सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार बड़ी आंखें बहुत ही शुभ मानी जाती हैं। ऐसे लोग हर तरह की परिस्थिति में खुश रहने की कोशिश करते हैं। इन्हें समाज में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की आंखें नीले रंग की होती हैं, वो देखने में बड़े ही खूबसूरत लगते हैं। इनका व्यक्तित्व बड़ा ही आकर्षक होता है। हालांकि ये लोग थोड़े इंट्रोवर्ट होते हैं। इंट्रोवर्ट से यहां मतलब उन लोगों से है, जो जल्दी से किसी के सामने अपनी बात नहीं कहते या अपनी बात को अपने अंदर ही रखते हैं। ये गंभीर और शांत स्वभाव के होते हैं। साथ ही सबकी बातों को ध्यान से सुनते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की आंखें नीले रंग की होती हैं, वो देखने में बड़े ही खूबसूरत लगते हैं। इनका व्यक्तित्व बड़ा ही आकर्षक होता है। हालांकि ये लोग थोड़े इंट्रोवर्ट होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की आंखें ग्रे कलर की होती हैं, वो लोग बहुत ही खुले दिमाग के होते हैं। इन लोगों को अपने जीवन में आजादी पसंद होती है।इनके अंदर किसी तरह का रहस्य, द्वेष या झूठ नहीं होता। ये जैसे अंदर से होते हैं, वैसे ही बाहर से भी दिखते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति के गालों के रंग से उसके स्वभाव और उसके चरित्र के बारे में बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार लंबी और नीचे व ऊपर से अंडे की तरह गोल ठोड़ी वाले लोगों का स्वभाव वायु तत्व से प्रभावित रहता है। ये लोग कला, संगीत व सौन्दर्य के उपासक होते हैं और खुद भी श्रेष्ठ कलाकारों की श्रेणी में आने के लिए तत्पर रहते हैं।
जिनकी ठोड़ी की आकृति नीचे की अपेक्षा ऊपर से थोड़ी अधिक चौड़ी होती है या दूसरे शब्दों में कहें तो शंकु के आकार की होती है, सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसी ठोड़ी वाले लोग अग्नि तत्व से प्रभावित होते हैं। इनका मानसिक लेवल बहुत हाई होता है, यानी ये उच्च बौद्धिक क्षमता वाले होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के वृत्ताकार यानी जिसमें चेहरे का निचला हिस्सा सामने की तरफ से देखने पर गोलाई में दिखायी देता है। इनके अंदर दुनियादारी की समझ का अभाव होता है। भले ही इनके अंदर दयालुता होती है, ये धार्मिक आचरण करने वाले होते हैं। साथ ही कला व संगीत के प्रति आकर्षण रखने वाले होते है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के वृत्ताकार यानी जिसमें चेहरे का निचला हिस्सा सामने की तरफ से देखने पर गोलाई में दिखायी देता है। ऐसी ठोड़ी वाले लोगों में जल तत्व की प्रधानता देखने को मिलती है। इनका शरीर अधिक मांस वाला, वजनी व गद्देदार होता है। इनके अंदर बच्चों वाले गुण देखने को मिलते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के चेहरे की लंबाई-चौड़ाई एक समान नहीं होती, उन लोगों का मानसिक विकास तो उतने अच्छे से नहीं हो पाता है। लेकिन, व्यावहारिक तौर पर ये लोग बहुत अच्छे होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार चेहरे की चौड़ाई अधिक होने से व्यक्ति शारीरिक रूप से भी थोड़ा बड़ा दिखायी पड़ता है और उसके अंदर स्थूलता आ जाती है। इन लोगों की सबसे अच्छी बात है कि ये लोग कभी किसी चीज़ के लालच में नहीं पड़ते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार मुख्य रूप से चार तरह की चेहरे वाली आकृति के लोग देखने को मिलते हैं और वो आकृतियां इस प्रकार हैं - वर्गाकार, वृत्ताकार, शंक्वाकार और अण्डाकार।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के दांत सामान्य से कुछ लंबे होने के कारण बाहर की तरफ निकले दिखायी देते हैं, वो लोग बहुत ज्यादा बोलते हैं और इन्हें चाहें कितनी ही देर बोलने को कह दें, ये कभी थकते नहीं है। साथ ही दूसरों से अपनी बात मनवाने का तरीका भी इन्हें बहुत अच्छे से आता है।
कई लोगों के मुंह के ऊपर वाली पंक्ति के दांत सीधाई में तो होते हैं, लेकिन थोड़े ऊपर की तरफ उठे हुये होते हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोगों का जीवन भी उठा हुआ, यानी कामयाबी की ऊंचाईयों को छूने वाला होता है।
आज ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और गुरूवार का दिन है। सप्तमी तिथि आज रात 9 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपका दिन।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के दांत एक सीध में समान रूप से सुन्दर होते हैं, वो लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। ये लोग सबके साथ अच्छा व्यवहार बनाकर रखते हैं, जिससे दूसरों की नजरों में इनका सम्मान बना रहता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की आंखे हरी होती है। वह लोग जिज्ञासु प्रवृत्ति वाले होते हैं। यह किसी ना किसी को जानने की पूरी कोशिश करते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक जिन लोगों के पैर आकार में बेहद छोटे होते हैं उन लोगों को नई-नई चीज़े काफी आकर्षित करती हैं इसलिए वो नई-नई चीज़ों को खरीदना पसंद करते हैं। ये स्वयं किसी से बात नहीं करते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र में आज हम बात करेंगे हाथ में त्रिशूल के समान आकृति या चिन्ह के बारे में। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की हथेली में रेखाओं की भिन्न-भिन्न बनावट के कारण तराजू के समान आकृति या चिन्ह बना नजर आता है, उनके लिये ये बड़ा ही शुभ होता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के दाएं गाल पर तिल है या बाएं गाल पर तिल है तो क्या अच्छे-बुरे फल मिलेंगे, आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए।
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