एसकेएम ने आरोप लगाया कि 'एक देश, एक चुनाव' बिल का उद्देश्य देश में एक केंद्रीकृत बाजार बनाना है, जो किसानों और श्रमिकों के लिए अनुकूल नहीं होगा।
कल यानी 10 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा की एक जनरल बॉडी मीटिंग हुई। इस मीटिंग में 17 राज्यों से आए लोग शामिल हुए। मीटिंग के बाद SKM ने कुछ फैसले लिए हैं।
लिस उपायुक्त (मध्य) एम हर्षवर्धन ने कहा है कि हमने सख्त शर्तें लगाई हैं और एसकेएम नेताओं ने एक शपथपत्र पर हस्ताक्षर किए हैं कि वे शर्तों का पालन करेंगे। एसकेएम ने कहा है कि यह महापंचायत शांतिपूर्ण होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में फैसला हुआ है कि कल आक्रोश दिवस मनाया जाएगा। साथ ही किसान मोर्चा ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर मारे गए नौजवान के लिए 1 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है।
Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी में पिछले साल हुए तिकोनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' की बर्खास्तगी समेत कई और मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसानों का 75 घंटे का धरना शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।
SKM Meeting In Ghaziabad: किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर एसकेएम फिर से आंदोलन करने की तैयारी में है। इसे लेकर योजना पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्च ने कल यानी 3 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बैठक बुलाई है।
Samyukt Kisan Morcha: एसकेएम ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने ट्विटर पर केंद्र पर सवाल उठाने के लिए इन अकाउंट को बंद करने के लिए दबाव डाला है।
शिवकुमार शर्मा ‘काकाजी’ ने कहा था कि पराली जलाने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है लेकिन सजा के प्रावधान को हटाने का आश्वासन दिया गया था।
टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने, फसल बीमा योजना, फसल खरीद योजना और कृषि अवसंरचना कोष के लिए आवंटन को घटा दिया है।
दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक लंबा आंदोलन चलाया था।
आंदोलन करने वाले 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी प्रदर्शन को बृहस्पतिवार को स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की है कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से घर लौट जाएंगे।
किसानों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। 11 दिसंबर से किसानों की घर वापसी शुरू होगी। किसान 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से किसान आंदोलन कर रहे थे। इस फैसले के बाद सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने अपने-अपने तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। बता दें कि केंद्र ने किसानों की मांग को मान लिया है और एक नया प्रस्ताव संगठनों को भेजा जिसपर सहमति बन गई है।
किसान आंदोलन ख़त्म हो रहा है। बातचीत शुरु हो रही है। अब किसान और मोदी सरकार एक लाइन पर दिख रही है। 7 दिसम्बर को Good न्यूज़ आ सकती है। किसान वापस जा सकते हैं। किसानों के खेमे से ख़बर आ रही है। कि अब ना तो मोदी के खिलाफ..न सरकार के खिलाफ और न बीजेपी के खिलाफ कोई रैली निकलेगी। और न कोई विरोध प्रदर्शन होगा। राहुल को इसकी भनक लग गई है। इसलिए वो अभी भी किसानों के बहाने मोदी मोदी कर रहे हैं।
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