उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग अपने जासूसी उपग्रह से व्हाइट हाउस पर दिन-रात नजर रख रहा है। किम के इस कदम से अमेरिका टेंशन में आ गया है। क्योंकि उत्तर कोरिया के पास अब घातक मिसाइलें भी जखीरे में हैं, जिनका उसने हाल के समय में परीक्षण किया है।
उत्तर कोरिया ने जासूसी सैटेलाइट लॉन्च किया है, इससे जापान सागर और उसके आसपास के इलाके में चिंता फैल गई है। दक्षिण कोरिया और जापान चिंतित हैं। वहीं दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि जासूसी उपग्रह लॉन्चिंग में रूस ने मदद की है।
दक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया को उसकी जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण योजना पर आगे न बढ़ने की चेतावनी दी है। जानिए दक्षिण कोरिया का उत्तर कोरिया के जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण प्लान से क्यों दिक्कत है।
दक्षिण कोरिया अपने पड़ोसी देशों की करतूतों को देखते हुए एक स्पाई सैटेलाइट भेजने जा रहा है। अभी वह अमेरिकी जासूसी सैटेलाइट से काम चला रहा था। अब वह अपना खुद का जासूसी उपग्रह भेजने जा रहा है।
उत्तर कोरिया ने एक बार फिर लंबी दूरी का सैटेलाइट लॉन्च करके जापान और दक्षिण कोरिया की टेंशन बढ़ा दी है। जल्द ही वे सैन्य टोही सैटेलाइट लॉन्च करने की जुगत में है। उत्तर कोरिया के इस कदम से सुदूर पूर्वी एशिया में तनाव बढ़ा है।
चंद्रयान को लॉन्च करने का बाद इसरो अपने एक और नए मिशन पर लग गया है। इसरो जल्द ही छह उपग्रहों के साथ PSLV-C56 को अंतरिक्ष में भेजेगा।
लॉन्च व्हीकल मार्क 3 III या जीएसएलवी III द्वारा इसे 14 जुलाई दोपहर 2.45 बजे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान 3 में एक रोवर, एक लैंडर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल रहेगा।
साउथ कोरिया ने उस कथित जासूसी उपग्रह का मलबा ढूंढ़ निकाला है जिसकी नॉर्थ कोरिया ने पिछले महीने असफल लॉन्चिंग की थी।
Jio-Airtel: एयरटेल ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले में प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन सिर्फ नीलामी से ही किए जाने के बारे में कोई निर्देश नहीं दिया गया था। पूरी रिपोर्ट पढ़ सकते हैं।
उत्तर कोरिया के जासूसी उपग्रह से चिंतित अमेरिका अब अपना खुद का जासूसी सैटेलाइट लॉन्च करेगा। इससे वह रूस और चीन की हरकतों पर नजर रख सकेगा।
स्पेसक्राफ्ट में मिशन के कमांडर जिंग हैपेंग हैं, जो रिकॉर्ड चौथी बार अंतरिक्ष में जाने वाले पहले चीनी अंतरिक्ष यात्री बनकर इतिहास रचने जा रहे हैं।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने सैन्य जासूसी उपग्रह लांच करने की तैयारी करके पड़ोसी दक्षिण कोरिया और जापान समेत अमेरिका को भी टेंशन में डाल दिया है। लांचिंग के बाद उत्तर कोरिया का ये उपग्रह विभिन्न देशों की सैन्य निगरानी रख सकेगा। इसस दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका की सेनाएं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने इस उन्नत सुविधा के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ 3000 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अपनी परिचालन क्षमताओं को तेज करने के लिए मार्च 2022 में उपग्रह के लिए सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सैटेलाइट को 2024 में आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।
MT1 को 12 अक्टूबर, 2011 को ट्रॉपिकल मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए ISRO और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी, CNES के ज्वाइंट सैटेलाइट वेंचर के रूप में लॉन्च किया गया था।
Kim Yo Jong on South Korea: किम जोंग-उन की बहन किम यो जोंग ने एक बार फिर दक्षिण कोरिया को जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने मिसाइल से जुड़े उसके आकलन को कुत्तों के भौंकने के बराबर बताया है।
NASA's new Satellite: अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयां छूते अमेरिका ने शुक्रवार को एक ऐसे उपग्रह का प्रक्षेपण किया है जो दुनिया के लगभग सभी महासागरों, झीलों और नदियों का मानचित्रण करेगा। कैलिफ़ोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग अंतरिक्ष बल प्रतिष्ठान से स्पेसएक्स रॉकेट के जरिए आज तड़के इस उपग्रह प्रक्षेपण किया गया।
सैटेलाइट फोन के बारे में हम सभी ने सुना है, लेकिन ये कैसे काम करता है इसके बारे में हमे नहीं पता है। आज हम आपको बताएंगे कि सैटेलाइट फोन कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं।
Oceansat सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं और इसका इस्तेमाल समुद्र विज्ञान और वायुमंडल के अध्ययन के लिए होगा।
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