मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैय्यद वासिफ हसन उर रहमान ने लॉकडाउन का पालन करने वालों का शुक्रिया। साथ ही लोगों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील भी की।
जैन मुनि पुलक सागर महाराज ने कहा- एक बहुत बड़ा संकट है कोरोना महामारी का, लेकिन हमें इससे डरना नहीं है, लेकिन ज्यादा निडर भी नहीं होना है कि इससे कुछ नहीं होगा। इतना डरो कि आने वाले डर से हमें बचा सके।
शेख अबु बकर अहमद ने कहा-कोरोना कहर की वजह से सफाई का ध्यान रखना जरूरी है इसलिए मस्जिद की सफाई और सैनिटाइजेशन जरूरी है। मस्जिद में मास्क पहनकर ही जाएं।
ज्ञानी रंजीत सिंह ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी चीज है जागरुकता फैलाना। अभी भी कई लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि कोरोना क्या है।
इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन में आचार्य विवेक मुनि शामिल हुए। जहां उन्होंने बताया कैसे इस मुश्किल समय में खुद को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कौन से तरीके अपनाने चाहिए।
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ध्यान देने की आवश्यकता ये है कि लगभग 100 वर्षों से जिस ढंग से विकास को परिभाषित किया गया है, उसी वजह से ये हो रहा है।
जैन मुनि आचार्य पुलक सागर ने कहा कि कोरोना वायरस इसलिए आया है, क्योंकि हमने प्रकृति से छेड़छाड़ की है।
शेख अबु बकर इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल हुए। जहां उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों से जनता को फायदा हुआ है।
ईश्वर के प्रति हमारी आस्था हो तो वह जरूर हमें किनारे तक लाकर रखेंगे। कोरोना जल्द हमारी जिंदगी से नहीं जाने वाला। इसलिए इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी।
रमेश भाई ओझा ने कहा कि सुख और दुख दोनों का ही अंत होना निश्चित है, लेकिन ईश्वर पर भरोसा रखकर सकारात्मक रहिए। कोरोना काल में मानवता दिखी है।
जैन साध्वी आचार्य श्री चंदना ने कहा कि हम लोग प्रकृति का महत्व भूल चुके हैं। हमें नेचर का सहयोगी बनना है। अगर हम बाथरुम में पानी भी कम बहाएंगे तो ये छोटी सी पहल भी प्रकृति का सहयोग करेगी।
जैन साध्वी आचार्य श्री चंदना ने बताया दि धर्म के अनुसार मानव के लिए वो क्या नियम है, जिसके जरिए इस वैश्विक महामारी को हराया जा सकता है।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मंदिरों-मस्जिदों में जाएं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए। हाथ धोते रहिए। खुद से ही एहतियात बरतना होगा। लोगों से दूरी बनाकर रखिए।
जैन मुनि आचार्च लोकेश ने कहा- कोरोना से डरने की बजाय इसका समाधान ढूंढने की जरुरत है। अपना इम्यून सिस्टम मजबूत रखकर इससे बचा जा सकता है।
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ ने कहा कि लोगों की जरूरत को समझकर उनकी मदद करके हम हर दिन ईद मना सकते हैं। लोगों से आप उनका धर्म या जाति नहीं बल्कि उनके जरूरतें पूछें।
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ ने कहा इस महामारी से निकलने के लिए खुद को लॉकडाउन करें।
धार्मिक स्थलों के खुलने को लेकर मौलाना ने कहा- असली खतरा अब शुरू हुआ है।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि कोरोना के प्रकोप के दौरान हमें एक-दूसरे की मदद करना चाहिए। हमें खुद को समझने का मौका भी मिला। अभी का धर्म यही है कि इस समय राष्ट्रधर्म निभाना चाहिए।
बदरीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती कहते हैं भूखे को खाना खिलाना से अच्छा कोई नेक काम नहीं हैं। इसलिए यह काम हर किसी को जरूर करना चाहिए।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज 80 से ज्यादा किताब और ग्रंथ लिख चुके हैं। रामायण और भागवत कथा वाचक भी हैं।
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