इजराइल और हमास में जंग के बीच बाइडेन प्रशासन ने बुधवार को इजराइल के दुश्मन ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों को टारगेट करने वाले नए प्रतिबंधों को लगा दियाहै। इस तरह से ईरान को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है।
चीन को इस बात की मिर्ची लगी कि वन चाइना पॉलिसी के तहत चीन नहीं चाहता है कि ताइवान के साथ कोई देश रिश्ता रखे और उसे देश का दर्जा दे। लेकिन अमेरिका ताइवान को तवज्जो देता है और अमेरिकी भरोसे पर ही ताइवान की राष्ट्रपति ने अमेरिका की यात्रा की है।
यूक्रेन पर हमले का दोषी ठहराते हुए पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए हजारों प्रतिबंधों के बावजूद पुतिन का हौसला डिगा नहीं है। इसकी एक वजह भारत भी है। जब पश्चिमी देशों ने रूस के कच्चे तेल पर प्राइस कैप लगाया तो यह माना जा रहा था कि इससे उसकी आर्थिक स्थिति बुरी तरह बर्बाद हो जाएगी।
अमेरिका ने रूस और चीन की रक्षा निर्माता कंपनियों समेत कई अन्य पर कड़े कानूनी प्रतिबंध लगा दिया है। इससे चीन बौखला उठा है। ड्रैगन ने सोमवार को अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह चीनी कंपनियों पर नये गैर कानूनी प्रतिबंध लगाकर स्पष्ट रूप से ‘‘दादागीरी और दोहरे मानक’’ दिखा रहा है।चीन ने कहा कि अमेरिका ऐसा करके बहुत गलत कर रहा है।
North Korea Sanctions: अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। वह उसके परमाणु कार्यक्रम की वजह से नाराज है। अमेरिकी वित्त विभाग ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है।
America Vs Iran:ईरान ने अमेरिका पर बेहद सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी वजह से हजारों ईरानियों की जान चली गई। ईरान का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंधो के कारण हजारों ईरानी लोगों की मौत कोविड-19 के दौरान हो गई थी। यह बात ईरान के मानवाधिकार आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कही है।
EU Sanctions on Iran: जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने ईरान की सरकार की जमकर आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि ईरान को अतिरिक्त प्रतिबंध झेलने होंगे। यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के इस पर सहमत होने की संभावना है।
चीन और ताइवान के बीच बढ़ते युद्ध के खतरे को देखते हुए अमेरिका सतर्क हो गया है। अमेरिका अब खुल कर ताइवान के समर्थन में खड़ा हो गया है। बात तो यहां तक आ गई है कि चीन के हमले से ताइवान को बचाने के लिए जल्द ही अमेरिका चीन पर प्रतिबंधों का बम फोड़ने वाला है।
अमेरिका ने चाइना कम्यूनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी (CCCC) पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही चीन के नेतृत्व वाले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर भी निशाना साधा है।
इन प्रतिबंधों से ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और अन्य अधिकारी अमेरिकी क्षेत्र में किसी भी बैंकिंग सुविधा के लाभ नहीं उठा पाएंगे।
बहुराष्ट्रीय कार्यबल ने शुक्रवार को कहा कि आतंकी वित्त पोषण बंद करने में असफल रहने को लेकर वह ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों को और कड़ा कर रहा है।
व्हाइट हाउस ने इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी कि ट्रम्प किन प्रतिबंधों की बात कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने उत्तर कोरिया के खिलाफ किसी नए प्रतिबंध की शुकवार को कोई घोषणा नहीं की थी
इराक को ईरान से बिजली खरीद जारी रखने के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों से 90 दिनों की छूट मिल गई है।
डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ने एक बयान में कहा कि उसने ईएन प्लस ग्रुप, यूनाईटेड कंपनी रूसाल और जीएजी ग्रुप पर प्रतिबंधों की तिथि को 12 दिसंबर से बढ़ाकर सात जनवरी 2019 कर दिया है।
ईरान के सरकारी टीवी पर दिखाया गया कि देश के उत्तरी हिस्से में रक्षा बलों द्वारा हवाई अभ्यास किया जा रहा है। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से ड्रोन को मार गिराने का दृश्य भी दिखाया गया। यह अभ्यास मंगलवार को जारी रहेगा।
गौरतलब है कि ट्रंप ने मई में ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने की घोषणा की थी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सोमवार पांच नवंबर को ईरान परमाणु समझौते में अमेरिकी भागीदारी समाप्त हो जाएगी।
ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने के बाद ट्रंप ने सभी देशों से ईरान से तेल का आयात कम करने या प्रतिबंधों का सामना करने के लिए कहा।
अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों को रूस के साथ किसी तरह के महत्वपूर्ण खरीद समझौते की दिशा में बढ़ने से आगाह किया है और संकेत दिया है कि ऐसे मामले में वह प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है।
अमेरिका ने कहा है कि ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों से बचने के लिए विभिन्न देशों द्वारा ‘विशेष भुगतान तंत्र’ तैयार करने की कोशिश से नुकसान होगा।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ का कहना है कि अमेरिका, ईरान पर प्रतिबंध लगाने का आदी है। जरीफ ने सीएनएन को दिए साक्षात्कार में यह बात कही।
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