भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने सोमवार को कहा कि भारती ग्रुप की अनुषंगी वनवेब इसरो की सुविधाओं के माध्यम से भारतीय जमीन से उपग्रह प्रक्षेपण करने वाली पहली निजी कंपनी होगी।
वनवेब इस साल अलास्का (अमेरिका), कनाडा और ब्रिटेन सहित आर्कटिक क्षेत्र में और भारत में 2022 की दूसरी छमाही में सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुशंधान संगठन (ISRO)को अपने अभियान में बड़ा झटका लगा है। पृथ्वी की निगरानी करनेवाले सैटेलाइट EOS-03 की लॉन्चिंग फेल हो गई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कल जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से पी.एस.एल.वी.-सी 51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लॉन्च किया।
चीन ने विश्वभर में जमीनी वस्तुओं की हाई रेजोल्यूशन की तस्वीरें ले सकने में सक्षम पृथ्वी की निगरानी करने वाले एक नए उपग्रह का रविवार को सफल प्रक्षेपण किया।
अंतरिक्ष का सुपर पावर बनने की कोशिश कर रहे चीन को बड़ा झटका लगा है। आधी-अधूरी तैयारियों के साथ लॉन्च किया गया चीन का सैटेलाइट अपने लक्ष्य तक पहुंचने में फेल रहा और बीच आसमान में ही भटककर क्रैश हो गया।
न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. नारायणन ने कहा, रॉकेट लॉन्च इसरो द्वारा किया जाता है। हम वाणिज्यिक लॉन्च की सुविधा दे रहे हैं।
सरकार ने जीसैट 7 सी जैसे उपग्रहों के आयात पर प्रतिबंध लगाया
ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने के करीब पहुंच गयी है। कंपनी को सरकार से 3,200 से अधिक उपग्रह कक्षा में छोड़ने की अनुमति मिल गयी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा निर्मित, यह उपग्रह रेडियो संकेतों की निगरानी करता है जो कि दुश्मन के क्षेत्र में ट्रांसमिशन के सभी स्रोतों की प्रकृति और स्थान का निर्धारण करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इजराइल ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है और लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के इसके निर्माण, पड़ोसी देश सीरिया में सैन्य मौजूदगी और संदिग्ध परमाणु कार्यकर्म को देखते हुए इजराइल ईरान पर करीबी नजर रखता है।
दोनो पक्ष मिलकर सेटेलाइट कंपनी में 100 करोड़ डॉलर का निवेश करेंगे
चाइनीज़ सोशल मीडिया पर एक तस्वीर आग की तरह वायरल हो रही है। चीनी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर गलवान घाटी की है जहां भारत की पांच पोजिशन दिखाई जा रही है। इस बीच चीन का सरकारी मीडिया का भी सुर बदल गया है।
गलवान वैली की सैटेलाइट तस्वीरों पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स चीन के नहीं बल्कि भारत के हैं। पहले तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स को चीन का बताया जा रहा था लेकिन इंडिया टीवी की जानकारी के मुताबिक ये स्ट्रक्चर भारत के हैं।
गलवान वैली में चीन की घुसपैठ को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं और कई सवाल उठ रहे हैं लेकिन पहली बार गलवान वैली की तस्वीरें सामने आई हैं।
एलएसी पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से देश की एक-एक इंच ज़मीन की हिफाजत कर रही है और जब तक चीन का आखिरी सैनिक, आखिरी पोस्ट, आखिरी तंबू, आखिरी हथियार बहुत पीछे नहीं चला जाता तब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी।
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों की खूनी मुठभेड़ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
गलवान घाटी की एक ताजा सेटेलाइट तस्वीर सामने आई है। जिसमें चीनी सेना का जमावड़ा साफ दिखाई दे रहा है।
रूस ने अमेरिका के दावों को खारिज करते हुए ईरान द्वारा उपग्रह प्रक्षेपण को सही ठहराया है। अमेरिका ने ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण को 2015 परमाणु समझौते का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन करार दिया था।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़