सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से SSLV-D3-EOS-08 सफलता पूर्वक लॉन्च हो गया है। इस सफल प्रक्षेपण के बाद अब आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी और बाढ़ का पता लगाने में किया जा सकेगा।
ISRO ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर बताया है कि केरल में हुए भूस्खलन से किस तरह तबाही आई है। पहले जिन जगहों पर हरे-भरे पेड़ और घर हुआ करते थे। वहां अब सिर्फ मलबा बचा है।
जापान ने उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण का करारा जवाब दिया है। आज जापान ने अपना नया पृथ्वी निगरानी उपग्रह प्रक्षेपित किया है। जापान के एच3 नंबर 3 रॉकेट ने दक्षिण पश्चिमी के एक द्वीप पर तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और करीब 16 मिनट बाद तय योजना के अनुसार अपना ‘पेलोड’ (उपग्रह) छोड़ा।
Elon Musk को भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने की प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। श्रीलंका के टेलीकॉम मिनिस्टर ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर की है।
पाकिस्तान ने चीन की मदद से बहुउद्देश्यी संचार उपग्रह का प्रक्षेपण किया है। इसे चीन ने अपने दक्षिणी-पश्चिमी सिचुआन प्रांत से लॉन्च किया है। इससे पाकिस्तान की इंटरनेट कनेक्टिविटी काफी तीव्र हो जाएगी।
उत्तर कोरिया जल्द ही एक और सैन्य जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण करने जा रहा है। इससे अमेरिका और दक्षिण कोरिया का तनाव बढ़ गया है। किम जोंग उन की तरफ से जापान को इस प्रस्तावित प्रक्षेपण की जानकारी दे दी गई है।
स्मार्टफोन बाजार में आए दिन नए नए फीचर्स के साथ स्मार्टफोन लॉन्च होते रहते हैं। अगर आप वीवो के फैंस है तो आपके लिए अच्छी खबर है। वीवो एक धांसू फीचर वाला स्मार्टफोन लाने जा रहा है। लीक्स की मानें तो वीवो के इस अपकमिंग फोन में सीम कार्ड की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
Android यूजर्स के लिए गूगल जल्द नए फीचर्स रोल आउट कर सकता है। गूगल के इस अपकमिंग फीचर के जरिए यूजर्स बिना किसी एक्टिव मोबाइल नेटवर्क के भी अपने फोन से मैसेज भेज पाएंगे। गूगल का यह फीचर iPhone के सैटेलाइट कनेक्टिविटी से अलग होगा।
सरकार टोल कलेक्शन के लिए नई टेक्नोलॉजी लाने की तैयारी में है, जो मौजूदा FASTag को रिप्लेस करेगी। इससे वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम से निपटारा मिल सकता है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस नई टेक्नोलॉजी के बारे में समझाया है।
51.7 मीटर लंबे GSLV-F14 रॉकेट से लॉन्च किया गया INSAT-3DS वर्तमान में कार्यरत INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को बढ़ाएगा।
ISRO के अनुसार, सैटेलाइट को 10 जनवरी 2007 को लॉन्च किया गया था ताकि देश की हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरें ली जा सके। लॉन्चिंग के समय इसका वजन 680 किलोग्राम था और यह 635 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में कार्य कर रही थी।
भारत के सबसे उन्नत मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS के जरिए वैज्ञानिक मौसम संबंधी ज्यादा सटीक भविष्यवाणियां कर सकेंगे और यह तमाम दूसरे कामों के लिए भी धरती की निगरानी कर सकेगा।
ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण पर अमेरिकी सेना और विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। अमेरिकी सेना ने देश के अर्द्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा 20 जनवरी को किए गए सफल ईरानी उपग्रह प्रक्षेपण को दबे स्वर में स्वीकार किया है।
अयोध्या का रामलला मंदिर अंतरिक्ष से बड़ा ही भव्य दिखाई देता है। अमेरिकी एजेंसी ने राम मंदिर की मनमोहक सैटेलाइट इमेज जारी की है।
पाकिस्तान से जंग के आसार बढ़ने और मध्य-पूर्व में उपजे व्यापक तनावों के बीच ईरान ने शनिवार को एक उपग्रह के सफल प्रक्षेपण का दावा किया है। ईरान के इस प्रक्षेपण से विभिन्न देशों ने उस पर परमाणु मिसाइल बनाने की आशंका जाहिर की है। अमेरिका ने ईरान के इस प्रक्षेपण का विरोध किया है।
पिछले की महीनों से एलन मस्क के स्टारलिंक के भारत आने की चर्चा हो रही है। इसको लेकर लगातार अपडेट सामने आ रहे हैं। अब एक ऐसा अपडेट सामने आया है जिससे उम्मीद लगाई जा सकती है कि जल्द ही स्टारलिंक की सर्विस शुरू होगी। स्टारलिंग एक सेटेलाइट बेस्ट इंटरनेट सर्विस प्रवाडर होगा। यह इंटरनेट की दुनिया में कई बड़े बदलाव कर सकता है।
साल के पहले दिन आज सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर इसरो ने PSLV-C58/XPoSat सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया। इससे अंतरिक्ष में ब्लैकहोल और जीवन से जुड़े कई रहस्य खुलेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले पांच साल में 50 ऐसे सैटेलाइट भेजेगा जो खुफिया जानकारियों को इकट्ठा करने में अहम साबित होंगे।
दुनिया के इस जगह पर इंसानों को नहीं बल्कि मशीनों को दफनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को भी यहीं दफनाने का प्लान बनाया गया है।
उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग अपने जासूसी उपग्रह से व्हाइट हाउस पर दिन-रात नजर रख रहा है। किम के इस कदम से अमेरिका टेंशन में आ गया है। क्योंकि उत्तर कोरिया के पास अब घातक मिसाइलें भी जखीरे में हैं, जिनका उसने हाल के समय में परीक्षण किया है।
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