इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन में आचार्य विवेक मुनि ने कहा कि जैन धर्म अहिंसा और शाकाहार में विश्वास करता है।
पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह ने कोरोना वायरस संकट के समय में सिख समुदाय की सेवा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह गुरु नानक देव की शिक्षाओं के कारण है कि दुनिया भर के लोग जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।
जैन संत आचार्य लोकेश मुनि ने इंडिया टीवी सर्वधर्म सम्मेलन में कहा कि प्रकृति अपने विनाश के लिए मनुष्यों द्वारा किए गए विनाश से खुद को ठीक कर रही है।
कथावाचक मोरारी बापू इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन का हिस्सा बनें। जहां उन्होंने कहा-धैर्य और हिम्मत रखिए जल्द ही आपको समाधान मिलेगा।
जूना अखाड़े के आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे कोई भी व्यक्ति धर्म की मदद से सभी समस्याओं का समाधान पा सकता है। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से लोग COVID-19 के समय में खुद को फिट रख सकते हैं।
इंडिया टीवी सर्वधर्म सम्मेलन में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने बताया कि कैसे COVID-19 संकट के समय में धर्म हमारे जीवन को आसान बना सकता है।
इंडिया टीवी सर्वधर्म सम्मेलन में स्वामी रामदेव ने कहा कि धर्म का वास्तविक अर्थ सेवा है। यदि आपके पास का कोई व्यक्ति भूखा है और आपके पास दो रोटी हैं, तो आपको एक रोटी उसे दे देनी चाहिए।
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने इंडिया टीवी सर्वधर्म सम्मेलन पर कहा कि लोग धीरे-धीरे और लगातार सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कर रहे हैं। इन परिवर्तनों को अपनाने में लोगों को समय लगेगा।
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के फाउंडर स्वामी चिदानंद स्वामी ने बताया कि हर किसी को स्वस्थ रहने के लिए योग, प्राणायाम और मेडिटेशन करना चाहिए। इसके अलावा अच्छा खाना खाइए और सकारात्मक सोच रखिए। चिदानंद ने
लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के मुतवल्ली मौलाना सैयद वासिफ हसन उर रहमान देश के जाने माने मुस्लिम धर्म गुरु शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बताया कि इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं होता है। इस समय में जिसकी मदद कर सकते हैं करिए।
ईसाई धर्मगुरु बिशप सेबेस्टियन कल्लुपुरा पूरी दुनिया में घबराहट फैली हुई है। अपने जीवन को थोड़ा निराशा से हटाकर आशा में लाने के लिए ईश्वर का चिंतन करना जरूरी है। जो निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन करते हुए मंदिरों, मस्जिदों और गिरिजाघरों में जा सकते है
इंडिया टीवी सर्वधर्म सम्मेलन के दौरान ब्रह्मा कुमारी की सिस्टर शिवानी ने कहा कि हर धर्म अलग-अलग भाषाओं में एक ही चीज का प्रचार करता है। सिस्टर शिवानी ने कहा कि हमारा वर्तमान जैसा है वो हमारे भूत कर्मों की वजह से है |
जैन मुनि पुलक सागर महाराज ने कहा- एक बहुत बड़ा संकट है कोरोना महामारी का, लेकिन हमें इससे डरना नहीं है, लेकिन ज्यादा निडर भी नहीं होना है कि इससे कुछ नहीं होगा। इतना डरो कि आने वाले डर से हमें बचा सके।
शेख अबु बकर अहमद ने कहा-कोरोना कहर की वजह से सफाई का ध्यान रखना जरूरी है इसलिए मस्जिद की सफाई और सैनिटाइजेशन जरूरी है। मस्जिद में मास्क पहनकर ही जाएं।
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ध्यान देने की आवश्यकता ये है कि लगभग 100 वर्षों से जिस ढंग से विकास को परिभाषित किया गया है, उसी वजह से ये हो रहा है।
ईश्वर के प्रति हमारी आस्था हो तो वह जरूर हमें किनारे तक लाकर रखेंगे। कोरोना जल्द हमारी जिंदगी से नहीं जाने वाला। इसलिए इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी।
जैन साध्वी आचार्य श्री चंदना ने कहा कि हम लोग प्रकृति का महत्व भूल चुके हैं। हमें नेचर का सहयोगी बनना है। अगर हम बाथरुम में पानी भी कम बहाएंगे तो ये छोटी सी पहल भी प्रकृति का सहयोग करेगी।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मंदिरों-मस्जिदों में जाएं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए। हाथ धोते रहिए। खुद से ही एहतियात बरतना होगा। लोगों से दूरी बनाकर रखिए।
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ ने कहा कि लोगों की जरूरत को समझकर उनकी मदद करके हम हर दिन ईद मना सकते हैं। लोगों से आप उनका धर्म या जाति नहीं बल्कि उनके जरूरतें पूछें।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि कोरोना के प्रकोप के दौरान हमें एक-दूसरे की मदद करना चाहिए। हमें खुद को समझने का मौका भी मिला। अभी का धर्म यही है कि इस समय राष्ट्रधर्म निभाना चाहिए।
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