रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह के एजेंडे में जम्मू-कश्मीर में लंबित चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन दोबारा करने समेत कई अहम मसले शामिल हैं।
महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम ने देश के सभी गवर्नरों को सरकार का 'चमचा' कहा है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी शुरू में भ्रष्ट नहीं थे, लेकिन कुछ लोगों के प्रभाव में आकर वो बोफोर्स भ्रष्टाचार मामले में शामिल हो गये।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बृहस्पतिवार को कहा कि अलगाववादियों का समर्थन करने वाली वाली कोई भी पार्टी राष्ट्रविरोधी है ।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को लेागों से शांत रहने और अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील की। मलिक ने कहा कि अफवाहें लोगों के दिमागों में बिना वजह का डर पैदा कर रही हैं जो तनाव और जन जीवन में खलल का कारण बन रहा है।
जम्मू-कश्मीर में बृहस्पतिवार को केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमले में 37 जवान शहीद हो गए जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मीडिया द्वारा कश्मीर की नकारात्मक छवि बनाए जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि चौथे स्तंभ द्वारा घाटी में हासिल की गई उपलब्धियों को रेखांकित नहीं किया जाता।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देश के धनाढ्य वर्ग के एक तबके को सड़े आलू जैसा बताया और कहा कि उनमें समाज के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं है
राज्यपाल को छह महीने पूरे होने के बाद विधानसभा को भंग करना होता है और फिर राज्य अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन के अधीन आता है जिस दौरान राज्य में चुनाव की घोषणा करनी होती है। यदि चुनाव की घोषणा नहीं की जाती है तो राष्ट्रपति शासन को अगले छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
जम्मू कश्मीर प्रभावशाली पदों पर आसीन व्यक्तियों, जिम्मेदार व्यक्तियों या जनसेवकों द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने पर रोक लगाने संबंधी कानून लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
सत्यपाल मलिक ने 24 नवंबर को ग्वालियर में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि अगर वह जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक संकट के लिए दिल्ली के दिशा-निर्देशों की ओर देखते तो उन्हें भाजपा समर्थित सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना पड़ता।
राज्यपाल ने शनिवार को ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि उन्होंने विधानसभा इसलिए भंग की क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इतिहास में उन्हें एक ‘‘बेईमान’’ व्यक्ति के तौर पर याद किया जाए।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि अगर मैंने दिल्ली की तरफ देखा होता तो मुझे सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना पड़ता और इसके लिए मैं इतिहास में एक ‘बेईमान आदमी’ के रूप में याद किया जाता।
पीडीपी और दो सदस्यों वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस द्वारा सरकार बनाने के दावे करने वाले पत्र बुधवार को राज्यपाल के पास कथित रूप से नहीं पहुंच पाए थे।
गौरतलब है कि बुधवार की शाम महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी के 29, नेकां के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन हासिल होने का दावा करते हुए सरकार बनाने की पेशकश की थी। इसके बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का फैसला किया।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती की सरकार से 19 जून को समर्थन वापस ले लिया था, और इसके अगले ही दिन सूबे में राज्यपाल शासन लागू हो गया था।
राज्यपाल कार्यालय की तरफ से कहा गया था कि फैक्स मशीन खराब थी और सरकार बनाने के दावे को लेकर उनके पास किसी तरह का फैक्स नहीं आया
गौरतलब है कि बुधवार को कांग्रेस, एनसी और पीडीपी गठबंधन करके कथित तौर पर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
पीडीपी ने जैसे ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पास राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया उसके कुछ घंटे बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा ही भंग कर दी। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फेंस और पीडीपी तीनों इसे अपने फायदे से जोड़ कर देख रही है क्योंकि बीजेपी फिलहाल तो राज्य में चुनाव नहीं चाहती थी।
बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने चार अहम कारणों से तत्काल प्रभाव से विधानसभा भंग करने का निर्णय लिया जिनमें ‘‘व्यापक खरीद फरोख्त’’ की आशंका और ‘‘विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं वाली पार्टियों के साथ आने से स्थिर सरकार बनना असंभव’’ जैसी बातें शामिल हैं।
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