सामुद्रिक शास्त्र में आज हम बात करेंगे कान के फड़कने के बारें में। ज्योतिष शास्त्र में कान के फड़कने के बारे में भी कुछ ऐसा ही बताया गया है। यदि किसी व्यक्ति का दाहिना कान फड़कता है तो उसे भविष्य में कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का अंगूठा एकदम सीधा होता है, वो बहुत ही जिद्दी किस्म के होते हैं। इनके दोस्त बहुत कम ही लोग बन पाते हैं। हालांकि इन लोगों पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है।
जिन लोगों के अंगूठे का दूसरा भाग पहले भाग की अपेक्षा बड़ा होता है, वो लोग मन की बजाय तर्क के आधार पर फैसले लेते हैं, वहीं इसके विपरीत जिनके अंगूठे का पहला भाग दूसरे भाग की अपेक्षा बड़ा होता है, उन लोगों की तर्क क्षमता बहुत कमजोर होती है।
अगर आपके दाम्पत्य संबंधों में किसी न किसी प्रकार की खींचतान चलती रहती है तो उससे छुटकारा पाने के लिये आज सात तुलसी की पत्तियां लेकर, उन पर थोड़ा-सा दही और थोड़ी चीनी रखकर श्री विष्णु भगवान को अर्पित कीजिये। जानिए अन्य उपायों के बारे में।
सामुद्रिक शास्त्र में आज जानिए अनामिका उंगली के बारे में। अनामिका, यानी हाथ की तीसरी उंगली, जिसे अपोलो रिंग या सूर्य की उंगली भी कहा जाता है। सामुद्रिक शास्त्र में इस उंगली को बहुत ही शुभ माना जाता है। देवताओं को तिलक लगाने के लिये भी इसी उंगली का उपयोग किया जाता है।
सामुद्रिक शास्त्र में जानिए मध्यमा उंगली के बारे में। मध्यमा यानि हाथ की दूसरी और सबसे लंबी उंगली। हाथ में यह उंगली किसी व्यक्ति की सच्चाई, उसकी ईमानदारी और अनुशासन को दर्शाती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की आंखें नीले रंग की होती हैं, वो देखने में बड़े ही खूबसूरत लगते हैं। इनका व्यक्तित्व बड़ा ही आकर्षक होता है। हालांकि ये लोग थोड़े इंट्रोवर्ट होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की आंखें ग्रे कलर की होती हैं, वो लोग बहुत ही खुले दिमाग के होते हैं। इन लोगों को अपने जीवन में आजादी पसंद होती है। ये अपने परिवार के लोगों के साथ भी ऐसा ही माहौल बनाकर रखते हैं।
आपने देखा होगा कि कई लोगों के गालों का रंग एकदम लाल सुर्ख होता है, उनके चेहरे पर हमेशा एक अलग ही लालिमा बनी रहती है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही जिद्दी किस्म के होते हैं। ये लोग दूसरों से अपनी बात मनवाने के लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं। इनके अंदर ज़रा-सा भी धैर्य नहीं होता।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे रंग के कुछ-कुछ लोग बड़े ही एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी होते हैं। दूसरों की तुलना में इनका सिक्स सेंस बहुत अच्छा होता है। ये किसी भी तरह की परिस्थिति में अपने आपको एडजेस्ट कर सकते हैं। विपरित परिस्थितियों में भी ये लोग बहुत अच्छे से काम करते हैं और मजबूती से उनका सामना करते हैं।
ललाट पर सबसे ऊपर शनि क्षेत्र होता है और उसके नीचे गुरु का स्थान होता है। गुरु क्षेत्र में स्थित रेखा को गुरु रेखा कहते हैं। ये शनि रेखा से लंबी होती है।
ललाट पर स्थित क्षैतिज रेखाओं की संख्या सात होती है, लेकिन हर किसी के ललाट पर ये सभी रेखाएं स्पष्ट रूप से दिखायी नहीं देती। किसी के ललाटपर ये कुछ कम दिखायी देती हैं, तो किसी के ललाट पर पूर्ण रूप से स्पष्ट दिखायी देती हैं। ललाट पर स्थित विभिन्न रेखाओं का संबंध अलग-अलग ग्रह से होता है और ललाट पर प्रत्येक ग्रह का एक क्षेत्र निर्धारित होता है।
उत्तल से यहां अर्थ ऐसे ललाट से है, जो सामने की ओर से गोलाई में उभरा हुआ हो, ठीक वैसे ही जैसे उत्तल या कॉन्वेक्स लेंस होता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही सभ्य और आदर्शों पर चलने वाले होते हैं। ये दिल के भी बड़े साफ होते हैं और बहुत सी चीज़ों की समझ रखते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अगर ललाट सामान्य से थोड़ा बहुत ही बाहर की ओर उभरा हुआ हो तो वो व्यक्ति जीनियस होता है। उसकी सूझ-बूझ बहुत ही अच्छी होती है, जिससे वो अपने काम बेहतर ढंग से कर पाता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिसका मस्तक गोलाकार और आंखें चंचल होती हैं, साथ ही जिनके बाल काले होते हैं, वे लड़कियां चेहरे से तो सुन्दर होती ही हैं, साथ ही मन से भी सुन्दर होती हैं। इनकी आवाज भी बहुत मीठी होती है। ऐसी लड़कियां जिस घर में जाती हैं, उस घर में बरकत ही बरकत होती है। ये अपनी बातों से ही दूसरों को खुश कर देती हैं। इन्हें सजने-संवरने में भी बड़ी रुचि होती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस लड़की की आंखें हिरणी के समान सुन्दर और बड़ी होती हैं, उनका घर में प्रवेश बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी लड़की के कदम आपके घर के भाग्य को उन्नति की ओर ले जाएगी।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार पैरों के तलवों के नीचे त्रिकोण का निशान हो, वे बहुत ही बुद्धिमान और सूझ-बूझ वाले होते हैं। ऐसा जीवनसाथी आपके परिवार की हर संभव मदद करने की कोशिश करेगा और सभी को खुश रखेगा।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की आंखों के किनारों को काल्पनिक रूप से मिलाने पर वो ऊपर भौहों की तरफ मिल रहे हों, वो लोग सांसारिक चीजो की तरफ ज्यादा ध्यान ना देकर आध्यात्मिक चीज़ों की तरफ ध्यान देते हैं। ये लोग स्वभाव से बड़े ही भावुक होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार तिरछी आंख वाले लोगों का कॉन्फिडेंस लेवल बहुत अच्छा होता है। ये अपने कॉन्फिडेंस के बल पर कुछ भी करने के लायक होते हैं। मीटिंग्स के दौरान या किसी से अपनी बात कहते समय ये भरपूर ऊर्जा से भरे रहते हैं और पूरजोर तरीके से अपनी बात दूसरों के सामने रखते हैं।
छोटी आंखों वाले लोग अपने विचारों को जल्दी से किसी दूसरे के सामने उजागर नहीं करते। ये लोग इंट्रोवर्ट होते हैं। इनका स्वभाव थोड़ा संकुचित होता है। इनके अंदर व्यवहारिक प्रवृत्ति की कमी होती है।
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