देश सऊदी अरब चार महीनों में पहली बार एशियाई खरीदारों के लिए कच्चे तेल की कीमत में कटौती की है। दरअसल, रूस द्वारा सस्ती दरों पर तेल बेचने के बाद ऑयल मार्केट में सऊदी अरब को काफी नुकसान हुआ है।
ईरान की इरना समाचार एजेंसी की खबर में कहा गया कि दोनों अधिकारियों ने दोनों देशों से जुड़े आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों के साथ ही अति महत्वपूर्ण क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। डोभाल का ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दोल्लाहियान से मुलाकात का भी कार्यक्रम है।
माना जा रहा है कि सूडानी सेना और आरएसएफ आने वाले दिनों में सूडान पोर्ट की तरफ जाने वाले रास्तों पर हिंसा रोककर विदेशी नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना सकते हैं।
हिंसा से प्रभावित सूडान से लोगों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया के बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर के कहा कि ‘उसने सूडान से अपने और मित्र देशों के कुछ नागरिकों को बाहर निकाला है। इनमें कई राजनयिक भी शामिल हैं।
इजराइल की तरफ से कुछ ऐसी प्रतिक्रिया आई जिससे पता चलता है कि उसे चीन की पेशकश कुछ खास पसंद नहीं आई है।
जो दो देश हमेशा एक दूसरे का साथ देते थे आज उस देश ने पाकिस्तान से किनारा करना शुरू कर दिया है। यह बात भी सभी जानते हैं कि पाकिस्तान कभी नहीं चाहता कि सऊदी अरब और भारत के बीच नजदीकियां बढ़ें।
चीन, सऊदी अरब और ईरान के बीच 10 मार्च को हुए एक समझौते में दो महीने के भीतर राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने और दूतावासों और मिशनों को फिर से खोलने की बात कही गई थी। सऊदी अरब और ईरान की यह दोस्ती अमेरिका के ही बड़े दुश्मन चीन ने करवाई है।
सऊदी अरब और ईरान की यह दोस्ती अमेरिका के ही बड़े दुश्मन चीन ने करवाई है। इससे अमेरिका को और ज्यादा मिर्ची लगी है। बाइडन प्रशासन ने आनन फानन में सीआइए चीफ को सऊदी अरब भेजा और सीआईए चीफ ने प्रिंस सलमान की क्लास लगा दी।
आर्थिक तंगी से कराहते पाकिस्तान के कटोरे में सऊदी अरब ने आखिरकार 2 अरब डालर की अतिरिक्त भीख डाल दी है। इससे निश्चित रूप से भूख से तड़पते पाकिस्तान को कुछ ना कुछ राहत जरूर मिलेगी। मगर क्या अब इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए मेहरबान हो सकता है।
पाकिस्तान में सऊदी अरब के राजदूत ने हाल ही में संकेत दिए थे कि उनके देश ने ‘मुश्किल हालात में हमेशा पाकिस्तान की मदद की है और जल्द ही अच्छी खबर दी जाएगी।
सऊदी अरब और ईरान अपनी अपनी राजधानी और अन्य शहरों में राजनयिक मिशन को फिर से खोलने पर सहमत हो गए हैं। ईरान की अर्ध.सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संबंध में एक समझौता बृहस्पतिवार को बीजिंग में ईरान और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुआ।
फांसी 28 मार्च यानी रमजान माह के पांचवें दिन दी गई। फांसी की यह सजा मुस्लिमों की दूसरे सबसे पवित्र स्थल मदीना में दी गई। यूरोपीय सऊदी संगठन के अनुसार सऊदी अरब में 2009 के बाद रमजान के महीने में पहली बार मौत की सजा दी गई है।
मिस्र वही देश है जिसके राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के बतौर भारत आए थे। मिस्र के राष्ट्रपतिअल सीसी ने अब सऊदी अरब का रूख किया है। यहां उन्होंने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सुलेमान से मुलाकात की।
मुसीबत के वक्त पाकिस्तान की मदद करते आया है सऊदी अरब। लेकिन अब वह भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के साथ बड़ी डील कर चुका है। भारत की इंटेलीजेंस एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ‘रॉ‘ और सऊदी के बीच एक एतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद रॉ को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी मदद मिलेगी।
इस बार भारतीय हज यात्रियों को लेकर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय मिलकर काम कर रहा है। इससे पहले अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ही अकेले काम देखता था।
ये हादसा रमजान के दौरान हुआ है। इस दौरान उमरा करने के लिए लाखों की संख्या में यात्री इस्लाम के इस पवित्र शहरों का दौरा करते हैं।
डेनमार्क में हुई इस घटना के बाद मुस्लिम देशों ने कड़ा आक्रोश जताया।मुस्लिम देशों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। तुर्की ने शनिवार को इस घटना की निंदा की। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया और बयान में इस घृणित अपराध बताया।
सऊदी अरब ने मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में ईरान के साथ सुलह समझौते को मंजूरी दे दी है। विश्लेषकों का कहना है कि इसके जरिए सऊदी प्रिंस खाड़ी देशों की समृद्धि को ध्यान में रख रहे हैं।
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